हैंडपंपों से निकल रहा खारा पानी; 2 KM दूर पार्वती नदी से पानी लाकर पी रहे लोग | Brackish water coming out of hand pumps; People drinking water from Parvati river 2 KM away

श्योपुर20 मिनट पहले
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श्योपुर जिले में कई गांवों के लोग नदी-नालों का पानी पी रहे हैं। यह भी उन्हें दो से तीन किलोमीटर पैदल चलकर मिलता है। कई लोग पार्वती नदी से पानी भरका इसका उपयोग पीने के लिए करते हैं। पानी भरते समय उन्हें नदी में मौजूद मगरमच्छ और घड़ियाल के हमले का खतरा बना रहता है। इस समस्या की गांव में कोई अपनी बेटी की शादी नहीं करना चाहता है। यहां कुंवारों की संख्या बढ़ रही है।
जिले के मानपुर थाना इलाके के मुदाला का पाड़ा गांव और उससे लगी हुई बैरवा समाज की बस्ती के लोग यही जीवन जी रहे हैं। इन गांवों में लगे हैंडपंपों से खारा पानी निकलता है। लोगों का कहना है कि इस पानी को पीने से दस्त लगने लगते हैं। ग्रामीण गांव से 2 KM पैदल चलकर पार्वती नदी से पीने के लिए मीठा पानी लाते हैं। नदी का पानी दूषित रहता है। उसे घर लाकर छानकर रख देते हैं। चार से छह घंटे बाद उसे पीने में लेते हैं।
लाठी-कुल्हाड़ी लेकर साथ जाते हैं पुरुष
पानी भjते समय नदी में मगरमच्छ रहते हैं। ऐसे में उनके हमले का खतरा भी बना रहता है। कई बार मगरमच्छ ग्रामीणों पर हमला कर देता हैं। इन हालातों में गांव के पुरुष लाठी-कुल्हाड़ी लेकर नदी पर पहुंचते हैं, वह पहले मगरमच्छ को भगाते हैं। पानी पर लाड़ी-डंडे मारते हुए शोर मचाते रहते हैं, ताकि मगरमच्छ वहां नहीं आए। इसी दौरान महिलाएं पानी भर लेती हैं। सभी गांव के लिए रवाना हो जाते हैं। ऊंचे टापू की चढ़ाई चढ़ने के बाद महिलाएं खेतों की पगडंडी से होकर पीने का पानी लेकर आती हैं।

गांव की बिजली भी काटी
लोग लंबे समय से मीठा पानी उपलब्ध कराने की मांग प्रशासन से कर रहे हैं, लेकिन उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ। गांव के राम रूप गुर्जर का कहना है कि बिजली कंपनी ने उनके गांव की लाइन ही काट दी। इन हालातों में लोग लंबे सूय से पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि पहले पानी का संकट था, अब बिजली की समस्या का भी सामना करना पड़ रहा है। इस उमस भरी गर्मी में ग्रामीणों को अंधेरे में रातें गुजारनी पड़ रही हैं। उनके बच्चों का भविष्य भी अंधकारमय हो रहा है। जो लोग नदी की बजाए गांव के दूर लगे ट्यूवबेलों से पानी ले आते थे, उन्हें अब पानी भरने के लिए नदी पर ही पहुंचना पड़ता है।

गांव के राम रूप गुर्जर का कहना है कि बिजली कंपनी ने उनके गांव की लाइन ही काट दी। इन हालातों में लोग लंबे सूय से पानी की समस्या से जूझ रहे हैं।
अधिकारी और जनप्रतिनिधियों से कर चुके हैं शिकायत
बिजली और पानी की समस्या को लेकर ग्रामीण पिछले दिनों बिजली कंपनी के अधिकारियों के दफ्तर घेरकर उन्हें खरी खोटी सुना चुके हैं। तब अधिकारियों ने उन्हें आश्वासन भी दिया था। 8 दिन बीतने के बाद भी मुदाला का पाड़ा गांव और दलित बस्ती की बिजली सप्लाई बहाल नहीं हो सकी है।

साडा का पाडा गांव निवासी महिला वर्फी बाई का कहना है कि पास के अडूसा गांव के दबंग लोग नहीं चाहते कि उनके गांव की राजीव गांधी योजना की बिजली लाइन चालू रहे।
दबंग नहीं जुड़ने दे रही बिजली
साडा का पाडा गांव निवासी महिला वर्फी बाई का कहना है कि पास के अडूसा गांव के दबंग लोग नहीं चाहते कि उनके गांव की राजीव गांधी योजना की बिजली लाइन चालू रहे। वह राजनीतिक पहुंच वाले हैं। उन्हीं के कहने से बिजली लाइन नहीं जुड़ सकी है। यहां भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। आगामी चुनावों में नेताओं को गांव में नहीं घुसने देंगे।
वोट मांगने पहुंचे नेता तो करेंगे विरोध
मुदाला का पाड़ा और बैरवा बस्ती को मिलाकर दोनों गांवों में 70-80 के परिवार निवास करते हैं। इनमें 500 से ज्यादा मतदाता हैं। जो बिजली व पानी की समस्या से परेशान हो रहे हैं, उन्हें तत्काल पानी और बिजली मुहैया कराने की जरुरत है। मौजूदा हालातों में उनकी समस्या की ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। ग्रामीण बृजेश, बंटी गुर्जर सहित अन्य ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि जल्द से जल्द समस्या का समाधान नहीं हुआ तो चुनाव में वोट मांगने आने वाली नेताओं का स्वागत विरोध करके करेंगे।
इनका क्या कहना
कलेक्टर संजय कुमार का कहना है कि ऐसा तो कोई गांव नहीं होना चाहिए, जहां लोगों को नदी से पानी पीना पड़ रहा हो। आपने बताया गया है, तो मैं दिखवाता हूं कि, क्या वजह है।

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