Investment Tips : म्यूचुअल फंड का पिछला रिकॉर्ड अच्छे रिटर्न की गारंटी नहीं, फिर कैसे पहचानें सही विकल्प?

हाइलाइट्स
लगातार अच्छे रिटर्न दिलाने वाले फंड हाउस की सलाह पर ही पैसा लगाया जाए.
निवेशक सबसे बड़ी गलती यह करते हैं कि वे फंड हाउसों का चयन सही तरीके से नहीं कर पाते हैं.
कोई व्यक्ति अतीत में सफल रहा है तो वह भविष्य में भी सफल होगा, इसकी कोई गारंटी नहीं है.
नई दिल्ली. ज्यादातर लोग म्यूचुअल फंड चुनते समय आमतौर पर पिछले रिटर्न पर ही निर्भर रहते हैं. लेकिन, पिछले रिटर्न के साथ चुनौती यह है कि संबंधित फंड आगे भी वही फायदा देगा, ऐसी कोई गारंटी नहीं होती. फिर लगातार रिटर्न पाने की तरकीब क्या है? तरकीब यह है कि फंड हाउस के जरिये उस पर ध्यान केंद्रित किया जाए और लगातार अच्छे रिटर्न दिलाने वाले फंड हाउस की सलाह पर ही पैसा लगाया जाए.
बात जब म्यूचुअल फंड में निवेश की हो तो निवेशक सबसे बड़ी गलती यह करते हैं कि वे फंड हाउसों का चयन सही तरीके से नहीं कर पाते हैं. निवेशक हमेशा उन फंड हाउस, फंड मैनेजर, तथाकथित यूट्यूब विशेषज्ञ के नाम पर विश्वास करते हैं, जिनके बारे में बहुत ज्यादा सुना होता है. सिर्फ इसलिए किसी का चयन नहीं करना चाहिए कि कोई व्यक्ति अतीत में सफल रहा है तो वह भविष्य में भी सफल होगा, इसकी कोई गारंटी नहीं है. इसके अलावा, व्यक्तिगत पूर्वाग्रह, निवेश के तरीके और तमाम सारी मान्यताएं भी निरंतरता पर विपरीत प्रभाव डाल सकती हैं.
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फिर कैसे करें सही चुनाव
निप्पॉन इंडिया म्यूचुअल फंड के हाल में प्रदर्शित किए गए निवेशक शिक्षा अभियान में इस बात पर फोकस किया गया है कि फंड हाउस के मैनेजर से अधिक उसकी मजबूत प्रक्रियाएं हैं. यह प्रक्रियाएं फंड हाउस की खूबसूरती हैं और प्रत्येक निवेशक को इसे ध्यान में रखना चाहिए. निवेशकों को उन कार्यप्रणाली और संरचनाओं की तलाश करनी चाहिए जिनके कारण फंड हाउस को सफलता मिली है और यह पूछना चाहिए कि क्या यह पद्धति भविष्य के लिए पर्याप्त मजबूत है. निप्पॉन अभियान का उद्देश्य निवेशकों को सही निवेश निर्णय लेने के लिए शिक्षित करना है.
कब और कहां पैसे लगाने चाहिए
एक फंड मैनेजर को बाजार की जटिलताओं, अस्थिरता और अनिश्चित आर्थिक माहौल का सामना करना पड़ता है, जो किसी के भी निवेश के बेहतरीन निर्णयों पर पानी फेर सकता है. ऐसा इसलिए, क्योंकि जोखिमों को कम करने के लिए फंड हाउस की प्रक्रियाएं महत्वपूर्ण होती हैं. निप्पॉन इंडिया म्यूचुअल फंड ने ऐसी मजबूत प्रणालियां और प्रक्रियाएं बनाई हैं, जो यह जानने में मदद करती हैं कि कहां निवेश करना है, कब निवेश करना है और कब निवेश से बाहर निकलना है.
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फंड प्रबंधकों की निगरानी जरूरी
निप्पॉन की प्रक्रिया में फंड प्रबंधकों के लिए यह जानने के दिशानिर्देश भी शामिल हैं कि वे किस प्रकार का जोखिम ले सकते हैं. निवेशकों के पैसों पर कितना जोखिम लेने की अनुमति है और ऐसा कोई जोखिम जो कभी नहीं लिया जाना चाहिए, उसकी पहचान कैसे करेंगे. यह प्रक्रिया व्यक्तिगत पूर्वाग्रहों और एकाग्रता जोखिमों से बचाव भी सुनिश्चित करती है. विश्लेषकों का मानना है कि मजबूत प्रक्रियाओं वाले फंड हाउस संभावित रूप से निवेशकों को अधिक रिटर्न देते हैं. लिहाजा अगर म्यूचुअल फंड से लगातार रिटर्न पाना है तो बेहतर फंड हाउस का चुनाव करना सबसे जरूरी है. निवेशक व्यक्तिगत तौर पर बाजार के जोखिमों और विकल्पों का आकलन नहीं कर सकते हैं.
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FIRST PUBLISHED : June 28, 2023, 06:36 IST
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