young man left engineering job and started poultry farming earning in lakhs

औरंगाबाद. बिहार के औरंगाबाद जिले में युवा व्यवसाय के क्षेत्र में लगातार बेहतर कर रहे हैं. इस दौरान ना सिर्फ़ खुद को रोज़गार दे रहे हैं बल्कि अपने सैंकड़ों लोगों को रोज़गार दे रहे हैं. औरंगाबाद के युवा व्यवसायी प्रमोद कुमार पिछले 25 सालों से बॉयलर मुर्गी पालन का काम करते हैं. सोनू पोल्ट्री औरंगाबाद के माध्यम से अपना फॉर्म चलाते हैं. प्रमोद कुमार ने बताया कि इंजीनियरिंग करने के बाद से हरियाणा में निजी कंपनी में काम करता था. 5 सालों तक नौकरी करने के बाद सोचा कि अपना व्यवसाय शुरू किया जाए और फिर इसकी शुरुआत की.
इंजीनियरिंग छोड़ शुरु किया बिजनेस
प्रमोद कुमार ने लोकल 18 को बताया कि इंजीनियरिंग करने के बाद जॉब किया. लेकिन, मन में हमेशा से खुद का व्यवसाय शुरू करने का था. नौकरी छोड़कर औरंगाबाद में 5 मुर्गी फॉर्म चला रहे हैं, जिसमें हर महीने की 30 हज़ार की प्रोडक्शन करते हैं. प्रमोद बताते हैं कि बॉयलर मुर्गी के चूज़े को हरियाणा से मंगवाते हैं और उसका पालन करते हैं. ये चूज़ा 20 से 25 दिन में तैयार हो जाता है. इस फार्म के केयर टेकर कुंदन कुमार ने बताया कि बॉयलर मुर्गी के चूज़े को हरियाणा से मंगवाते हैं और 20- 25 दिनों में ये प्रति चूज़ा एक केजी तक का हो जाता है. वहीं यहां 5 फार्म में 30 हजार का प्रोडक्शन होता है.
महीने का 150 क्विंटल की खपत
कुंदन कुमार ने बताया कि जिला सहित कई बड़े शहरों में यहां से सप्लाई किया जाता है. जिसमें गया, रायपुर, बिलासपुर, डाल्टनगंज सहित कई अन्य शहर शामिल है. बता दें पर्व में इसका प्रोडक्शन गिर जाता है. वहीं अन्य दिन 150 क्विंटल तक की खपत बॉयलर मुर्गी की हो जाती है. बता दें कि तैयार मुर्गी की बाजार में 160 रुपए प्रति किलो क़ीमत है. वहीं बॉयलर मुर्गी 1 साल में 200 से 250 तक अंडे देती है.
बीमारियों से बचाव के लिए करना पड़ता है उपाय
कुंदन कुमार ने बताया कि बॉयलर मुर्गी का गर्मी में प्रोडक्शन कम होता है. वहीं इसके बचाव पर भी विशेष ध्यान देना होता है. अक्सर इनमें गेंबरो बीमारी के लक्षण आ जाते हैं, जिसके लिए समय-समय पर चूजों को विकनेक्स नाम का टीका लगाया जाता है. इस दौरान इन्हें खाने में मक्का का दारा दिया जाता है. आपको बता दें चूजों को सॉफ्ट रखने के लिए उनके नीचे कोनी डाला जाता है, उसे के चंडीगढ़ से मंगवाते हैं.
Tags: Bihar News, Local18, Poultry Farm, Success Story
FIRST PUBLISHED : October 25, 2024, 16:49 IST
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