Omprakash Saklecha said – More than one lakh people got jobs in my two departments| ओमप्रकाश सकलेचा बोले- मेरे दो विभागों में एक लाख से ज्यादा लोगों को नौकरी मिली

मप्र सहित देश भर में बेरोजगारी बड़ा मुद्दा है। बेरोजगार युवा और विपक्षी दल सरकार को इस मुद्दे पर घेरते रहते हैं। मप्र सरकार एक साल में एक लाख लोगों को नौकरी देने का दावा कर रही है। सरकार के इस दावे पर विपक्ष हमलावर है। इस बीच मप्र सरकार के एमएसएमई मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा ने बड़ा दावा किया है। सकलेचा ने कहा कि अकेले एक लाख लोगों को उनके दो विभागों ने नौकरी दी है।
एमएसएमई और आईटी विभाग ने एक लाख लोगों को नौकरी दी
भोपाल में मीडिया से बेरोजगारी के सवालों पर जवाब देते हुए ओमप्रकाश सकलेचा ने कहा- एक लाख से तो बहुत ज्यादा नौकरियां दे दी। आईटी और एमएसएमई दोनों विभागों ने मिलकर एक लाख से ज्यादा नौकरियां दी हैं। आईटी सेक्टर में सवा से डेढ़ लाख लोगों की नौकरी लग गई है। उसमें से करीब इंदौर शहर में 40,000 से ज्यादा नौकरी दी गई है। भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर के संभागवार आंकडे़ भी दे सकता हूं। डेढ़ साल में यह नौकरियां दी गई हैं। सकलेचा ने कहा- अगर साधारण तौर पर ले लें तो, पीएफ ईएसआईसी का डाटा निकाल ले टीसीएस, इंफोसिस, टाटा, सेमीकंडक्टर कंपनियों ने कितने लोगों को नौकरी दी है। यह सारे आंकड़े, कंपनियों की लिस्ट मैं भी दे दूंगा। मल्टीनेशनल कंपनियों की एक खासियत होती है। उनका आंकड़ा पीएफ और ईएसआईसी के साथ आंकड़े आ जाते हैं।
जितनी क्षमता उतना कर्ज ले रही सरकार
लगातार कर्ज लेकर फ्री की योजनाएं शुरु करने के विपक्ष के आरोपों पर मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा ने कहा- अर्थव्यवस्था में कैपेसिटी है, तभी उतना जनरेशन हमने किया। तभी डिस्ट्रीब्यूट कर पा रहे हैं। 2003 में अगर सिर्फ 23 हजार करोड़ का बजट था तो उतनी लाइबिलिटी उस दिन भी थी। वो तो प्रोपेशनेट होती है। आपकी री-पे करने की कैपेसिटी आरबीआई, भारत सरकार ने तय कर रखी है। उसी कैपेसिटी में आपको पे करना है। जितना आपका बजट है उससे ज्यादा आप बौरो नहीं कर सकते। नियम बने हैं उनके तहत ही सब कुछ होता है।
महिलाओं को गैस की टंकी देना मुफ्तखोरी नहीं
ओमप्रकाश सकलेचा ने कहा- मैं इन्हें फ्री की योजनाएं नहीं मानता। किसी भी महिला के लिए गैस की टंकी मिलना फ्रीबीस(मुफ्त) मानेंगे क्या? उसके स्वास्थ्य की चिंता नहीं करना चाहिए। मैं नहीं मानता कि ये फ्रीबीस है। मैं तो एक कदम आगे चल रहा हूं। मैंने अपनी विधानसभा के सवा लाख लोगों के ईसीजी ऑन मोबाइल कर दिए। कल यदि हार्ट अटैक आएगा तो आप ईसीजी की पुरानी कॉपी खोजने जाएंगे। मैंने अपने क्षेत्र के लोगों की आभा आईडी पर पूरा हेल्थ रिकॉर्ड अपलोड करा दिया है। ताकि बीमारी के वक्त जरूरत पड़ने पर पूरा रिकॉर्ड मिल सके।