Another letter with 50% commission in MP | ठेकेदार का चीफ जस्टिस को पत्र, कहा घोटाले का शिकार हूं; कमलनाथ बोले-एक और FIR कराइए

भोपाल/ रीवा8 मिनट पहले
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मध्यप्रदेश में 50 फीसदी कमीशन मांगने का एक और लेटर सामने आया है। इस बार रीवा के पेटी कॉन्ट्रैक्टर संगठन ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को पत्र लिखा है। 14 अगस्त को लिखा गया पत्र अब सामने आया है। इस पर पीसीसी चीफ कमलनाथ और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने प्रदेश सरकार पर हमला बोला है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री व भाजपा नेताओं को 50% कमीशन के सबूत चाहिए थे। आप लोगों के डर से ज्ञानेंद्र अवस्थी सामने नहीं आया था, लेकिन पीयूष पांडेय किसी भी मंच पर 50% कमीशन के आरोपों पर बात करने के लिए तैयार है। अब जाइए और जाकर फिर से मेरे और कांग्रेस नेताओं के खिलाफ एक और एफआईआर करवाइए।
कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा..

गौशाल पेटी कॉन्ट्रैक्टर संगठन की ओर से लिखा गया लेटर
पत्र में संगठन की ओर से रीवा के रहने वाले पीयूष पांडे ने आरोप लगाया कि रीवा समेत दूसरे जिलों में गौशाला निर्माण में घोटाला किया गया है। मनरेगा के तहत बनने वाली गौशालाओं का काम अफसरों से साठगांठ कर बाहरी लोगों को दिया गया। उन्होंने पेटी कॉन्ट्रैक्टर से काम करवाया। उनका भुगतान भी नहीं किया। कहा गया कि 50 फीसदी रुपए कमीशन के काट लिए गए। इसकी शिकायत मुख्यमंत्री, सांसद, कमिश्नर, कलेक्टर, एसपी और जिला पंचायत सीईओ से करने के बावजूद सुनवाई नहीं हुई। इस संबंध में रीवा जिला कोर्ट में भी याचिका दायर की गई है।

संगठन की ओर से मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को पत्र लिखकर न्याय करते हुए भुगतान कराने की मांग की है।
ठेकेदार बोला- अधिकारियों और 6 लोगों की सांठगांठ से सब किया गया
मामला सामने आने के बाद दैनिक भास्कर ने पीयूष पांडे से बात की। पीयूष पेशे से सिविल इंजीनियर है। पेट्री कॉन्ट्रैक्टर भी है। उन्होंने कहा कि- असल में रीवा समेत दूसरे जिलों में गौशाला का निर्माण मनरेगा योजना के तहत कराना था, लेकिन अधिकारियों ने इंदौर और छतरपुर के प्राइवेट इंजीनियरों से सांठगांठ कर कई लोगों को फंसाया।
2020 की बात है। भोपाल में रहने वाले मामा के लड़के का कॉल आया। उसने बताया कि रीवा जिले में गौशाला के काम निकले हैं। चूंकि उस समय बेरोजगार थे, तो मैंने हामी भर दी। जिले में करीब 160 गौशालाओं का निर्माण किया जाना था। इसके बाद इंदौर के रहने वाले अमित पटेरिया ने फोन किया। बात हुई। मुझे लगा कि सरकारी काम है। करीब 30 लाख की लागत की एक गौशाला का काम मैंने भी ले लिया।
जनपद और जिला पंचायत के अफसरों के साथ अमित पटेरिया, अशोक शर्मा, राहुल रनवीव तीनों निवासी इंदौर, आभास भारद्वाज, राजाराम कुशवाह दोनों निवासी छतरपुर और आलोक सिंह निवासी रीवा आए। सभी को बड़े-बड़े वादे किए गए। कहा गया कि ये काम कंपनी करवा रही है। अधिकारियों ने भी काम का आश्वासन दिया।
अशोक शर्मा ने मेरे वॉट्सऐप चैटिंग पर रेट लिस्ट भेज दी। इसमें डिटेल थी कि किस काम के कितने रुपए लगेंगे। काम शुरू किया। करीब एक साल में गौशाला का 90 फीसदी काम कर दिया। हमने सभी सामान गांव से भी खरीदा। इनमें से 15 लाख रुपए मिल गए। पैसे खत्म हो गए। काम पूरा करवाने के लिए रिश्तेदारों और अन्य लोगों से पैसे उधार लिए। बाकी रुपयों का भुगतान नहीं किया गया है। ऐसे करीब 10 लोग हैं, जिन्हें भुगतान नहीं किया गया है। पूछने पर ठेकेदारों ने बताया कि बाकी पैसे कमीशन के तौर पर काट लिए गए हैं। सरपंच-सचिव तक को इसकी खबर नहीं थी।
राज्यसभा में भी उठाया था मामला
पीयूष ने बताया कि पिछले साल राज्यसभा सांसद राजमणि पटेल ने राज्यसभा में भी इस मामले को उठाया था। बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई।

