Sant Rajgiri Maharaj reached Morena | गंगोत्री से रामेश्वरम तक कर रहे 3200 किलोमीटर की कनक दंडवत यात्रा

मुरैनाएक घंटा पहले
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राजस्थान के करौली के संत राज गिरी महाराज कनक दंडवत करते हुए शुक्रवार को मुरैना पहुंचे। मुरैना में उनका जगह-जगह स्वागत किया गया। वे गंगोत्री से रामेश्वरम तक 3200 किलोमीटर की कनक दंडवत यात्रा करते हुए जा रहे हैं।
बता दे कि, राजस्थान के करौली के संत राजगिरि महाराज गंगोत्री से रामेश्वरम तक करीब 3200 किलोमीटर की कनक दंडवत यात्रा कर रहे है। यात्रा के दौरान संत राजगिरि का चम्बल पर धर्म प्रेमियों ने जगह जगह नेशनल हाईवे 44 पर फूल मालाओं से स्वागत किया। इसके बाद मुरैना पहुंचे संत राजगिरी ने बताया कि उन्होंने गंगोत्री से 14 अप्रैल को कनक दंडवत यात्रा प्रारंभ की थी। यात्रा को शुरू किये पांच माह से अधिक का समय बीत गया है।। रामेश्वरम पहुंचकर यात्रा का समापन किया जाएगा। संत राजगिरि ने बताया कि यात्रा का मुख्य उद्देश्य पश्चिमी सभ्यता की ओर आकर्षित हो रहे लोगों में सनातन की अलख जागृत करना है।

उत्तर प्रदेश में हुआ था जन्म
बता दें कि संत राजगिरी महाराज की जन्म भूमि आगरा जिले की फतेहाबाद तहसील के गांव झुमकराय का पुरा में है। उनका आश्रम राजस्थान के करौली जिले के गुढला पहाड़ी पर स्थित है। संत राजगिरी महाराज ने पहले समाधि शिवपुरी में ली थी। वे चार बार समाधि जिला करौली के गुडला गांव में भी ले चुके हैं । समाधि का अधिकतम समय 5 दिन रहा है।
एक वर्ष अग्नि के सामने बैठकर तप किया है। इसलिए उन्हें तपस्वी बाबा के नाम से भी जाना जाता है। यात्रा के मुरैना पहुंचने पर जीगनीं गांव के प्रथ्वी गुर्जर के साथ सर्व समाज के लोगों की ओर से संत राजगिरि महाराज का स्वागत सम्मान कर आशीर्वाद प्राप्त किया।इसके बाद महाराज जी यात्रा ग्वालियर के लिए रवाना हुई।

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