भारत का मिडिल ऑर्डर बड़ी समस्या, दुनिया के टॉप मध्यक्रम के बल्लेबाजों की तुलना में बहुत गिरा है औसत | India’s middle order is a big problem, compared to the world’s top batter, the average has dropped a lot

Cricket
oi-Antriksh Singh
भारतीय
क्रिकेट
टीम
के
लिए
टेस्ट
क्रिकेट
(Test
Cricket)
में
ओपनिंग
तो
एक
समस्या
है
ही,
क्योंकि
रोहित
शर्मा
(Rohit
Sharma)
वहां
कंसिस्टेंट
नजर
नहीं
आ
रहे
हैं,
लेकिन
मिडिल
ऑर्डर
उससे
भी
बड़ी
दिक्कत
के
तौर
पर
सामने
आया
है।
चाहे
विराट
कोहली
(Virat
Kohli)
की
ही
बात
की
जाए,
जो
मौजूदा
पीढ़ी
के
सर्वश्रेष्ठ
बल्लेबाजों
में
एक
माने
जाते
हैं,
लेकिन
बहुत
जरूरत
के
वक्त
वह
पिछले
कई
मैचों
में
नहीं
चल
पाए
हैं।
हालांकि
पाकिस्तान
के
खिलाफ
T20
वर्ल्ड
कप
में
खेली
गई
उनकी
पारी
एक
अपवाद
जरूर
है।

पर
अधिकतर
मौकों
पर
विराट
कोहली,
चेतेश्वर
पुजारा
(Chteshwar
Pujara),
अंजिक्य
रहाणे
(Ajinkya
Rahane)
जैसे
मजबूत
मध्यक्रम
ने
अपनी
उस
क्षमता
का
परिचय
नहीं
दिया,
जैसा
भारतीय
क्रिकेट
फैंस
को
उम्मीद
थी।
कहीं
ना
कहीं,
ये
खिलाड़ी
बड़े
मैचों
में
हार
के
डर
से
पहले
ही
मुकाबला
हारने
लगे
हैं।
इसके
साथ
ही
घरेलू
पिच
पर
जिस
तरह
की
तैयारियां
रैंक
टर्नर
बनाकर
की
जा
रही
हैं,
वह
भी
इंग्लैंड
जैसी
जगह
पर
वर्ल्ड
टेस्ट
चैंपियनशिप
फाइनल
खेलते
वक्त
काम
नहीं
आती।
भारतीय
टीम
के
बल्लेबाजों
के
औसत
काफी
तेजी
से
गिरे
हैं
लेकिन
हैरानी
तब
हुई
जब
राहुल
द्रविड़
(Rahul
Dravid)
जैसे
‘ईमानदार’
व्यक्ति
ने
भी
वैसी
बातें
करनी
शुरू
कर
दी,
जिसके
लिए
भारतीय
मैनेजमेंट
की
आलोचना
होती
है।
फाइनल
हारने
के
बाद
गोलमोल
जवाब
देते
हुए
राहुल
ने
कहा
था
कि,
दुनिया
भर
के
सभी
बल्लेबाजों
के
औसत
गिरे
हैं।
लेकिन,
आंकड़ों
पर
नजर
डालें
तो
यह
मामला
उल्टा
ही
है।
सच
यह
है
कि
भारतीय
मध्यक्रम
आईसीयू
में
दिखाई
दे
रहा
है।
WTC
Final
मुकाबले
में
ऑस्ट्रेलिया
और
न्यूजीलैंड
की
जीत
में
हैं
ये
चार
गजब
की
समानताएं
स्टार
बल्लेबाज
विराट
कोहली
ने
पिछली
वर्ल्ड
टेस्ट
चैंपियनशिप
साइकिल
के
दौरान
32.13
के
औसत
से
बैटिंग
की,
पुजारा
ने
32
और
रहाणे
ने
मात्र
24.6
के
औसत
से
रन
बनाए
हैं।
अब
इनकी
तुलना
में
विपक्षी
टीमों
के
बल्लेबाजों
के
औसत
पर
डालते
हैं।
पिछली
WTC
साइकल
में
जो
रूट
ने
53.1,
स्टीव
स्मिथ
ने
50.08,
मार्नस
लाबुशेन
ने
53.8,
बाबर
आजम
ने
61.08,
जॉनी
बेयरस्टो
ने
51.4
और
और
ऑस्ट्रेलिया
के
नए
गिलक्रिस्ट
ने
ट्रेविस
हेड
ने
52.5
के
औसत
से
बैटिंग
की
है।
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शायद
इसी
वजह
से
सुनील
गावस्कर
ने
भी
द्रविड़
की
आलोचना
की
है
कि
दूसरे
बल्लेबाजों
का
औसत
चाहे
जो
रहा
होता,
तो
भी
हमें
दूसरे
खिलाड़ियों
को
नहीं,
बल्कि
अपने
खिलाड़ियों
को
देखकर
ही
बात
करनी
होगी।
इन
सब
चीजों
को
देखकर
यह
साफ
नजर
आता
है
कि
भारतीय
टीम
को
धीरे-धीरे
क्रमिक
परिवर्तन
के
तहत
नए
मिडिल
ऑर्डर
की
ओर
जाना
होगा।
क्योंकि
यह
सभी
बल्लेबाज
अपनी
उम्र
के
उस
दौर
में
हैं
जहां
करियर
की
संध्या
हो
चुकी
है।
English summary
India’s middle order is a big problem, compared to the world’s top batter, the average has dropped a lot
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