अशोक शर्मा के मोबाइल से पीयूष पांडे को वॉट्सऐप चैट पर पूरी डिटेल भेजी गई है, जिसमें कमीशन और बाकी चीजों की रेट लिस्ट बताई गई है।
आरटीआई से खुलासा, पहले हो गया भुगतान
परेशान होने के बाद मैंने जिला पंचायत में आरटीआई लगाई। पता चला कि अमित पटेरिया समेत सभी 6 ने पहले ही पैसा निकाल लिया। इसकी भनक सरपंच, सचिव तक को नहीं लगी। हमने शिकायत की, तो कहीं सुनवाई नहीं हुई। साजिश के तहत हमसे काम करवा लिया गया और भुगतान नहीं किया गया।
यही नहीं, रीवा के डघौरा में गौशाला का ठेका छतरपुर की फर्म को दिया गया, जो गलत हे। काम 2020 में किया गया, लेकिन बिल और अन्य कागज 2022 के बनाए गए। इसका खुलासा भी आरटीआई में हुआ। सभी कागजात मेरे पास मौजूद हैं।
जिला पंचायत से लेकर सीएम, पीएम तक से शिकायत, नतीजा सिफर
हमने जनपद पंचायत, जिला पंचायत सीईओ, कलेक्टर, कमिश्नर, सांसद, गृहमंत्री, लोकायुक्त, ईओडब्ल्यू, सीएम हेल्पलाइन और पीएमओ तक में शिकायत की है, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी लेटर लिखा है। रीवा जिला एवं सत्र न्यायालय में याचिका भी दायर की है। अब वकील के माध्यम से हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को भी लेटर लिखा है। हालांकि रीवा कमिश्नर अनिल सुचारी ने जिला पंचायत सीईओ को मामले की जांच कर कार्रवाई के लिए लिखा, लेकिन कुछ नहीं हुआ। कलेक्टर ने सीएम हेल्पलाइन को भी बंद करा दिया।
दो साल तक इकट्ठी की जानकारी
पीयूष पांडे ने बताया कि सूचना के अधिकार के तहत दो साल तक पुख्ता सबूत इकट्ठा किए। इसके बाद शिकायत की। बावजूद कार्रवाई नहीं हुई है। मामले में रीवा कलेक्टर प्रतिभा पाल का कहना है कि नियमानुसार मनरेगा का काम ग्राम पंचायत करती हैं। इसमें कोई टेंडर नहीं होता। मामले की जांच करवानी पड़ेगी। अगर ऐसी कोई शिकायत है, तो इसे देखेंगे।
जानिए, कहां से उठा 50 प्रतिशत कमीशन का मुद्दा
कुछ दिन पहले ग्वालियर की कथित फर्म लघु एवं मध्य श्रेणी संविदाकार संघ और उसके ऑनर ज्ञानेन्द्र अवस्थी द्वारा लेटर हेड पर प्रदेश सरकार को 50 प्रतिशत कमीशन वाली सरकार बताते हुए लेटर जारी किया गया था। इस पर पूर्व सीएम कमलनाथ व कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सीएम शिवराज सिंह पर हमला बोला था। इसके बाद सीएम समेत भाजपा नेताओं ने इसे फर्जी बताया।
ये है वो लेटर जो पहले सामने आया
कथित ‘लघु एवं मध्यम क्षेत्रीय संविदाकार संघ’ संस्था के नाम से ये लेटर सामने आया था। इसमें नीचे ज्ञानेन्द्र अवस्थी नाम लिखा है। ये लेटर हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ के मुख्य न्यायाधीश को लिखा बताया जा रहा है। पत्र में लिखा है कि 50 प्रतिशत कमीशन देने पर ही भुगतान मिलता है।
पत्र में कहा गया है कि सरकार में कोई सुनने वाला नहीं है। विभाग में दलाल इस कदर सक्रिय हैं कि 50 प्रतिशत कमीशन लेकर भुगतान करा रहे हैं। मूल ठेकेदार हमें निविदा में स्वीकृत राशि का मात्र 40 प्रतिशत हिस्सा देकर कार्य कराते हैं। कुल स्वीकृत राशि में से 50 प्रतिशत राशि कमीशन के तौर पर बंट जाती है। 10 प्रतिशत मूल ठेकेदार रखते हैं। ऐसे में पेटी कांट्रैक्टर का जीवन नारकीय हो गया है।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने यह पत्र ट्वीट कर मप्र सरकार पर कमीशन वसूली का आरोप लगाया था। इसके बाद कांग्रेस के कई नेताओं के खिलाफ FIR दर्ज की गई थी।
प्रियंका गांधी ने ट्वीट में ये लिखा था
प्रियंका गांधी ने शुक्रवार शाम ट्वीट किया था। इसमें लिखा, ‘मध्यप्रदेश में ठेकेदारों के संघ ने हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर शिकायत की है कि प्रदेश में 50% कमीशन देने पर ही भुगतान मिलता है। कर्नाटक में भ्रष्ट BJP सरकार 40% कमीशन की वसूली करती थी। मध्यप्रदेश में BJP भ्रष्टाचार का अपना ही रिकॉर्ड तोड़कर आगे निकल गई है। कर्नाटक की जनता ने 40% कमीशन वाली सरकार को बाहर किया, अब मध्यप्रदेश की जनता 50% कमीशन वाली भाजपा सरकार को सत्ता से हटाएगी।’
कांग्रेस नेताओं ने पत्र जारी करके प्रदेश की बीजेपी सरकार पर 50% कमीशन वाली सरकार होने का आरोप लगाया था। भोपाल और इंदौर समेत 41 जिलों में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ, पूर्व पीसीसी चीफ अरुण यादव और जयराम रमेश के खिलाफ FIR दर्ज की गई थी।
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