Jan Ashirwad Yatra will reach Sagar from Deori Assembly on 18th | 3 दिन में 8 विधानसभाओं के 400 गांवों से होकर गुजरेंगी, तीन राज्यों के CM होंगे शामिल

सागरएक घंटा पहले
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जन आशीर्वाद यात्रा की जानकारी देते हुए पदाधिकारी।
प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी जन आशीर्वाद यात्राएं निकाल रही हैं। सागर जिले में 18 सितंबर को जन आशीर्वाद यात्रा पहुंचेगी। यात्रा देवरी विधानसभा के महाराजपुर से सागर जिले में प्रवेश करेगी। जन आशीर्वाद यात्रा 3 दिन तक जिले में रहेगी। इस दौरान यात्रा जिले की 8 विधानसभाओं के 400 से अधिक ग्रामों से होकर गुजरेगी और करीब 287 किमी घूमेगी। यात्रा में 3 राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल होंगे। इसमें उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शामिल होने सागर पहुंचेंगे। वहीं यात्रा के दौरान जिले में करीब 12 रथ सभाएं और 5 मंचीय सभाएं आयोजित की जाएंगी।
18 को सागर और 19 को खुरई, बीना पहुंचेगी यात्रा
भाजपा जिलाध्यक्ष गौरव सिरोठिया ने बताया कि 18 सितंबर को देवरी विधानसभा के महाराजपुर से जन आशीर्वाद यात्रा सागर जिले में प्रवेश करेगी। 18 सितंबर को यात्रा में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रभात झा समेत अन्य जनप्रतिनिधि शामिल होंगे। जहां से यात्रा देवरी, सहजपुर, केसली, गौरझामर, सुरखी, बिलेहरा, चितौरा, मकरोनिया होते हुए सागर पहुंचेगी। जहां रात्रि विश्राम होगा। 19 सितंबर को यात्रा नरयावली, जरुआखेड़ा, खुरई, बीना, खिमलासा, मालथौन, बांदरी, रजवांस, बहरोल होते हुए बंडा पहुंचेगी। जहां यात्रा रात्रि विश्राम करेगी। 19 सितंबर को यात्रा में खुरई और बीना में प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शामिल होंगे। 20 सितंबर को जन आशीर्वाद यात्रा बंडा से शुरू होकर शाहपुर, गढ़ाकोटा पहुंचेगी। जहां से यात्रा दमोह जिले में प्रवेश करेगी। जन आशीर्वाद यात्रा सागर जिले में 3 दिन रहेगीl इस दौरान करीब 12 रथ सभाएं और 5 मंचीय सभाएं आयोजित की होंगी।
कांग्रेस की सरकार में बदहाल था मध्यप्रदेश
भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने कहा कि बीते 20 सालों में भाजपा की सरकार ने मध्यप्रदेश को विकसित राज्यों की कतार में खड़ा कर दिया है। लेकिन प्रदेश की जनता कांग्रेस की सरकार के दुर्दिनों से भली भांति परिचित है। वर्ष 2003 के पहले प्रदेश बदहाल था। सड़कें गड्ढों में बदल गई थीं। बिजली आती-जाती रहती थी। आमजन के लिए शासकीय सुविधाएं पाना कठिन था। शासकीय अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाएं स्वयं बीमार थीं। सरकारी स्कूल 500 रुपए महीने पर काम करने वाले शिक्षाकर्मियों के भरोसे थी। प्रदेश बीमारू राज्य की श्रेणी में था। बाद में कमलनाथ सरकार ने अपने 15 महीनों के कार्यकाल में जनता से कपट की जो पटकथा लिखी, वह प्रदेश का हर व्यक्ति जानता है।
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