मध्यप्रदेश

रीवा का गोवर्दहा बांध टूटने की कगार, मेड में बने गड्ढे दे रहे हादसे को आमंत्रण | Rewa Goverdaha dam on the verge of breaking, pits in the med are giving invitation to the accident

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रीवा36 मिनट पहले

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रीवा जिले में जल संसाधन विभाग द्वारा किसानों को कागजों में पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। आलम है कि भ्रष्टाचार के कारण गोवर्दहा बांध टूटने की कगार पर है। मेड में बने गड्ढे हादसे को आमंत्रण दे रहे। बताया गया कि बीते दिनों बाणसागर नहर मंडल के रिटायर्ड चीफ इंजीनियर एसबीएस परिहार मऊगंज और हनुमना क्षेत्र के गोवर्दहा बांध का भ्रमण करने पहुंचे। जिन्होंने कई खामियां पाई।

रिटायर्ड चीफ इंजीनियर ने देखा कि मेड में सैकड़ों गड्ढे बने हुए हैं। जिससे बांध टूटने की कगार पर पहुंच गया है। कहा कि तकनीकी तौर इन गड्ढों को पाइपिंग कहा जाता हैं। जब पाइपिंग आगे बढ़कर बांध के भीतरी दीवार पर पिचिंग का कार्य करती है। तब पानी के प्रेशर से बांध टूट जाता है। जिस प्रकार से गोवर्दहा बांध की स्थिति बनी है। ऐसे में कभी भी बांध टूट सकता है।

दावा किया कि मेंटेनेंस के नाम पर लाखों रुपए की राशि डकार ली जाती है। जो जनता की गाढ़ी कमाई है। हमारे टैक्स के पैसे से रिपेयरिंग में लगा दिया जाता है। फिर एक बार रिपेयरिंग के नाम पर भ्रष्टाचार हो जाएगा। भ्रमण के दौरान बाणसागर बांध के रिटायर्ड अधीक्षण अभियंता नागेंद्र प्रसाद मिश्रा भी मौजूद थे।

जिन्होंने इस पूरे मामले को देखकर हैरानी जाहिर की। कहा कि इतना व्यापक भ्रष्टाचार कभी अपने कार्यकाल के दौरान नहीं देखा है। जितना आज देखने को मिल रहा है। दोनों अफसरों ने बांध के अंदर घुस कर जल संसाधन विभाग के दावों की पोल खोल दी है। क्योंकि शासन प्रशासन के जिम्मेदार खुले मंच पर किसानों की आय दोगुनी करने के दावे करती है, लेकिन मैदानी स्तर पर कुछ नहीं हो रहा।

कागजों तक सीमित योजनाएं
आरटीआई कार्यकर्ता शिवानंद द्विवेदी ने बताया कि रीवा जिले में कागजों पर दर्जनों योजनाएं चल रही हैं। किसानों को कागजों पर पानी मिल रहा है। कागजों पर सिंचाई हो रही है। कागजों पर उत्पादन बढ़ रहा है। यही नहीं कागजों पर ही आय दोगुनी कर 10 गुनी बढ़ा रहे है। पर हकीकत में कुछ नहीं हो रहा है।

रीवा जिले में बनाए गए दर्जनों बांध और खस्ताहाल नहरों की स्थिति देखी जा सकती है। जल संसाधन विभाग के जिम्मेदार रीवा में बैठकर मौज कर रहे है। बांधों की हकीकत देखने वाला कोई नहीं है। खुद रिटायर्ड चीफ इंजीनियर ही बांधों में बने हुए गड्ढों के बीच घुसकर हाल देखा है कि कितना व्यापक स्तर का भ्रष्टाचार किया गया है। बता दें कि शिवानंद द्विवेदी जल जीवन जागरण यात्रा निकाल रहे है। यात्रा के दौरान हर दिन रीवा जिले में बांध, नहर व जलसंकट की तस्वीर दिखाते है।

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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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