अजब गजब

न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक घोटाले की जांच कहां तक पहुंची, प्रीति जिंटा के नाम पर EOW ने कही ये बात

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न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक की जांच कहां तक पहुंची

मुंबई में स्थित न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक में बीते दिनों 122 करोड़ रुपये के घोटाले की बात सामने आई थी। इस मामले की जांच EOW कर रही है। इस बीच न्यू कोऑपरेटिव बैंक द्वारा एक्ट्रेस प्रीति जिंटा को 18 करोड़ रुपये लोन दिए जाने और उसे राइट ऑफ करने का मामला सामने आया है, जिसे लेकर मुंबई ईओडब्ल्यू का कहना है कि प्रीति जिंटा का मामला ईओडब्ल्यू की जांच का हिस्सा नहीं है। इस बारे में हमें कोई शिकायत नहीं मिली है और ना ही इस बारे में ईओडब्ल्यू कोई जांच कर रही है। ईओडब्ल्यू केवल बैंक से 122 करोड़ रुपये के धांधली की जांच कर रही है। 122 करोड़ के हेरफेर मामले में बैंक के पिछले 4 साल के ऑडिटर्स को ईओडब्ल्यू सम्मन भेज रही है। 

ईओडब्ल्यू ने क्या कहा?

ईओडब्ल्यू ने कहा कि जिन ऑडिटर्स को सम्मन किया जाएगा वो हैं संजय राणे एंड एसोसिएट्स और उनके पार्टनर अभिजीत देशमुख, यूजी देवी एंड कंपनी, गांधी एंड एसोसिएट्स, शिंदे नायक एसोसिएट्स, जैन त्रिपाठी एंड कंपनी, मोगुल एंड कंपनी। ईओडब्ल्यू ने कहा कि जांच में सामने आया है कि प्रभादेवी की ब्रांच के वॉल्ट में ज्यादा से ज्यादा 10 करोड़ रुपये रखे जा सकते थे और गोरेगांव की ब्रांच वॉल्ट में भी उतने ही पैसे रखे जाने की कैपैसिटी थी। लेकिन बैंक अकाउंट बुक में 133 करोड़ दिखाए जा रहे थे। 12 फरवरी को जब आरबीआई की जांच हुई तो गोरेगांव ब्रांच में 10.53 करोड़ और प्रभादेवी में सिर्फ 60 लाख कैश मिले। मतलब 122 करोड़ रुपये कम थे, जिसके बाद यह जांच शुरू की गई।

बीते दिनों  अभिमन्यु भोअन की हुई थी गिरफ्तारी

बता दें कि इस मामले में बीते दिनों मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने बैंक के पूर्व सीईओ अभिमन्यु भोअन (45) को गिरफ्तार किया है। 2008 से वह बैंक से जुड़े हुए थे। वह शुरुआत में बैंक के आईटी के वाईस प्रेसिडेंट थे। 2019 में वह बैंक के सीईओ बने थे। उनसे पहले दामयंती सालुंखे सीईओ थीं। बाद में दामयंती सालुंखे को बैंक का कार्यकारी निदेशक बना दिया गया और फिर साल 2019 में अभिमन्यु को पदोन्नत किया गया। सितंबर 2024 में बैंक ने उनके सीईओ के रूप में एक्सटेंशन के लिए आरबीआई से अनुमति मांगी थी। आरबीआई ने एक्सटेंशन की अनुमति को अस्वीकार कर दिया। इसके बाद 6 फरवरी 2025 को बैंक ने उन्हें बताया कि उन्हें बैंक के सीईओ के पद से हटा दिया गया है। तब से ही वह छुट्टी पर थे।




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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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