मध्यप्रदेश

Milk: became costlier by Rs 15 in 3 years, became cheaper by Rs 2 once | वजह- दुग्ध विक्रेताओं के दो संघों की मनमानी, अफसरों का दखल नहीं

इंदौर29 मिनट पहले

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शहर के दो प्रमुख दुग्ध संघों में से एक ने दूध के दाम 2 रुपए घटाने का निर्णय लिया, जबकि दूसरे ने इनकार कर दिया। दूध के भाव पिछले 3 साल में 6 बार बदले हैं। इस दौरान 15 रुपए कीमत बढ़ गई है।

सिर्फ एक बार मई 2021 में लॉकडाउन की वजह से दाम 2 रुपए घटे थे, क्योंकि तब दूध की खपत कम हो गई थी। प्रतिदिन 11 लाख लीटर खपत घटकर 7 से 8 लाख लीटर रह गई थी। दाम बढ़ने के पीछे वजह है दोनों संघों के मनमाने फैसले और प्रशासन का नियंत्रण नहीं होना।

शहर में 58 रुपए लीटर बंदी और 60 रुपए लीटर खुले दूध का भाव है। कहीं-कहीं 62 रुपए लीटर बिक रहा है। मप्र दुग्ध संघ ने दाम 2 रुपए लीटर घटाकर बंदी का दूध 58 के बजाय 56 रुपए प्रति लीटर किया है। वहीं विक्रेता संघ भाव घटाने के निर्णय को गलत बताते हुए पुराने भाव के समर्थन में है।

मार्च में बढ़ते और सितंबर में घटते थे दूध के भाव

दूध के दामों का निर्धारण साल में दो बार होता है। मार्च में भाव बढ़ते हैं तो सितंबर में घटते हैं, लेकिन इस बार दोनों संगठन में खींचतान के चलते भाव कम नहीं हो सके। विक्रेता संघ के अध्यक्ष भरत मथुरावाला ने कहा खली के दाम 120 से 130 प्रति क्विंटल बढ़ गए हैं। किसान के लिए दूध का उत्पादन बनाए रखना मुश्किल हो गया है। ऐसे में दाम घटाना संभव नहीं।

दाम में बढ़ोतरी के यह कारण बता रहे

  • बारिश कम होने से चारे का उत्पादन कम
  • पशुओं की कीमत 80 हजार से बढ़कर 1 लाख से ज्यादा
  • पशु आहार 10 प्रतिशत महंगा
  • किसानों की दूध उत्पादन में लागत बढ़ना

कई बार 5 से 7 फीसदी की बढ़ोतरी

दूध के भाव तय करने को लेकर प्रशासन के अफसर न तो हस्तक्षेप करते हैं और न ही कुछ बोलते हैं। दूध उत्पादक और विक्रेता संघ मिलकर ही हमेशा भाव तय करते हैं। कई बार भाव में सीधे 5 से 7 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी कर दी जाती है।

बाजार में हमारे भाव ही मान्य हैं

इंदौर दुग्ध विक्रेता संघ के अध्यक्ष भरत मथुरावाला बताते हैं कि मप्र दुग्ध व्यवसायी संघ मान्यता प्राप्त संगठन नहीं है। यह संघ हमेशा मनमाने रेट तय करता है। 29 साल से सही भाव हमारी रजिस्टर्ड संस्था ही तय करती है। बाजार में भी हमारे भाव ही मान्य होते हैं। पशुधन, खली, भूसा आदि के दाम बढ़ने से फिलहाल भाव कम करना संभव नहीं है।

थोक दुकानों पर हमारे भाव मान्य

मप्र दुग्ध व्यवसायी संगठन के ईश्वर जोशी बोले हर वर्ष हम 1 मार्च को दूध के दाम बढ़ाते हैं और 1 सितंबर को घटाते हैं। इस बार भी इस परंपरा को आगे बढ़ाया है। दाम घटाने में दिक्कत नहीं है। हमारे भाव पर कई थोक दुकानों में बिक्री होती है। खुले दूध के भाव 2 से 3 रुपए ज्यादा होते हैं, इसलिए कमी दिखाई नहीं दे रही है।

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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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