मध्यप्रदेश

History of MP will echo on the projector | देश के प्रमुख ऐतिहासिक स्थलों की तरह बुरहानपुर के शाही किले में भी लाइट एंड साउंड शो जल्द

बुरहानपुर (म.प्र.)20 मिनट पहले

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प्रदेश के मांडु, ग्वालियर, चंदेरी और देश के अन्य प्रमुख ऐतिहासिक स्थलों की तरह बुरहानपुर के शाही किले में भी जल्द लाइट एंड साउंड शो होगा। जहां प्रोजेक्टर के माध्यम से न सिर्फ मप्र का ऐतिहासिक इतिहास गूंजेगा, बल्कि म्यूजिक सिस्टम के बीच पर्यटक ऐतिहासिक किले को निहारेंगे।

इन दिनों शहर का शाही किला सुंदर रूप ले रहा है। यहां रंग बिरंगी करीब 90 लाइट, साउंड सिस्टम लगाए गए हैं। जिसमें शाही किले का इतिहास मध्य प्रदेश के ऐतिहासिक स्थलों का इतिहास सुनाई देगा। लोगों के बैठने के लिए टेबल लगाई गई है। प्रोजेक्टर के माध्यम से वीडियो क्लिप दिखाई जाएगी यह देखने में बहुत ही मनोरम दृश्य होगा। प्रसिद्ध ऐतिहसिक स्थलों की तर्ज पर बुरहानपुर के शाही किले में यह सब कुछ होगा। फिलहाल इसकी रिहर्सल भी चल रही है।

अलग से बनाया प्रवेश द्वार, बार कोड स्कैन कर टिकट लेना होगा

शाही किले में कोरोना के समय से बार कोड के माध्यम से टिकट व्यवस्था है। अब लाइट एंड साउंड शो के लिए अलग से प्रवेश द्वार बनाया गया है। प्रति व्यक्ति 25 रूपए टिकट लगता है। चंदेरी के बाद मप्र में बुरहानपुर ऐसा पहला जिला है जिसे ऐतिहासिक स्थल शाही किले को लाइट एंड साउंड शो के लिए चयनित किया गया है। हालांकि बुरहानपुर जिले का चयन भी चंदेरी के साथ ही दो साल पहले किया गया था, लेकिन अब तक यहां सुविधाएं नहीं जुटाई गई थी। अब यहां लाइट, साउंड सिस्टम लगाए गए हैं। यह वही शाही किला है जहां शाहजहां की बेगम मुमताज का शाही हमाम भी है। यहां बेगम मुमताज केसर और गुलाब की पंखुड़ियों के साथ सुगंधित पानी में स्नान का आनंद लिया करती थीं।

यह है ऐतिहासिक शाही किले का इतिहास

शाही किला बुरहानपुर में एक राजसी महल था, जो ताप्ती नदी के पूर्व में स्थित है। शाही किले का इतिहास बताता है कि यह मूल रूप से फारूकी शासकों द्वारा बनाया गया था और शाहजहां द्वारा बसाया गया था उस समय जब वह बुरहानपुर के गवर्नर थे। शाहजहां ने बुरहानपुर शहर में काफी समय बिताया और शाही किला को जोड़ने में मदद की। दीवान ए आम और दीवान ए खास किला की छत पर बनाए गए थे। महल में मुख्य आकर्षण शाही स्नान है। यह विशेष रूप से शाहजहां की पत्नी बेगम मुमताज महल के लिए बनाया गया था ताकि वह केसर और गुलाब की पंखुड़ियों के साथ सुगंधित पानी में एक शानदार स्नान का आनंद ले सके। हमाम का निर्माण मुगल काल के दौरान हुआ था। मुमताज जिनकी याद में ताजमहल बनाया गया था, उनकी चौदहवीं संतान को जन्म देते समय बुरहानपुर में ही मृत्यु हो गई थी। इसके इतिहास से आमजन को परिचित कराने के लिए अब यहां लाइट एंड साउंड शो शुरू होगा।

क्या है लाइट एंड साउंड शो

दरअसल पर्यटन विभाग पर्यटन को बढ़ावा देने, पर्यटकों को लुभाने के लिए यह प्रयास कर रहा है। इसके तहत किसी प्राचीन इमारत की दीवार पर लेजर लाइट एंड साउंड के माध्यम से उस पर्यटन स्थल की संक्षिप्त झांकी प्रस्तुत की जाती है जो पर्यटकों को रोमांचित ही नहीं करती बल्कि उस स्थल के बारे में सटीक सारगर्भित जानकारियां भी मुहैया कराती है। चंदेरी के बाद बुरहानपुर प्रदेश का दूसरा ऐसा पर्यटन स्थल होगा जहां लाइट एंड साउंड शो होगा।

ऐतिहासिक शाही किले में प्रवेश के लिए बार कोड स्कैन कर टिकट लेना पड़ता है।

ऐतिहासिक शाही किले में प्रवेश के लिए बार कोड स्कैन कर टिकट लेना पड़ता है।

लाइट एंड साउंड शो के दौरान प्रवेश के लिए अलग से द्वार बनाया गया है।

लाइट एंड साउंड शो के दौरान प्रवेश के लिए अलग से द्वार बनाया गया है।

शाही किले का निर्माण शाहजहां ने कराया था। शाहजहां ने ही अपनी बेगम मुमताज के नाम पर आगरा में ताजमहल बनवाया था।

शाही किले का निर्माण शाहजहां ने कराया था। शाहजहां ने ही अपनी बेगम मुमताज के नाम पर आगरा में ताजमहल बनवाया था।

रात के समय लाइट एंड साउंड शो की रिहर्सल भी चल रही है।

रात के समय लाइट एंड साउंड शो की रिहर्सल भी चल रही है।


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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