Khargone collector gave advice to hostel superintendents | कहा- कार्यशैली में बदल नहीं हुआ तो आप बदल दिए जाओगे

खरगोन44 मिनट पहले
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उत्कृष्ठ विद्यालय में जिले के समस्त छात्रावासों के अधीक्षकों को नसीहत देते हुए कलेक्टर शिवराज सिंह वर्मा ने बुधवार को कहा कि आपके आश्रम या छात्रावास में जो भी बच्चें हैं। उन्हें अपना बच्चा समझकर व्यवहार करें। आप सभी को बच्चों के अभिभावकों ने उनकी जिम्मेदारी सौंपी है। उस पर खरे उतरना आप लोगों की सफलता होगी। अधीक्षकों की जिम्मेदारी उन इनोसेंट बच्चों की है जिन्हें शासन द्वारा खाने-पीने, रहने और पढ़ने के लिए आप लोगों की देखरेख में रखा गया है। एक पालक की तरह अटैचमेंट होना चाहिए।
राशन की कमी नहीं, कमी सोच की है
कलेक्टर वर्मा ने अधीक्षकों से कहा कि राशन की कमी नहीं है। कमी तो आप लोगों की सोच की है। इसे कमाई का जरिया नहीं बनाएं। अपनी दृष्टि बदले और बच्चों के भविष्य बदलने में योगदान देंगे तो जीवन सार्थक होगा। छात्रावासों में रहने वाले हर बच्चें की छोटी-छोटी जरूरत पर आप लोगों की नजर होनी चाहिए। भोजन और नास्ता अनिवार्य रूप से दिया जाना चाहिए। दूध, सलाद, फल आवश्यक रूप से शामिल करें। जो भी सुविधाएं शासन ने निर्धारित की है वो सब छात्रों को मिलना चाहिए।
मप्र में सबसे अच्छे छात्रावास बनाने में मांगा सहयोग
कलेक्टर वर्मा ने कहा कि मुझे प्रदेश में सबसे उत्कृष्ठ सुविधाओं वाले छात्रवास चाहिए। इस बदलाव में आप लोगों के बगैर संभव नहीं है। शिकायतें बहुत है अगर बदलाव नहीं हुआ तो आप लोगों को ही बदल दिया जाएगा। कलेक्टर वर्मा ने अधीक्षकों के ज्ञान स्तर को परखने के लिए पहले बॉडमास के दोहे के बारे में पूछा। उनके सवाल पर खामखेड़ा के अधीक्षक पूनमचंद सोनी ने दोहा पढ़ा। इसके बाद सभी से गुरुत्वाकर्षण के तीन नियमों की जानकारी ली। कोई भी अधीक्षक तीन नियम नहीं बता पाया।




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