घर छोड़ पहुंच गए मुंबई, जूतों की दुकान में किया काम, फिर खड़ा किया 2065 करोड़ का बिजनेस अंपायर

हाइलाइट्स
खादिम देश की बड़ी कंपनी बाटा को टक्कर देती है.
खादिम इंडिया की मार्केट वैल्यू लगभग 2065 करोड़ की है.
कंपनी के 23 राज्यों में 853 ब्रांडेड एक्सक्लूसिव रिटेल स्टोर हैं.
Success story of khadim india founder satya prasad roy burman : खादिम इंडिया आज एक ऐसा नाम है जिसे किसी पहचान की जरूरत नहीं. खादिम देश की सबसे बड़ी शू कंपनी बाटा को टक्कर दे रही है. लेकिन इस कामयाबी के पीछे काफी संघर्ष रहा. छोटे से बिजनेस को सत्य प्रसाद रॉय बर्मन (Satya Prasad Roy Burman) ने अपनी कड़ी मेहनत से करोड़ों के कारोबार में बदल दिया. आपको बता दें कि अभी खादिम इंडिया की मार्केट वैल्यू लगभग 2065 करोड़ रुपये की है.
सत्य प्रसाद रॉय बर्मन के शुरुआती दिन काफी संघर्ष भरा रहा. सत्य प्रसाद कोलकाता में रहते थे. एक दिन वह झगड़ा कर अपने घर से मुंबई पहुंच गए. वहां, उन्होंने कुछ दिन जूतों की दुकान पर काम किया. साल 1965 में उन्होंने घर वापस आकर चितपुर में केएम खादिम की छोटी सी दुकान खरीद ली. यहीं से रखी गई थी बिजनेस एंपायर की नींव.
सस्ते और अच्छे जूते लोगों को खूब पसंद
जूते बेचते वक्त उन्हें महसूस हुआ कि सस्ते और अच्छे जूते बनाए जाए तो मार्केट में अच्छा रिस्पॉन्स मिलेगा. उनका यह आइडिया क्लिक हो गया और वह पश्चिम बंगाल ही नहीं, बल्कि भारत के पूर्वी हिस्से के सबसे बड़े होलसेल कारोबारी बन गए. साल 1980 आते आते बर्मन की कंपनी की ग्रोथ तेज होने लगी. उन्हीं दिनों सत्य प्रसाद रॉय बर्मन के बड़े बेटे सिद्धार्थ रॉय बर्मन ने भी कंपनी ज्वॉइन कर ली. इसके बाद कंपनी की ग्रोथ को पंख लग गए.
23 राज्यों में रिटेल स्टोर
साल 1992 में उन्होंने अपने ब्रैंड उल्का के लिए एक एडवरटाइजिंग एजेंसी को नियुक्त किया. इस कंपनी ने 3.5 लाख रुपये में कंपनी के लिए एक एडवरटाइजिंग फिल्म बनाई. साल 1993 में कोलकाता शहर में तीन रीटेल स्टोर्स शुरू किए. इन स्टोर्स को जबरदस्त रिस्पॉन्स मिला. इसके बाद तमिलनाडु मार्केट में कंपनी ने एंट्री की. फिलहाल कंपनी के 23 राज्यों और एक यूनियन टेरिटरी में 853 ब्रांडेड एक्सक्लूसिव रिटेल स्टोर हैं. ब्रिटिश वॉकर्स, लेजार्ड, क्लियो, शैरॉन और सॉफ्टटच समेत खादिम के नौ सब ब्रांड्स हैं.
यहां पर पूरी फैमली के जूते और चप्पल सस्ते दामों पर मिलते हैं. भारत में फुटवियर मार्केट का साइज लगभग 40 हजार करोड़ रुपये का है. आपको बता दें कि 7 दिसंबर 2013 को 83 साल की उम्र में सत्य प्रसाद रॉय बर्मन की मृत्यु हो गई, लेकिन उनकी शुरू की गई कंपनी अब देश में बड़ी ब्रैंड बन चुकी है.
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Tags: Success Story, Successful business leaders
FIRST PUBLISHED : June 24, 2023, 10:53 IST
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