Silent rally on Partition Day in Indore | विभाजन की त्रासदी की डॉक्यूमेंट्री देख झलके समाजजनों के आंसू, प्रदर्शनी में दिखी त्रासदी

नरेश फुंदवानी.इंदौर22 मिनट पहले
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भारत की आजादी के साथ ही भारत-पाकिस्तान विभाजन की त्रासदी से भारतवासियों को रुबरू होना पड़ा। इसमें सबसे दुखद अखंड भारत के वासियों के साथ हुआ, जिन्हें पलायन करना पड़ा। विस्थापन का दर्द आज तक उनके मन में है। ये बात रविवार को प्रीतम लाल दुआ सभागृह में राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद द्वारा आयोजित विभाजन विभीषिका पर आयोजित प्रोग्राम में सांसद शंकर लालवानी ने कहीं।
राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद शिक्षा मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा यह कार्यक्रम देश के विभिन्न हिस्सों में आयोजित किया जा रहा है। कार्यक्रम में विभाजन विभीषिका की त्रासदी पर मुख्य अतिथि सांसद शंकर लालवानी, डॉ.तनेजा, आर कुमार, आरतलाल पुरस्वानी ने अपने-अपने विचार व्यक्त किए।

अतिथियों ने दिया उद्बोधन।

कार्यक्रम में अपने विचार रखते सांसद शंकर लालवानी।
कार्यक्रम का उद्देश्य युवा की पीढ़ी को उस त्रासदी से अवगत कराना
कार्यक्रम के सूत्रधार राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास समिति के सदस्य मनीष देवनानी ने बताया इस कार्यक्रम का उद्देश्य आज की युवा पीढ़ी को उस त्रासदी की जानकारी से अवगत कराना है, जो विश्व की सबसे बड़ी त्रासदी रही एवं सिंधी समाज, सिख समाज एवं कई समाजों ने इसे भुगता है। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता विश्व हिंदू परिषद के सचिन बघेल थे। उन्होंने विस्तार पूर्वक 14 अगस्त को 1947 को विभाजन की घटनाओं का वर्णन किया और नई पीढ़ी को इसकी विस्तृत जानकारी दी।

कार्यक्रम को संबोधित करते मनीष देवनानी।

कार्यक्रम में बड़ी संख्या में समाजजन शामिल हुए।
शहीदों को मौन रैली निकालकर दी श्रृद्धांजलि
कार्यक्रम के शुरू में 14 अगस्त 1947 को विभाजन विभीषिका में अपने प्राण गवाने वाले शहीदों को मौन रैली निकालकर श्रद्धांजलि दी गई। कार्यक्रम स्थल पर 14 अगस्त 1947 की विभाजन विभीषिका की घटनाओं की दर्शाती प्रदर्शनी भी लगाई गई। कार्यक्रम में कवित्री विनीता मोटलानी एवं साहित्य रचना नामोश तलरेजा द्वारा किया गया। कार्यक्रम का संचालन संदीपन आर्य ने किया एवं आभार प्रकाश खेमानी ने व्यक्त किया।

दीप प्रज्जवलन करते सांसद शंकर लालवानी व अन्य अतिथिगण।

प्रीतम लाल दुआ सभागृह में प्रदर्शनी देखते अतिथिगण।
कार्यक्रम में ये रहे उपस्थित
कार्यक्रम में अजय शिवानी, धनेश मटाई, हरीश मोटवानी, अशोक राजपाल, राजेंद्र सचदेव, ईश्वर हिंदूजा, ईश्वर झामनानी, नंदलाल खथूरिया, कैलाश सीतलानी,संजय नरसिघानी, संजय वाधाणी, बरखा इसरानी, रिया मोटवानी, अर्जुन भागजई, पंकज वाधवानी (एडवोकेट), घनश्याम शेर, राजेश शुक्ला, पार्षद कंचन गिदवानी, पार्षद संध्या यादव, अनिल असरानी, मंशाराम राजानी, परमानंद खेमानी, राजेश जैन, विजय पंजाबी, विजय पाहुजा, द्रौपदी रीझवानी, निर्मला राजानी, नरेश फुंदवानी आदि समाजजन उपस्थित थे।

प्रीतम लाल दुआ सभागृह से निकाली गई मौन रैली।
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