अजब गजब

1 ट्रक से शुरू किया ट्रांसपोर्ट बिजनेस, आज करीब 5000 ट्रकों का काफिला, कहानी ऐसी की बन गई फिल्म और खूब चली

हाइलाइट्स

VRL लॉजिस्टिक्स देश की सबसे बड़ी लॉजिस्टिक कंपनियों में से एक है.
कंपनी का मार्केट कैप 6000 करोड़ रुपये पार कर गया है.
इस कंपनी की शुुरुआत 70 के दशक में हुई थी.

नई दिल्ली. आपने सड़क पर वीआरएल लॉजिस्टिक्स (VRL) के ट्रक्स देखे होंगे. यह देश की सबसे बड़ी लॉजिस्टिक्स कंपनियों में से एक है. इसके संस्थापक को ट्रंकिंग किंग के नाम से जाना जाता है. विजय संकेश्वर ट्रकिंग किंग (Trucking king Vijay Sankeshwar) ने 1976 में इस कारोबार की शुरुआत एक ट्रक के साथ की थी. आज कंपनी के पास 4816 कमर्शियल वाहन हैं. कंपनी का दावा है कि भारत में कमर्शियल व्हीकल्स का इतना बड़ा फ्लीट और किसी के पास नहीं है. यह एक रिकॉर्ड है और इसलिए कंपनी का नाम लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है.

विजय संकेश्वर का परिवार प्रिटिंग प्रेस के बिजनेस में था, लेकिन उन्होंने ठाना कि वह कुछ और काम करेंगे. इसके लिए वह वह अपने माता-पिता की इच्छा के खिलाफ गए. उन्होंने किसी से पैसे उधार लेकर 1976 में एक ट्रक से काम की शुरुआत की. शुरुआत में उन्हें बिजनसे स्थापित करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा लेकिन फिर किस्मत पलटी और 1994 तक उनके पास 150 ट्रक हो गए.

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क्या आई परेशानियां
बिजनेस के शुरुआती दौर में उन्हें आर्थिक तंगियां झेलनी पड़ी. इसके अलावा ट्रंकिंग का पूरा क्षेत्र ही असंगठित था और उसमें खुद को स्थापित करना एक बड़ी चुनौती थी. साथ ही लॉजिस्टिक्स के क्षेत्र में टेक्नोलॉजी बिलकुल भी नहीं थी. उस समय पर यह भी एक बड़ी चुनौती थी. इसकी वजह से क्लाइंट और ट्रकिंग कंपनी के बीच का संवाद आज के जितना सुगम नहीं था. हालांकि, किसी तरह से उन्होंने यह चुनौतियां पार की और 1994 से उन्हें सफलता मिलना शुरू हो गई.

बिजनेस का विस्तार
1996 में उन्होंने अपने बिजनेस का विस्तार किया. वह कमर्शियल ट्रांसपोर्ट से पैसेंजर सर्विस में भी आ गए. उन्होंने विजयानंद ट्रैवल्स नाम से एक कंपनी शुरू की. विजयानंद रोडलाइंस का नाम बदलकर भी अब VRL लॉजिस्टिक्स कर दिया गया. कंपनी अब एयर ट्रैवल के बिजनेस में भी है. यह वीआईपी, कॉर्पोरेट्स व खास हस्तियों को जेट सर्विस मुहैया कराती है. इसकी शुरुआत 2008 में की गई थी. कंपनी का मार्केट कैप आज 6200 करोड़ से अधिक हो गया है.

कहानी पर बनी फिल्म
विजय संकेश्वर की कहानी इतनी प्रेरणादायक रही कि उनके ऊपर कन्नड़ में एक फिल्म भी बनी. इस फिल्म का नाम विजयानंद है और यह 2022 मं आई थी. इस फिल्म ने खूब वाहवाही लूटी और खूब चली. इस फिल्म को आईएमडीबी पर 8.4 रेटिंग प्राप्त है जो बहुत उम्दा फिल्मों को ही मिलती है.

Tags: Business news, Business news in hindi, Success Story


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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