RSS founder Keshav Baliram Hedgewar biography no longer in karnataka s school Preamble of the Constitution । इस राज्य के स्कूलों में अब नहीं पढ़ाई जाएगी RSS संस्थापक की जीवनी, सरकार ने सिलेबस से हटाया

स्कूलों में अब नहीं पढ़ाई जाएगी RSS संस्थापक की जीवनी
कांग्रेस की कर्नाटक सरकार ने आरएसएस के संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार से जुड़े चैप्टर को स्कूली सिलेबस से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। इतना ही नहीं, दक्षिणपंथी चक्रवर्ती सुलिबेले और बन्नान्जे गोविंदाचार्य से जुड़ी सामग्रियां भी हटा दी गईं हैं। कर्नाटक मंत्रीमंडल ने आज हेडगेवार व अन्य आरएसएस के नेता से जुड़े पाठ को पाठ्यक्रम से हटाने के फैसले पर मुहर लगा दी। चूंकि इस साल की किताबें पहले से ही छप चुकी हैं, इसीलिए मंत्रीमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया कि सभी स्कूलों को तत्काल एक सप्लीमेंट्री बुकलेट भेजा जाएगा। जिसमें इस बात के दिशा-निर्देश होंगे कि कक्षा 6 से 10 तक की कन्नडा और सामाजिक ज्ञान की पुस्तक से कौन-कौन से चैप्टर हटाए जाने चाहिए।
पढ़ाई जाएगी संविधान की प्रस्तावना
जानकारी दे दें कि इस शैक्षणिक साल में हेडगेवार से जुड़े अध्याय को सिलेबस से बाहर रखा जाएगा। साथ ही संविधान की प्रस्तावना से जुड़े अध्याय को सिलेबस में जगह मिलेगी। साझ ही साविक्ष वाई फूले आज की मंत्रीमंडल की बैठक में BJP की सरकार में APMC एक्ट में किए गए बदलाव को भी रद्द कर पुराने एक्ट को वापस लागू करने का फैसला किया गया। कांग्रेस सरकार ने कहा कि APMC एक्ट में बदलाव केंद्र के काले कृषि कानूनों के प्रावधानों को जगह देने के लिए किया गया था जिसे अब निरस्त कर दिया गया है।
कमेटी को दिए थे जांच के आदेश
बता दें कि इससे पहले सिद्दारमैया ने निर्देश दिया था कि बीजेपी के कार्यकाल में जोड़ी गई विवादित सामग्रियों की जांच के लिए एक 5 सदस्यीय कमेटी बनाई जाए, और वो एक सप्ताह में रिपोर्ट सौंपे। इसके बाद कमेटी ने अपनी जांच रिपोर्ट सौंपी, जिस पर कर्नाटक सरकार ने फैसला लिया है।
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