सहकारी बैंक में बार-बार तबादले का खेल जारी: शाखा प्रबंधकों को बार-बार तबादला कर फुटबॉल बना डाला..

जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक के महाप्रबंधक का बार-बार तबादला किये जाने वाला कमाई का खेल धड़ल्ले से जारी है। जिससे संत्रस्त कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त है। सहकारी केंद्रीय बैंक के प्रभारी महा प्रबंधक ने 15 दिवस में एक ही शाखा प्रबंधक के कई बार तबादला आदेश जारी किए है।यह कैसी स्थानांतरण नीति है, जो समझ से परे है? शाखा प्रबंधकों के स्थानांतरण में किस नियम का पालन हुआ है? जिसने कुछ शाखा प्रबंधकों को फुटबॉल बना डाला है।
#फुटबॉल बने कुछ शाखा प्रबंधक में अजय असाटी को बिजावर से नौगांव फिर नौगांव से शाखा प्रबंधक महल रोड छतरपुर आनंद मोहन खरे को राजनगर से बमीठा फिर बमीठा से महाराजपुर किया गया| सुरेंद्र सोलंकी को बड़ा मलहरा से बिजावर फिर पुनः बड़ा मलहरा किया गया। हरिशंकर तिवारी को हेड ऑफिस से महाराजपुर फिर बमीठा किया गया। संतोष पांडे हेड ऑफिस से बड़ा मलहरा फिर बड़ा मलहरा से मुख्यालय छतरपुर के नाम प्रमुख हैं।
#इसी प्रकार मोहिनी सिंह यादव लवकुश नगर से गौरिहार, सुरेंद्र नापित बारीगढ़ से लवकुश नगर, गौरव सिंह को गौरिहार से बारीगढ़, देवेंद्र सिंह सोलंकी को महाराजपुर से हेड ऑफिस छतरपुर, सुनील रावत को बमीठा से राजनगर स्थानांतरित किया गया है। इनको महाप्रबंधक का चहेता और कमाऊ पूत कहा जाता है।
#जानकारों की माने तो जिले में ऐसे कई शाखा प्रबंधक हैं, जो कई वर्षों से एक ही स्थान पर आज भी जमे हुए हैं। कई शाखा प्रबंधकों पर तो भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे, मगर कहते हैं सहकारिता में सब जायज है। क्योंकि गंभीर आरोपों में घिरे शाखा प्रबंधकों पर आज तक कोई कठोर (ठोस) कार्यवाही नहीं हुई है।जिससे यह कहना गलत नहीं होगा की सहकारिता में सब जायज हैl
#यह कैसी स्थानांतरण नीति जिसने 15 दिवस पहले किए गए शाखा प्रबंधकों के स्थानांतरण में किस नियम का पालन नहीं हुआ, जो कुछ शाखा प्रबंधकों को बार-बार तबादला कर फुटबॉल बना डाला है।
#अब प्रशासक बने कलेक्टर संदीप जीआर तबादलों के इस कमाई वाले खेल का संज्ञान लेते हैं अथवा नहीं? या महाप्रबंधक का भर्राशाही और भ्रष्टाचार का ऐसा खेल जारी ही रहेगा।