Damoh Bansa Triple Murder Case: Accused Are Far From Reach Of Police – Damoh News

दमोह के तिहरे हत्याकांड में मारे गए लोगों की तेरहवीं की रस्म रविवार को पूरी हुई।
– फोटो : अमर उजाला
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दमोह जिले के देहात थाना अंतर्गत बांसा गांव में हुए तिहरे हत्याकांड के तीन फरार आरोपी अभी भी पुलिस की पकड़ से दूर हैं। दो पर इनाम भी घोषित है। रविवार को तीनों मृतकों की तेरहवीं के दौरान सफाई करते समय गोली के खाली खोके भी मिले हैं। परिजन आरोप लगा रहे हैं कि आरोपियों की मदद कुछ पुलिसकर्मी कर रहे हैं। परिजनों का आरोप है कि कलेक्टर और एसपी ने आरोपियों के अतिक्रमण गिराने का बोला था, लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ। इस मामले में एसपी श्रुतकीर्ति सोमवंशी का कहना है कि आरोपियों को पकड़ने के प्रयास तेज कर दिए हैं।
24 जून को हुआ था तिहरा हत्याकांड
देहात थाना अंतर्गत ग्राम बांसा तारखेड़ा में 24 जून को होमगार्ड सैनिक रमेश विश्वकर्मा और उनके भतीजे विक्की तथा बेटे उमेश विश्वकर्मा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। आरोपी राजा विश्वकर्मा, गोलू विश्वकर्मा, सजल विश्वकर्मा ने इतनी गोलियां चलाई थी कि शरीर छलनी हो गया था। पोस्टमार्टम में भी सुबह से रात हो गई थी। गोलियां शरीर में फंसी थीं। घटनास्थल पर भी बड़ी संख्या में गोली के खाली खोके मिले थे।
तीन आरोपी गिरफ्तार
इस हत्याकांड में पुलिस ने पहले इन तीन लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज किया था, लेकिन जांच के बाद राजेंद्र विश्वकर्मा पर भी मामला दर्ज किया गया था। पुलिस ने राजा, गोलू और राजेंद्र को गिरफ्तार कर लिया गया था, जबकि सजल विश्वकर्मा अभी तक फरार ही है। मृतकों के परिजनों ने बिल्डर रॉकी सुरेका पर भी मामला दर्ज करने की मांग की थी। जांच के बाद पुलिस ने षड्यंत्र में शामिल होने के आरोप में बिल्डर रॉकी सुरेका तथा मैनेजर मोनू प्रजापति के विरुद्ध भी मामला दर्ज किया है। एसपी ने इस मामले में फरार आरोपियों पर 10 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है। इसके बाद भी पुलिस आरोपियों तक पहुंचने में सफल नहीं हो पाई है।
प्रत्येक पहलू पर हो रही जांच
एसपी श्रुतकीर्ति सोमवंशी लगातार ही इस घटना के आरोपियों एवं उनसे जुड़े लोगों की जानकारियां भी एकत्रित करवा रहे हैं। प्रत्येक पहलू की जांच की जा रही है। उनके कारोबारी संबंधों के साथ ही बैंकों व अन्य कार्यालयों से जानकारी जुटाई जा रही है ताकि आरोपियों तक पहुंचा जा सके। सवाल यह उठता है कि इतने प्रयासों के बाद भी अभी तक कहीं से कोई सुराग आरोपियों का नहीं लगा है।
पुलिस कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध
आरोपियों की गिरफ्तारी न होने से मृतक के परिजन भी गुस्से में हैं। उन्होंने आरोपियों की मदद करने में कुछ पुलिस अधिकारियों का हांथ होने के आरोप लगाया है। इस कारण से एसपी भी इस मामले में अधिकारियों एवं कर्मचारियों की भूमिका पर की जांच करवा रहे हैं। एसपी को कुछ हद तक प्रमाण भी मिल चुका है कि आरोपियों को भगाने में पुलिस का ही हाथ है।
सफाई में मिले खाली कारतूस
पीड़ित परिवार के यहां तेरहवी के पूर्व हुई सफाई के दौरान एक खाली कारतूस भी घर में पड़ा हुआ मिला। परिजन दहशत में हैं क्योंकि अभी भी तीन आरोपी फरार चल रहे हैं। एसपी श्रुतकीर्ति सोमवंशी की ओर से घोषित इनाम को राशि को डीआईजी या आईजी सागर बढ़ा सकते हैं। एक-दो दिन में आरोपियों का कोई सुराग नहीं मिलता है तो इनाम की राशि बढ़ाई जा सकती है। एसपी सोमवंशी ने बताया कि अलग-अलग टीमें अपने तरीके से आरोपियों को पकड़ने का प्रयास कर रही है। जल्द ही आरोपी पकड़ में आ जाएंगे।
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