मध्यप्रदेश

no entry of common man at metro station | गांधी नगर डिपो में सुरक्षा को लेकर बनाया जा रहा है हाई सिक्योरिटी गेट

इंदौरएक घंटा पहले

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इंदौर में 14 सितम्बर को मेट्रो के ट्रायल रन की तैयारियां जोरों पर है। ट्रायल के लिए केवल 11 दिन बचे हैं और इंजीनियरों व एक्सपर्ट्स की टीमें 24 घंटे टेस्टिंग में जुटी हैं। खास बात यह कि मेट्रो के एक कोच की कीमत करीब 5 करोड़ रु. है। कुल 75 कोच आने वाले दिनों में इंदौर पहुंचेंगे। इनकी सुरक्षा को लेकर अभी से कसावट की जा रही है। डिपो के बाहर (सुपर कॉरिडोर रास्ते की ओर) एक हाई सिक्योरिटी गेट बनाया जा रहा है। यहां से आमजन की एंट्री नहीं रहेगी।

इस तरह है मेट्रो मॉडल का कोच जो मेट्रो ट्रेन का ही वास्तविक मॉडल है।

इस तरह है मेट्रो मॉडल का कोच जो मेट्रो ट्रेन का ही वास्तविक मॉडल है।

इंदौर में तीन कोच के पहुंचने और उनका लुक सामने आने के बाद आमजन इसका अंदर का लुक देखने और इसमें सफर करने को लालायित हैं। मेट्रो कॉरपोरेशन इंदौर भोपाल के डायरेक्टर शोभित टंडन इसका अंदर का लुक बिल्कुल भोपाल में मॉकअप में रखे गए मेट्रो कोच के मॉडल जैसा ही है।

दरअसल मेट्रो मॉडल कोच मेट्रो ट्रेन का ही वास्तविक मॉडल है। इंदौर में भी कोच ऐसे रही रहेंगे लेकिन सुरक्षा कारणों के चलते अभी अंदर का लुक जारी नहीं किया गया है। मेट्रो ट्रेन इस तरह के तीन कोच से मिलकर बनती है। इसमें ट्रेन ऑपरेटर और यात्री सीटें हैं। एक कोच में चार ऑटोमैटिक गेट और कांच की खिड़कियां हैं।

मॉडल के अंदर आकर्षक पेंटिंग की गई है। यात्रियों पकड़ने के लिए ग्रैब हैंडल हैं। ऐसे ही एलईडी पैन और साइनेज भी हैं। इसी तरह ऑटोमैटिक हेड लाइट हैं। इसके अलावा सीसीटीवी कैमरों के अलावा विकलांग व्यक्तियों के लिए व्हील चेयर की भी अंदर व्यवस्था है।

IBL पर चल रही टेस्टिंग।

IBL पर चल रही टेस्टिंग।

हाईटेंशन लाइन को लेकर अब होगा काम

अब चूंकि इलेक्ट्रिक, मैकेनिकल व सॉफ्टवेयर की टेस्टिंग के साथ इसका संचालन पीक पर आता जा रहा है इसके चलते अब हाईटेंशन लाइन का काम भी धीरे-धीरे शुरू किया जा रहा है। इसे लेकर सभी टीमों को सुरक्षा को लेकर दिशा-निर्देश दिए गए हैं। अभी यहां मप्र मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लि. (MPMRCL), कोच बनाने वाली कंपनी एल्स्टॉम और डिपो के कर्मचारी सतत काम में जुटे हैं। इन्हें आईडी कार्ड के आधार पर ही इंट्री दी जा रही है। ऐसे ही रेती, गिट्‌टी सहित निर्माण सामग्री के वाहनों को सुपर कॉरिडोर व गांधी नगर वाले पिछले गेट से लिखापढ़ी के बाद इंट्री दी जा रही है।

गांधी नगर डिपो में होगा कार्यक्रम

दूसरी ओर सुरक्षा कारणों के चलते डिपो खासकर इंस्पेक्शन बे लाइन (IBL) वाले हिस्से में अब केवल टेक्निकल टीम को ही जाने की अनुमति है। डिपो के सुपर कॉरिडोर वाले हिस्से में जहां मप्र मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लि. (MPMRCL) का अस्थाई ऑफिस हैं इसी के पास डिपो का एक बड़ा गेट बनाया जा रहा है।

इस गेट के बीच के हिस्सा काफी बड़ा है। यहां सिक्युरिटी गार्डस की बैठक के साथ मॉनिटरिंग के लिए अलग-अलग यूनिट बनाए जा रहे हैं। इस बीच के हिस्से के एक ओर से एंट्री तथा दूसरे से जाने का गेट बनाया जा रहा है। इस सिक्योरिटी गेट को जल्द से जल्द बनाने की कोशिश की जा रही है ताकि डिपो के अंदर की गतिविधियों की सही तरीके से मॉनिटरिंग के साथ सुरक्षा हो। 14 सितम्बर को ट्रायल रन के दौरान गांधी नगर स्थित डिपो में ही कार्यक्रम होगा। इसे लेकर भी तैयारियां शुरू हो गई है।

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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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