मध्यप्रदेश

Bhopal’s Nirmala Patil, age 50, will run in Malaysia | लिवर इन्फेक्शन होने से कभी मैदान से 21 साल दूर रहीं; अब मास्टर्स गेम्स में दिखा रहीं ताकत

भोपाल22 मिनट पहले

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निर्मला पाटिल भोपाल आईटीआई में सहायक ग्रेड-2 के पद पर पदस्थ हैं।

कभी लिवर इन्फेक्शन होने की वजह से मैदान से 21 साल तक दूर रही भोपाल की एथलीट निर्मला पाटिल अब विदेश में दौड़ लगाएगी। मलेशिया के क्वालालंपुर में 16 से 17 सितंबर में होने वाली 36वीं मास्टर अंतरराष्ट्रीय चैम्पियनशिप में निर्मला हिस्सा लेंगी। 50 साल की निर्मला 2 किलोमीटर पैदल चाल और 3000-1500 मीटर दौड़ कैटेगिरी में हिस्सा लेंगी। हाल ही में पश्चिम बंगाल के मिदनापुर में हुई नेशनल चैम्पियनशिप में निर्मला ने एक गोल्ड और दो सिल्वर मेडल जीते हैं।

मूलत: बालाघाट जिले की निर्मला भोपाल स्थित आईटीआई में सहायक ग्रेड-2 के पद पर पिछले 12 साल से पदस्थ हैं। बुधवार रात में वे दिल्ली के लिए रवाना हो गईं। जहां से गुरुवार को मलेशिया जाएंगी। उन्होंने बताया कि मिदनापुर में हुई चैम्पियनशिप से मेरा सिलेक्शन मलेशिया में हो रही इंटरनेशनल चैम्पियनशिप में हो गया। वहां 2 किमी पैदल चाल, 3 हजार मीटर और 1500 मीटर दौड़ में हिस्सा लेंगी। नौकरी में आने से पहले 17 नेशनल और एक ऑल इंडिया में खेली थीं।

एथलीट निर्मला पाटिल ने मिदनापुर में हुई नेशनल चैम्पियनशिप में एक गोल्ड और दो सिल्वर मेडल जीते।

एथलीट निर्मला पाटिल ने मिदनापुर में हुई नेशनल चैम्पियनशिप में एक गोल्ड और दो सिल्वर मेडल जीते।

पैदल चलना सबसे मुश्किल
निर्मला पाटिल ने बताया कि क्वालालंपुर में वे पैदल चाल और दौड़ में हिस्सा लेंगी। पैदल चलना सबसे मुश्किल है। पहले ऐढ़ी और फिर पंजा रखना पड़ता है। यदि सामान्य चाल चलते हैं तो बाहर हो जाते हैं। इसलिए इसकी प्रैक्टिस भी जरूरी है। मिदनापुर में 5Km पैदल चाल में टाइमिंग 35 मिनट रही थी। वहीं, 10Km दौड़ में 45 मिनट का समय लगा था।

स्पोर्ट्स कोटे से मिली नौकरी, फिर दो साल ही खेल सकीं
5 अप्रैल 1973 को बालाघाट जिले के छोटे से गांव खेड़ी में जन्मी निर्मला ने 9 नवंबर 1998 को जबलपुर स्थित कौशल संचालनालय में नौकरी जॉइन की। इसके बाद वे सिर्फ दो साल ही खेल सकीं। फिर लिवर में इन्फेक्शन होने से नागपुर में भर्ती हुई। जहां उनका माइनर ऑपरेशन हुआ। इसके बाद उन्हें शारीरिक कमजोरी के कारण 21 साल तक मैदान से दूर रहना पड़ा।

परिजनों और साथियों ने ताकत दी, आखिर मैदान में उतर गईं
निर्मला ने बताया कि 21 साल तक मैदान से दूर रहने के बाद परिजनों और साथियों ने हिम्मत दी। उन्होंने फिर से मैदान में उतरने के लिए मोटिवेट किया। शुरुआत में काफी दिक्कतें हुईं, लेकिन हार नहीं मानी। इसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा। 2 साल में नेशनल लेवल पर कई मेडल जीते।

  • 2021 में हरियाणा में हुए ऑल इंडिया सिविल सर्विसेस गेम्स में पहुंची। यहां मेडल नहीं मिला, लेकिन इसके बाद मई 2022 मई में तिरुअनंतपुरम में हुए नेशनल मास्टर्स में एक गोल्ड और दो सिल्वर मेडल जीते। यहां उन्होंने 5000 मीटर पैदल चाल में पहले स्थान पर रहकर गोल्ड मेडल जीता। 400 मीटर दौड़ में एक सिल्वर मेडल जीता।
  • इसके बाद वे पश्चिम बंगाल के पश्चिम मिदनापुर में हुई भी इंडिया मास्टर्स एथलीट्स मीट्स में भी शामिल हुई।
  • हाल ही में इंडिया मास्टर्स एथलेटिक नेशनल मास्टर एथलेटिक चैम्पियनशिप मिदनापुर में भी निर्मला ने एक गोल्ड और दो सिल्वर मेडल जीते।

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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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