Election year…Nationalist Intellectual Brigade increased its activism in Indore. | शिक्षा, कला-संस्कृति और साहित्य जगत के प्रबुद्ध लोगों पर सीधा फोकस

दैनिक भास्कर39 मिनट पहलेलेखक: देवेंद्र मीणा
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मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव करीब है तो लोकसभा भी उसके ठीक बाद होने वाले हैं। इसी बीच प्रबुद्धजनों के बीच संघ से जुड़े लोगों की बौद्धिक ब्रिगेड बेहद एक्टिव दिखाई दे रही है। इनसे जुड़े लोग लगातार प्रबुद्धजनों के बीच जा रहे हैं और फीडबैक ले रहे हैं। शिक्षा, साहित्य, कला, संस्कृति जगत में इन लोगों की सक्रियता चर्चा में है।
दैनिक भास्कर ने राष्ट्रवादी विचारधारा पर लगातार काम कर रहे कुछ प्रमुख लोगों से बातचीत की है। उनका यही कहना है कि हम राष्ट्रवादी विचारधारा और संगठन के लिए जिंदगीभर काम करते रहे हैं और करते रहेंगे। चुनाव से इसका ताल्लुक नहीं है, जनजागरुकता अभियान हमारी सतत प्रक्रिया का हिस्सा है।
राष्ट्रवादी चेहरे..जो क्षेत्र में सक्रिय थे, अब और ज्यादा हो गए
1. डॉ. विकास दवे – मालवा-निमाड़ के बौद्धिक वर्ग को भी लगातार कनेक्ट करने का काम रहे हैं। उनकी सक्रियता पूरे मध्यप्रेदश में और खासतौर पर मालवा-निमाड़ में लगातार देखी जा रही है। साहित्यिक आयोजनों में बतौर अतिथि शामिल हो रहे हैं। अपने भाषण में उन संगठनों और ताकतों की खूब खिंचाई करते हैं, जो संघ विरोधी कहे जाते हैं। रोजाना औसतन 2 से 4 प्रोग्राम में प्रतिदिन दवे की उपस्थिति हाेने लगी है। युवाओं को साहित्य के माध्यम से जोड़ने पर विशेष जोर दिया जा रहा है।
कौन हैं दवे
– शिशु मंदिर में आचार्य रहे। हिन्दी साहित्य में MA, एमफिल के साथ PhD
– संघ की विचारधारा से जुड़ी बाल मासिक पत्रिका देवपुत्र के संपादक
– मध्यप्रदेश साहित्य अकादमी के निदेशक निदेशक

2. जयंत भिसे
संस्था सानंद के माध्यम से मराठी समाज के बीच लगातार सांस्कृतिक और बौद्धिक गतिविधियों का संचालन कर रहे हैं। नाटक सहित अन्य संगीत प्रोग्राम के माध्यम से युवाओं को भी कनेक्ट करते हैं। हाल ही में यूनिवर्सिटी में तीन दिवसीय प्रोग्राम किया है। इसके अलावा महू में प्रोग्राम करने की तैयारी है।-
कौन हैं भिसे
– मूल रूप से बैंकर रहे, संघ और BJP के लिए सक्रिय
– नगर उपाध्यक्ष भी रहे। क्षेत्र नं. 4 से टिकट की चर्चा रही
– उस्ताद अलाउद्दीन खां संगीत एवं कला अकादमी मध्यप्रदेश के निदेशक

3.अश्विन खरे
लगातार मराठी साहित्य से जुड़ी गतिविधियां करते हैं। हाल ही में हिन्दी मराठी दोनों भाषियों के लिए इंदौर में समग्र नर्मदा साहित्य सम्मेलन का आयोजन इन्होंने करवाया। शहर के प्रबुद्धजनों में खरे की अच्छी पैठ है। प्रतिदिन विभिन्न आयोजनों में उनकी सक्रियता बनी रहती है।
कौन हैं खरे
– संघ से लंबे समय से जुड़े रहे। मराठी साहित्य अकादमी के पूर्व निदेशक
– पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन के करीबी
– महाराष्ट्र साहित्य सभा के अध्यक्ष

4. डॉ.निशांत खरे
पढ़े-लिखे आदिवासी युवाओं की टीम को जोड़ रहे हैं। पिछले दिनों आदिवासी समाज के प्रबुद्धजनों से केंद्रीय मंत्री और बीजेपी में प्रदेश के चुनाव प्रभारी भूपेंद्र यादव ने संवाद किया था। इसमें खरे की महत्वपूर्ण भूमिका रही। उनकी मौजूदगी में ही प्रोग्राम हुआ। इसमें आदिवासी समाज के रिटायर्ड अधिकारी, प्रोफेसर, शिक्षाविद, महिला प्रमुख, यूथ लीडर्स आदि शामिल हुए थे।
कौन हैं डॉ. खरे
– कोरोनाकाल में सेवाओं और आपातकाल से निपटने के सुझाव के लिए चर्चा में आए
– वर्तमान में मध्यप्रदेश युवा आयोग के अध्यक्ष
– आदिवासी वर्ग में लोकप्रिय, सक्रियता इंदौर संभाग के आदिवासी अंचलों में भी।

5.माला सिंह ठाकुर
अहिल्या उत्सव समिति में सक्रिय भागीदारी। शहर में फूहड़ता परोसने वाले फैशन शो जैसे आयोजनों, लव जिहाद जैसे विषयों पर मुखरता से आवाज उठाते रही हैं। राजनीतिक हलकों में भारतीय जनता पार्टी की ओर से टिकट का दावेदार माना जा रहा है। एमएससी, एमबीए,एमजेएमसी,एमएसडब्लू तक एजुकेशन है।
कौन हैं ठाकुर
– बौद्धिक गतिविधियों को लेकर सक्रिय – स्वयंसेवी संगठन अभ्यास मंडल के माध्यम से युवाओं, महिलाओं और स्कूली बच्चों के बीच सक्रिय
– कान्ह नदी पुनर्जीवन सहित शहरहित के विभिन्न मुद्दों पर काम किया
– भोपाल क्षेत्र (मप्र-छग) दुर्गावाहिनी संयोजिका, 2017 से विहिप मालवा प्रांत उपाध्यक्ष

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