Condition of cities and villages worsened due to rain | पुलिया डुबने से 2 हजार लोगों की रुकी आवाजाही; घरों में घुसे कीचड़ से गृहस्थी बर्बाद

इंदौर17 मिनट पहले
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शुक्रवार और शनिवार को तेज बारिश के बाद रविवार को बारिश की गति तो मंद हो गई, लेकिन पानी उतरते ही मुसीबत चढ़ गई। बस्तियों में सबसे ज्यादा खराब हालात बन गए। पानी उतरा तो घरों के सामने कीचड़ फैल चुका था। रविवार का पूरा दिन लोगों ने घर का सामान व्यवस्थित करने में बिताया। गृहस्थी पूरी तरह बर्बाद हो गई। हालांकि ग्रामीण क्षेत्रों में नदी, नालों और तालाब का पानी अभी भी आफत बना हुआ है। कबूतरखाना, नॉर्थतोड़ा, कुशवाह नगर, महेश नगर व चंदन नगर की बस्तियों के जिन परिवारों को शिफ्ट किया था, वे रविवार सुबह घर तो लौटे लेकिन हालात अब भी रहने लायक नहीं है। शाम को सभी को वापस धर्मशालाओं का ही आसरा लेना पड़ा।
शहर में कुछ इलाके ऐसे भी हैं, जहां सड़क पर अभी पानी भरा हुआ है। सियागंज, चंदन नगर से लेकर नॉर्थ तोड़ा सहित कई कॉलोनियों में पानी जमा है। इससे व्यापार प्रभावित हुआ है, क्योंकि लोगों ने दुकानें ही नहीं खोलीं। शनिवार को भी इसी वजह से दुकानें बंद थीं। रविवार को भी यही स्थिति रही।
एमटीएच अस्पताल का तलघर तालाब बन चुका है। करंट न फैले, इसलिए चारों लिफ्ट बंद करना पड़ी। गर्भवती व डॉक्टरों को सीढ़ियों या रैंप का इस्तेमाल करना पड़ेगा। पानी निकालने के लिए नगर निगम से मशीन बुलवाई गई। अस्पताल प्रशासन के मुताबिक पानी निकालने में 4 दिन और लगेंगे।
पुलिया पर पानी, शाहपुरा के दो हजार लोग अटके
पिछले तीन दिनों से हो रही बारिश से सबसे ज्यादा देपालपुर में इसका असर देखा गया है। इस सीजन में देपालपुुर में अब तक 68 इंच से ज्यादा बारिश हो चुकी है। इस दौरान जहां 50 से ज्यादा गांवों की सोयाबीन की फसलों को नुकसान हुआ है वहीं यहां शाहपुरा गांव ऐसा है जहां सबसे ज्यादा पानी अभी भी भरा हुआ है।
दरअसल यहां मुख्य मार्ग की एक पुलिया सात साल से क्षतिग्रस्त है जो पानी में डूब गई है और शाहपुरा तालाब का पानी लगातार बह रहा है। इस कारण इस रास्ते से आवाजाही बंद है। गांव की आबादी करीब 2 हजार है। सात साल से वे जनप्रतिनिधियों से नई पुलिया बनाने की गुहार कर रहे हैं लेकिन सरकार के पास बजट नहीं है। चूंकि इन तीन दिनों में बारिश बहुत ज्यादा (16 इंच से ज्यादा) हुई है इसलिए यहां के हालात भी खराब हो गए।
देपालपुर का दूसरा बड़ा तालाब

इस तरह ओवर फ्लो हो रहा है शाहपुरा का तालाब।
उक्त शाहपुरा तालाब देपालपुर के नौगांवा पंचायत में आता है। सरपंच सुनीलसिंह पटेल ने बताया कि देपालपुर का सबसे बड़ा बनेडिया है जबकि शाहपुरा दूसरा बड़ा तालाब है जो 100 बीघा में फैला है। इससे लगे मुख्य मार्ग पर 30 साल पहले एक पुलिया बनाई गई थी। करीब सात पहले पहले वह क्षतिग्रस्त हो गई।
ज्यादा बारिश होने पर तालाब का पानी पुलिया पार कर गांव और फसलों की ओर आता है। इस बार देपालपुर में 48 घंटों में 16 इंच से ज्यादा बारिश हुई तो इस तालाब का पानी ओवर फ्लो हो गया है। इससे पुलिया तो पूरी तरह डूब ही गई है, तीन दिन से पानी लगातार बह रहा है। इससे गांव की 2 हजार लोगों की आबादी प्रभावित हुई है। पानी थमने पर ही वे अब आवाजाही कर सकेंगे।
सांसद, विधायक और जनपद को कई बार कर चुके हैं गुहार
सरपंच पटेल ने बताया कि वे इसे लेकर सांसद, पूर्व विधायक मनोज पटेल, वर्तमान विधायक विशाल पटेल, जनपद आदि कई बार पत्र लिख चुके हैं। इसके साथ ही ग्रामीणों के साथ जाकर भी मिले लेकिन अभी तक पुलिया नहीं बनी है। जनप्रतिनिधियों द्वारा बताया जाता है कि सरकार के पास इसके लिए बजट नहीं है।
20 फीट ऊंची पुलिया की है दरकार
किसान लाखनसिंह पटेल, जितेंद्र गेहलोत, धन्नालाल भगत, अर्जुनसिंह पटेल व बहादुरसिंह ने बताया कि अब यहां 20 फीट ऊंची तथा 12 फीट चौड़ी और मजबूत पुलिया बनाने की जरूरत है। इसकी लागत करीब 20 लाख रु. है। अगर आने वाले सालों में इस तरह बारिश हुई और पुलिया नहीं बनी तो परेशानी और बढ़ जाएगी। अभी भी हालात अच्छे नहीं हैं। रविवार को भी सामान्य बारिश हुई है जबकि मौसम विभाग ने सोमवार-मंगलवार को भी तेज बारिश की चेतावनी दी है। ऐसे में स्थिति और खराब हो सकती है।
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