कलेक्टर का अल्टीमेटम: आज खाली करनी होगी रेडक्रॉस के दुकानदारों को दुकानें, कल होगी ध्वस्तीकरण की कार्यवाही

दुकानों के बाहर चस्पा हुए नोटिस, दुकानदारों में मचा हड़कंप
छतरपुर। छतरपुर शहर के व्यस्ततम छत्रसाल चौराहे और जिला चिकित्सालय में बढ़ती मरीजों की भीड़, आवाजाही में हो रही परेशानी और ट्राफिक जाम की समस्या से निजात दिलाने कलेक्टर संदीप जी आर ने जिला चिकित्सालय परिसर के बाहर बनी 13 दुकानदारों को तीन दिवस के अंदर दुकानें खाली करने का नोटिस थमाया है। दुकानदारों के दुकान के बाहर बाकायदा नोटिस भी चस्पा किया गया है जिसमें 29 सितंबर को नोटिस जारी किया गया है जिसमें 72 घंटे में दुकानें खाली करना उल्लिखित किया गया है । कलेक्टर के इस नोटिस के बाद से दुकानदारों में हडकंप मचा हुआ है।
गौरतलब हो छतरपुर जिले में वर्ष 1990 में छतरपुर के तत्कालीन कलेक्टर एमके राउत के द्वारा छतरपुर शहर में बेरोजगार लोगों को रोजगार देने के उद्देश्य से शहर में रेडक्रास सोसायटी द्वारा दुकानों का निर्माण कराया गया था साथ ही अस्पताल में रेडक्रास सोसायटी के द्वारा रेडक्रास के वार्डों का भी निर्माण कार्य कराया गया था। तत्कालीन कलेक्टर एमके राउत के द्वारा स्वयं मौके पर उपस्थित होकर खुली बोली लगाकर दुकानदारों को दुकानें आवंटित की गई थीं और उसके बाद तत्कालीन कलेक्टर आरएस जुलानिया ने भी मोटे के महावीर मंदिर के सामने रेडक्रास सोसायटी द्वारा लगभग 100 दुकानों का निर्माण कराया गया। यही नहीं जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन बंगले के बाहर बीएड कॉलेज के सामने भी लगभग 25 दुकानों का निर्माण कार्य कराया गया और दुकानें आवंटित की गई। पूरे शहर में रोजगार उपलब्ध हों इसके लिए पूर्व कलेक्टरों के द्वारा दुकान आवंटित की गई थी।
कलेक्टर ने अपने न्यायालय के प्रकरण क्रमांक 0067/बी-121/रेडक्रास/23-24 दिनांक 29.09.2023 को एक आदेश पारित किया है। इस आदेश में उन्होंने उल्लेख किया है कि दुकानदारों ने रेडक्रास के नियम और शर्तों का खुला उल्लंघन किया है। एवं किराया जमा करने में 10 तारीख होने के बाद भी किराया जमा नहीं किया गया तथा जो अधिवार निर्धारित किया गया था उसकी राशि भी नहीं दी गई है। कलेक्टर ने सभी 13 दुकानदारों को नोटिस जारी कर तीन दिवस के अंदर समस्त सामान पूर्ण रूप से खाली करने के आदेश दिए हैं और इस आदेश में उल्लेख किया है कि यदि दुकानदार अपना सामान खाली नहीं करते हैं तो दुकान ढहने के समय सामान की जो क्षति होगी उसके उत्तरदायी दुकानदार होंगे। कलेक्टर ने इसके लिए एक एक प्रति पुलिस अधीक्षक छतरपुर, अनुविभागीय अधिकारी छतरपुर, नगर पालिका अधिकारी छतरपुर को आदेश का पालन करने के लिए भी सूचित किया है।
हालांकि छतरपुर कलेक्टर के द्वारा लगातार दुकानदारों को यह चेतावनी दी जा रही थी कि वह अपनी दुकानें खाली कर दें परंतु दुकानदारों को जो नोटिस दिए गए थे उन नोटिसों के खिलाफ दुकानदार हाईकोर्ट चले गए थे और स्टे ले आए थे। तभी कलेक्टर के द्वारा अब नए नियम और शर्तों के उल्लंघन के तहत नोटिस जारी कर दुकान खाली करने का आदेश किया गया है।
निश्चित ही छत्रसाल चौराहे पर निर्मित रेडक्रॉस की दुकानों को गिराने का फैसला स्वागत योग्य है लेकिन दुकानदारों के मानवीय पहलू को भी ध्यान में रखकर उन्हें अन्यत्र दुकानें बनाकर दी जा सकती हैं ऐसा दुकानदारों व शहरवासियों का कहना है जिससे वह बेरोजगार होने से बच जाएंगे और रोजी रोटी का संकट भी नही होगा। फिलहाल सभी दुकानदारों के द्वारा भारतीय जनता पार्टी की छतरपुर प्रत्याशी ललिता यादव से गुहार लगाई है और मुख्यमंत्री तक यह बात पहुंचाई जा रही है। भारतीय जनता पार्टी के कुछ पार्षदों के द्वारा भी सोशल मीडिया पर कलेक्टर के आदेश का विरोध किया जा रहा है। संभवत: आज नगर पालिका के पार्षदगण के अलावा कई राजनेता भी टेंट लगाकर प्रदर्शन कर सकते हैं। वर्तमान में छतरपुर शहर में रेडक्रास की 233 दुकानें बनी हुई हैं इन दुकानों के माध्यम से लाखों रुपए किराया आता है।
इस संबंध में छतरपुर कलेक्टर संदीप जी आर का कहना है कि लोकनिर्माण विभाग द्वारा चौराहे के विकास में दुकानों को बाधक बताया गया है, सिविल सर्जन के पत्रानुसार अनुसार अंधा मोड़ होने से, दुकानों के बाहर वाहन खड़े होने से आकस्मिक कॉल वाहन एवं जीवनरक्षक एंबुलेंस को जाम के कारण अस्पताल में घुसने में भारी दिक्कत होती है.. शहरवासियों की इन्हीं परेशानियों को देखते हुए जनहित में चौराहे का चौड़ीकरण कर सौन्दर्यीकरण किया जा रहा है। यह शहर आपका है और इसे व्यवस्थित और सुंदर बनाए रखना हमारी जबावदारी है।