मध्यप्रदेश

Inauguration of Climate Information Service System on September 1विश्व में अपने तरह के पहले जलवायु सूचना सेवा तंत्र का लोकार्पण मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और ब्रिटिश हाई कमीशन के उच्चायुक्त एक सितंबर को मुख्यमंत्री आवास भोपाल में करेंगे। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा और विभिन्न देशों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। मध्यप्रदेश | CM और ब्रिटिश हाई कमिश्नर रहेंगे मौजूद; मेपकास्ट की बनाई तकनीकी का होगा विश्वभर में प्रयोग

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भोपाल19 मिनट पहले

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प्रतीकात्मक फोटो।

विश्व में अपने तरह के पहले जलवायु सूचना सेवा तंत्र का लोकार्पण मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और ब्रिटिश हाई कमीशन के उच्चायुक्त एक सितंबर को मुख्यमंत्री आवास भोपाल में करेंगे। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा और विभिन्न देशों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे।

मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के महानिदेशक डॉ. अनिल कोठरी में बताया कि इस अवसर पर आगामी परियोजनाओं और संयुक्त कार्यों पर भी प्रतिनिधियों के साथ चर्चा होगी।

रिसोर्स सेंटर भी होगा प्रारंभ
परिषद के सभागार में एक कार्यशाला होगी। जिसमें जलवायु लचीलापन योजना के लिए वैश्विक स्तर पर उपयोग एवं वैश्विक अधिकारियों के प्रशिक्षण के लिए नवनिर्मित रिसोर्स सेंटर का उद्घाटन ब्रिटिश उच्चायुक्त करेंगे। विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री सखलेचा भी मौजूद रहेंगे और वैज्ञानिक एवं तकनीकी संस्थाओं के प्रमुखों के बीच चर्चा होगी। कार्यशाला में युवा आयोग के अध्यक्ष डॉ. निशांत खरे, नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन अहमदाबाद के निदेशक डॉ. अरविंद रानाडे, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग भारत सरकार सलाहकार डॉ. देबप्रिया दत्ता भी मौजूद रहेंगे।

मेपकास्ट एवं ब्रिटिश उच्चायुक्त के बीच होगा एमओयू
इस क्षेत्र में विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार को बढ़ावा देने के लिए मेपकास्ट एवं ब्रिटिश उच्चायुक्त के बीच एमओयू किया जाएगा। एमओयू के माध्यम से भविष्य में विभिन्न तकनीकी एवं नवाचार में दोनों संस्थाएं मिलकर योजना बनाकर कार्य करेंगी और नवीन प्रौद्योगिकियों को साझा भी कर सकेगी। टूल के उपयोगकर्ता हितधारकों को योजना निर्माण में आवश्यक तकनीकी ज्ञान और सहयोग प्रदान करेगा। मुख्य शोधकर्ता रितु भारद्वाज ने बताया कि मेपकास्ट में संसाधन केंद्र की स्थापना के साथ, संसाधन केंद्र का मुख्य उद्देश्य फील्ड स्तर पर कार्यरत सरकारी पदाधिकारियों और समुदायों को टूल की उपयोगिता के बारे में आवश्यक जानकारी प्रदान करने और उनकी क्षमता को बढ़ाने पर विचार होगा। जिससे प्रभावी तरीके से उपयोग कर सकें और उन्हें भविष्य में जलवायु प्रभावों का बेहतर प्रबंधन करने के लिए तैयार किया जा सके।

महानिदेशक डॉ. कोठारी ने बताया कि यह विशिष्ट टूल जलवायु प्रभावों का बेहतर प्रबंधन करने में मदद के साथ ही जल-संरक्षण के लिए एक एकीकृत दृष्टिकोण भी प्रदान करेगा। विकास पहलू के तहत विभिन्न विभागों जैसे कृषि, वन, जल संसाधन आदि के भूमि विकास और पौध-रोपण के कार्यों का समर्थन कर सकता है। इस टूल के माध्यम से जलवायु प्रतिरोध क्षमता योजनाएं भी ग्रामीण क्षेत्रों को लंबे समय तक सूखे से सुरक्षित करने का समर्थन कर सकती हैं।

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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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