नौकरी छोड़ शुरू किया वॉक इन ब्रेकफास्ट का काम,लागत 2000 कमाई 10 गुने से भी ज्यादा

सोलापुर: यदि आप दृढ़ संकल्प, प्रतिबद्धता और कड़ी मेहनत की त्रिमूर्ति का पालन करते हैं, तो कोई भी सफलता आपसे दूर नहीं रह सकती. यदि आप बिना डगमगाए आने वाली चुनौतियों का सामना करते हैं और अपनी राह खुद बनाते हैं, तो सफलता निश्चित होती है. इसका एक उदाहरण सोलापुर के नवीन विद्या घरकुल में रहने वाले दत्तात्रेय सालुंखे हैं. उन्होंने मिल की नौकरी छोड़कर, 2 हजार रुपए का निवेश किया और एक मोबाइल ब्रेकफास्ट सेंटर शुरू किया. आज इस काम से उन्हें अच्छी आय हो रही है.
2 हजार रूपए से शुरू किया बिजनेस
गिरनगांव के नाम से प्रसिद्ध सोलापुर में बड़ी संख्या में मिल मजदूर रहते हैं. विडी घरकुल इलाके के 55 वर्षीय दत्तात्रेय सालुंखे भी एक समय में मिल मजदूर थे. 1996 में मिल बंद होने से पहले, उन्होंने नौकरी छोड़ दी और आजीविका के लिए एक नया रास्ता अपनाने का निर्णय लिया. उनके पास सीमित विकल्प थे, इसलिए उन्होंने 2 हजार रुपए से नया व्यवसाय शुरू किया.
साइकिल पर नाश्ता बेचना शुरू किया
दत्तात्रेय ने साइकिल पर नाश्ता बेचने का फैसला किया. उन्होंने समोसे, गुलाब जामुन और अन्य खाद्य पदार्थ बेचने शुरू किए. इस काम में उनकी पत्नी भी उनका सहयोग करती हैं. वे सुबह जल्दी उठकर विभिन्न प्रकार के खाने के सामान तैयार करते हैं और दोपहर तक उन्हें बेच देते हैं. समय के साथ साइकिल की जगह दोपहिया वाहन ने ले ली है और अब वे इस वाहन से खाना बेचते हैं.
हर रोज करीब 1000 रूपए की कर रहे कमाई
वे अपनी बाइक पर सोलापुर शहर के बुधवार पेठ, मंगलवार बाजार के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों जैसे मार्डी, करंबा, गुलवंची में नाश्ता बेचते हैं. इस दोपहिया वाहन से वे समोसा, वड़ा पाव, पैटीज़, बर्फी, शेंगापोली, बालूशाही, अंडा वड़ा आदि बेचते हैं. इस व्यवसाय से उन्हें प्रतिदिन 800 से 900 रुपए की आय होती है, जिससे महीने के अंत तक 23 से 24 हजार रुपए मिल जाते हैं. सालुंखे का मानना है कि स्व-रोजगार सौदेबाज़ी से अधिक लाभकारी है.
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FIRST PUBLISHED : September 1, 2024, 09:00 IST
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