कटनी के मजदूरों कलेक्ट्रेट में डाला डेरा,मजदूरों ने वन विभाग पर भुगतान नही करने के लगाए आरोप | Harvest laborers camped in the collectorate, laborers accused the forest department of not paying

छिंदवाड़ा42 मिनट पहले
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जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय में मंगलवार रात से कटनी के 25-30 मजदूरों ने बच्चो और परिवार सहित डेरा डाल रखा है, मजदूरों ने छिंदवाड़ा वन विभाग पर काम कराकर मजदूरी नही देने का आरोप लगाया, मजदूरों का कहना है वन विभाग द्वारा चोरई छेत्र में जंगल के अंदर खंती और गड्डे खोदने का काम हमसे कराया जा रहा था, विगत एक माह से हम लगातार काम कर रहे थे, मगर वन विभाग के अधिकारी काम के बाद निर्धारित दर से मजदूरी का भुक्तान नही कर रहे, एक माह से ज्यादा का काम हो गया है आठ लाख रुपए से ज्यादा का पेमेंट हो गया है पर वन विभाग ने अभी तक मात्र 20 से 25 हजार रुपए जी हमे दिए है और जब तक हमे अपना पूरा मेहनताना नही मिल जाता तब तक हम कलेक्ट्रेट कार्यालय से नही जाएंगे चाहे कुछ भी क्यों न हो जाए, वही कलेक्टर कार्यालय में मजदूरों के डेरा डालने की जानकारी लगते ही बुधवार सुबह से जिला प्रशासन मामले को सुलझाने के प्रयास में लगा हुआ है, कलेक्टर के निर्देश के बाद एसडीएम, तहसीलदार सहित कोतवाली थाना प्रभारी बल के साथ मौके पर मौजूद है, वन विभाग के आला अधिकारियों को भी मौके पर बुलाया गया, प्रशासन लगातार वन विभाग और मजदूरों से स्वाद कर रहा है, प्रशासन का यही प्रयास है की जल्द से जल्द इस मामले का निपटारा हो जाए।
तहसीलदार ने दिया मानवता का परिचय
मंगलवार रात से कलेक्टर कार्यालय में भूखे प्यासे बैठे मजदूरों के लिए बुधवार सुबह तहसीलदार अजय भूषण शुक्ला और कोतवाली थाना प्रभारी ने तत्काल भोजन और पीने के लिए पानी के साथ बच्चो के लिए बिस्किट आदि की व्यवस्था की, तहसीलदार ने स्वयं अपने हाथो से बच्चो को बिस्किट और मजदूरों को खाना वितरित किया, छिंदवाड़ा प्रशासन लगातार मजदूरों का सहयोग और हर संभव मदत कर रहा है।
जिला प्रशासन वन विभाग से बात कर मजदूर को उनकी शेष राशि दिलाने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है, प्रशासन के अधिकारियों ने मजदूरों से उनके आधार कार्ड और बैक अकाउंट नंबर की जानकारी मांगी है जिससे की उनके खाते में पैसे डाले जा सके, मगर पैसे मांग रहे मजदूर अपना खाता नंबर, आधार कार्ड देने से साफ इंकार कर रहे, मजदूरों का कहना हे हमे नगद रुपए होना, जिला प्रशासन द्वारा वन विभाग और मजदूरों के मध्य कोई बीच का रास्ता निकालने लगातार प्रयास किए जा रहे है।
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