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हमास का इजरायल पर हमला है आतंकी कृत्य… फिलिस्तीन पर क्या है भारत का स्टैंड? विदेश मंत्रालय ने कर दिया साफ

नई दिल्ली: इजरायल-हमास जंग पर विदेश मंत्रालय का पहला रिएक्शन आया है. हमास के इजरायल पर हमलों को लेकर विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत हमास के इस एक्ट को आतंकवादी हमलों के तौर पर देखता है. भारत की लंबे समय से चली आ रही स्थिति को दोहराते हुए विदेश मंत्रालय ने कहा कि इजरायल और फिलिस्तीन को ‘शांति पूर्वक सह-अस्तित्व’ में रहना चाहिए. विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत ने शांतिपूर्ण सहअस्तित्व वाले एक संप्रभु फिलिस्तीन देश की स्थापना के लिए इजरायल के साथ सीधी बातचीत फिर से शुरू करने की हमेशा से वकालत की है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमास द्वारा किए गए हमले पर एक ब्रीफिंग के दौरान कहा, ‘हम बहुत स्पष्ट हैं कि हम हमास के इस कृत्य को एक आतंकवादी हमले के रूप में देखते हैं. यह पहली बार है, जब इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष पर विदेश मंत्रालय ने कोई अधिकारिक बयान दिया है. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘आतंकवादी हमले’ की निंदा करते हुए और इजरायल के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए दो बयान जारी किए थे. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री की बातचीत (इजरायली प्रधानमंत्री के साथ) और टिप्पणियां अपने आप काफी हैं और अब किसी स्पष्टीकरण की आवश्यकता नहीं है.

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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, ‘अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का पालन करना एक सार्वभौमिक दायित्व है. आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों के खतरे से लड़ना भी एक वैश्विक जिम्मेदारी है.’ यह 10 अक्टूबर को इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ पीएम मोदी की बातचीत के अनुरूप ही था, जिसमें पीएम मोदी ने कहा था कि वह अपने सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में आतंकवाद की दृढ़ता से और स्पष्ट रूप से निंदा करते हैं.

फिलिस्तीन पर भारत का रुख
इजरायल-हमास जंग पर अरिंदम बागची ने कहा कि फिलिस्तीन पर भारत की नीति दीर्घकालिक और सुसंगत रही है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि भारत ने हमेशा इजरायल के साथ शांति से सुरक्षित और मान्यता प्राप्त सीमाओं के भीतर रहने वाले फिलिस्तीन के एक संप्रभु और स्वतंत्र देश की स्थापना के लिए सीधी बातचीत फिर से शुरू करने की वकालत की है.

यह इस बात को पुष्ट करता है कि भारत ‘टू-स्टेट सॉल्यूशन’ के बीच अंतर कर रहा है, जिसका मोदी सरकार ने अतीत में समर्थन किया है. हमास द्वारा किए गए कायरतापूर्ण आतंकवादी हमले ने विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों सहित निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाया था.

वहीं, कांग्रेस नेताओं ने फिलिस्तीन के पक्ष में सीडब्ल्यूसी के प्रस्ताव का हवाला देते हुए बताया था कि कैसे PM मोदी ने 2018 में फिलिस्तीन का दौरा किया था और ‘टू-स्टेट सॉल्यूशन’ की वकालत की. विदेश मंत्रालय ने अब भारत की दीर्घकालिक स्थिति को दोहराया है. हालांकि, भाजपा सरकार स्पष्ट है कि वह वर्तमान में हमास द्वारा इजरायल पर 7 अक्टूबर के ‘आतंकी हमले’ पर ध्यान केंद्रित कर रही है.

Tags: India-Israel, Israel, Israel News, Israel-Palestine, Israel-Palestine Conflict


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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