Rain continues in Indore for last two days | फसलों को राहत; 24 घंटे में आधा इंच से ज्यादा बारिश हुई दर्ज

इंदौर25 मिनट पहले
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मानसूनी सिस्टम एक्टिव होने के कारण इंदौर में पिछले दो दिनों से लगातार बारिश का दौर बना हुआ है। बुधवार और गुरुवार को हुई बारिश के बाद शुक्रवार को भी शहर के अलग अगल कोनों में सुबह 6 बजे से रुक रुक कर बारिश हो रही है। बुधवार शाम से शुरू हुई बारिश के बाद कल गुरुवार को सुबह से ही बारिश शुरू हो गई थी। दोपहर बाद अचानक मौसम में बदलाव दिखा और धूप भी निकली। लेकिन शाम 5.30 बजे फिर बादल छाए और तेज बारिश शुरू हो गई। पिछले 24 घंटे में लगभग आधा इंच से अधिक बारिश हो चुकी है जबकि बुधवार को भी आधा इंच बारिश हुई थी। सितंबर माह में यह पहली बार अच्छी बारिश की शुरुआत है। इससे पारे में भी गिरावट देखने को मिली। अधिकतम तापमान 30 डिग्री दर्ज किया गया, जो कि सामान्य से तीन डिग्री कम था। न्यूनतम तापमान 22 डिग्री दर्ज किया गया। वर्षा के दौरान दृश्यता गिरकर 1500 मीटर तक पहुंची और शाम तक शहर में धुंध का असर बना रहा। दिन में अधिकतम हवा 20 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से चली।

इंदौर जिले में लंबे अंतराल के बाद पिछले 24 घंटे से हो रही बारिश फसलों के लिए अमृत बन गई है। जिले में फसलों को नया जीवन मिला है। किसानों के चेहरे पर खुशियां लौट आई है।
वहीं इससे मौसम में ठण्डक घुली हुई है और गर्मी से राहत मिलने लगी है। मौसम वैज्ञानिकों ने अभी एक-दो दिन हल्की बारिश के आसार जताए हैं। साथ ही 12 सितम्बर से बंगाल की खाड़ी में एक सिस्टम बन रहा है। अगर यह स्ट्रांन्ग रहा तो अभी बारिश की जितनी कमी है उससे आधी की पूर्ति हो सकती है।

रिकॉर्ड देखा जाए तो 2019, 2020, 2021 और 2022 बारिश के मामले में मेहरबान रहा है। इससे पहले 2018 में जिले में औसत करीब 28 इंच ही बारिश हुई थी। जबकि जिले का कोटा 37 इंच माना जाता है। इस बार 32 इंच के करीब बारिश हुई है और अगस्त पूरी तरह सूखा गया। ऐसे में सितंबर से ही आस है, अन्यथा जिले का सामान्य कोटा भी पूरा नहीं हो पाएगा। आने वाली गेहूं फसल के लिए जरूर यह बारिश राहत दे सकती है।

कहीं कहीं यह बारिश सोयाबीन की फसलों के लिए अनुकूल है। फसलों पर सकारात्मक प्रभाव होगा। फसलों की स्थिति में सुधार होगा। जिन किसानों ने जल्दी पकने वाली सोयाबीन की किस्म लगाई है उनके खेतों में आंशिक रूप से नुकसान की आशंका है। जिले में इस वर्ष 2 लाख 13 हजार रकबे में सोयाबीन की फसल बोई गई है।

सूख रही सोयाबीन की फसल को राहत पर ज्यादा फायदा नहीं
उधर, पिछले तीन दिन से हल्की बारिश का दौर सांवेर, देपालपुर, महू सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में भी चल रहा है। इससे सोयाबीन की सूख रही फसलें फिर लहलहाने लगी है। किसान बबलू जाधव, रामप्रसाद बारोड, मदनलाल परमार व लाखन बारोड ने बताया कि सोयाबीन फसलों को जो पहले नुकसान होना था, हो चुका है। अब अगर अच्छी बारिश हुई तो आने वाली गेहूं के लिए जरूर फायदेमंद होगी। वर्ना पानी की कमी के कारण दिक्कत खड़ी हो जाएगी।
पारा गिरा, मौसम में घुली ठंडक
गुरुवार को अलसुबह तेज हवा के साथ जब बारिश शुरू हुई तो लोगों के चेहरे खिल उठे। यह बारिश लगभग 12 दिनों बाद हुई थी। अब तक आधा इंच से बारिश दर्ज की गई है। बारिश का प्रभाव यह रहा कि इतने दिनों से दिन और रात का तापमान बढ़ने से जो गर्मी हो रही थी उससे राहत मिली है। मंगलवार को जहां दिन का तापमान 33.4 डिग्री (+4) था वह 30 डिग्री (सामान्य) सेल्सियस पर आ गया है। ऐसे ही मंगलवार रात का तापमान जहां 22.8 डिग्री सेल्सियस (+2) था, वह बुधवार रात को मामूली गिरावट के साथ 22.6 डिग्री सेल्सियस रहा। वहीं गुरूवार का तापमान भी 23 डिग्री सेल्सियस के आस पास बना रहा।
गुरुवार सुबह से ही बादल छाए हुए थे। इस दौरान कई हिस्सों में हल्की बारिश शुरू हुई जो 20 मिनट बाद रुक गई थी। दूसरी ओर कहीं-कहीं रिमझिम का दौर रहा। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक 12 सितम्बर से बंगाल की खाड़ी में एक सिस्टम बन रहा है। अगर यह स्ट्रांन्ग रहा तो अभी जितनी कमी है उससे आधी की पूर्ति हो सकती है।
अगस्त माह में कम बारिश से बढ़ी चिंता

उधर, जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने गुरुवार शाम रेसीडेंसी में अधिकारियों की बैठक लेकर फसलों की स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिए की सभी अधिकारी फसलों पर सतत निगरानी रखें। वे किसानों से निरंतर सवांद बनाए रखें। अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र का सघन प्रबंध करते रहें। सभी मैदानी राजस्व और कृषि विभाग के अधिकारी संयुक्त रूप से क्षेत्र का भ्रमण करें और कम से कम 25-25 खेतों को देखें। वे खुद फसलों की स्थिति का जायजा लें तथा उसकी रिपोर्ट तैयार करें। साथ ही उन्होंने किसानों से कहा कि वे किसी भी तरह की चिंता नहीं करें। उन्बें किसी प्रकार की दिक्कत नहीं आने दी जाएगी।
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