अजब गजब

ना IIT, ना IIM से पढ़ा, लेकिन बिजनेस में साबित हुआ अव्वल, मोमोज खिलाकर बना दी 2000 करोड़ की कंपनी

हाइलाइट्स

इस कंपनी की शुरुआत 2008 में 2 दोस्तों ने की थी.
कंपनी का मुख्यालय कोलकाता में है.
इसकी देश के 26 राज्यों में फ्रेंचाइजी हैं.

नई दिल्ली. भारत में फास्ट फूड बहुत पसंद किया जाता है. पिछले 1 दशक में हमने देश में चाइनीज फूड की मांग में भारी बढ़ोतरी देखी है. हालांकि, इनमें से कई चीजों की उत्पत्ति चीन से नहीं है लेकिन इन्हें ख्याति चाइनीज फूड के नाम से ही मिली है. ऐसा ही एक फास्ट फूड आइटम है मोमोज. पिछले कुछ सालों में शायद ही किसी और फास्ट फूड की इतनी चर्चा और डिमांड हुई हो जितनी मोमोज की. यही बात सागर दरयानी (Sagar Daryani) ने भांप ली और अपने दोस्त के साथ मिलकर मोमोज बेचना शुरू कर दिया. एक छोटे से स्टॉल से शुरू हुआ बिजनेस आज देश की सबसे बड़ी फास्ट फूड चेन्स में से एक है. आज हम आपको बता रहे हैं WOW MOMO की सक्सेस स्टोरी.

अक्सर जब भी किसी सफल स्टार्टअप की बात की जाती है तो फाउंडर आईआईटी या आईआईएम से ही होते हैं. हालांकि, इस मामले में ऐसा नहीं है. सागर दरियानी और उनके दोस्त व क्लासमेट बिनोद कुमार होमागई कोलकाता के सेंट जेवियर्स से B.Com की पढ़ाई कर रहे थे. जब उनके दिमाग में मोमोज के बिजनेस का आइडिया आया. उन्होंने 2008 में कोलकाता के एक छोटे से कियोस्क से इसे बेचना शुरू किया. वह बताते हैं कि जब उन्होंने जब इसकी शुरुआत की तो उनके पिता ने तंज कसते हुए कहा- ‘मेरा बेटा मोमो बेचेगा!’ दरियानी ने काम को छोटा न समझते हुए कदम आगे बढ़ाया और सफलता हासिल की.

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30,000 से शुरू हुआ काम
इस कंपनी की शुरुआत 30,000 रुपये से हुई थी. कंपनी का पहला किचन 200 वर्ग फीट का था जिसमें सिर्फ 1 सिंगल टेबल थी. 2 पार्ट टाइम शेफ रखे गए थे जो बहुत कम वेतन पर काम करते थे. शुरुआत के करीब 2 साल बाद तक दोनों ने मोमोज बेचते समय कंपनी के नाम की ही टी-शर्ट पहनी. दोनों हर आने-जाने वाले को अपने मोमोज सैंपल के तौर पर टेस्ट करने के लिए रिक्वेस्ट करते थे. लोगों को मोमोज पसंद आने लगे. इसके बाद वाउ मोमोज ने कई कमर्शियल जगहों पर कियोस्क डालना शुरू कर दिया. टेक पार्क, मॉल व हाइपरमार्केट्स में वाउ मोमोज के स्टॉल दिखने लगे.

2000 करोड़ का बिजनेस
कोलकाता हेडक्वॉर्टर वाली जो कंपनी 30,000 रुपये से शुरू हुई थी, आज वह 2000 करोड़ रुपये की हो गई है. टाइगर ग्लोबल जैसा बड़ा इन्वेस्टर इसका निवेशक है. दरयानी कहते हैं कि कंपनी हर साल फिलहला 250 स्टोर खोल रही है लेकिन इसे बढ़ाकर प्रति वर्ष 350 करने की योजना है. आपको बता दें कि वाउ मोमोज के स्टोर फ्रेंचाइजी लेकर खोले जा सकते हैं. कंपनी आज हर दिन 6 लाख मोमोज बेच रही है. इसके पास 26 राज्यों में 800 लोकेशंस पर पॉइंट ऑफ सेल हैं और अगले साल तक इसे 3000 करने की योजना है.

आईपीओ कब?
दरियानी कहते हैं कि वह अगले 3 साल में इसका आईपीओ लाने की योजना बना रहे हैं. उन्होंने कहा कि बिजनेस को मुनाफे वाला होना चाहिए भले टेक बिजनेस हो या फिर कंज्यूमर बिजनेस. उनका कहा कि बिजनेस की ग्रोथ के साथ-साथ मुनाफा जरूरी है और उससे समझौता नहीं किया जात सकता.  कंपनी ने वित्त वर्ष 22 में 218 करोड़ रुपये का रेवेन्यू प्राप्त किया था और वित्त वर्ष 23 में 440 करोड़ का रेवेन्यू प्राप्त करने की उम्मीद है.

Tags: Business news in hindi, Indian startups, New entrepreneurs, Success Story


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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