घोटाला! जिले के चेकडेमो के निर्माण में घोटाले की जांच करेगा लोकायुक्त

छतरपुर. जिले की पंचायतों में पिछले दो साल में 60 करोड़ की लागत से बनाए गए चेकडेमों में भ्रष्टाचार की शिकायत की दो बार जांच के वाबजूद कार्रवाई नहीं हुई है। अब पंचायत मंत्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया ने लोकायुक्त और आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो को जांच करने के लिए पत्र भेजा है। पंचायत मंत्री ने महानिदेशक ईओडब्ल्यू एवं डायरेक्टर लोकायुक्त भोपाल को पत्र भेजकर भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज कर शासकीय राशि की वसूली के निर्देश दिए हैं। उन्होंने जिला पंचायत के पूर्व सीईओ अमर बहादुर सिंह और ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के कार्यपालन यंत्री की भूमिका का हवाला दिया है। मंत्री ने कलेक्टर छतरपुर को भी चेक डैम की जांच कराए जाने के निर्देश दिए हैं।
*मंत्री के निर्देश पर पहले भी हुई जांच व क्रॉस जांच*
जिले की पंचायतों में कोरोना काल में बनाए गए 400 चैकडेमों में अनियमितताओं पर दो बार जांच हुई, लेकिन आज तक कार्रवाई नहीं हुई है। जिले में मनरेगा के तहत लगभग 400 चेकडेम स्वीकृत किए गए थे। इन चेकडेमों में जो स्टीमेट उपयंत्रियों के द्वारा बनाए गए थे उन सभी के स्टीमेट लगभग एक से हैं, जिनकी औसतन लागत 14 लाख 90 हजार से 98 हजार तक बताई गई है। इस संंबंध में पंचायत एवं ग्रामीण विभाग के राज्य मंत्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया ने अप्रेल 2021 में एक जांच कमेटी नियुक्त की थी, जिसने पूरे जिले के चैकडेमों की जांच की। कमेटी में कार्यपालन यंत्री आरइएस एवं आरइएस के एसडीओ, उपयंत्री और पूर्व विधायक आरडी प्रजापति को शामिल किया गया है। हालांकि जांच की रिपोर्ट सीधे भोपाल भेजी गई है। जिसका अब तक खुलासा नहीं हुआ है। इधर, जिला पंचायत सीइओ ने भी चेक डेमों की जांच व क्रांस जांच कराई। क्रॉस जांच में कुछ जगह गड़बड़ी पाई गई। कार्रवाई का प्रस्ताव बना लेकिन कार्रवाई नहीं हुई।
*लवकुशनगर इलाके में सबसे ज्यादा स्वीकृति*
जिले में लवकुशनगर इलाके में 128, राजनगर इलाके में 120, बिजावर में 45, बड़ामलहरा में 70 और छतरपुर में 30 चेक डेम स्वीकृति किए गए हैं। इन सभी स्वीकृतियों में नियमानुसार जलसंसाधन विभाग की स्थल रिपोर्ट लगाए जाने पर ही निर्माण स्वीकृति दी जानी थी। लेकिन इसके लिए जलसंसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री और सहायक यंत्रियों की रिपोर्ट नहीं ली गई। राजनीतिक दवाब बनाकर संरंपचों ने अपनी सुविधानुसार चेक डेम की स्वीकृति करा ली और लागत से अधिक स्टीमेट बनाए जाने की शिकायतें भी हैं।
सभी चेक डेम का समान बजट होने से गड़बड़ी की आशंका
जिले मे 400 चेक डेम बनाए जा रहे हैं। इसमें सबसे खास बात ये है कि सभी निर्माण कार्यो की लागत का स्टीमेट 14.99 लाख रुपए बनाया गया है। अलग-अलग स्थान पर बनाए जा रहे सभी चेक डेम के आकार में अंतर होने के बाद भी एक जैसी स्टीमेंट पास किए जाने से गड़बड़ी की आशंका हुई है। विभाग को गई शिकायतों में बताया गया है कि 3 से 4 लाख की लागत के चेकडेम के लिए सभी पंचायतों में 14.99 लाख रुपए का फिक्स बजट बनाया गया है। निर्माण में भ्रष्टाचार की आशंका को देखते हुए ही अपर सचिव ने तकनीति समिति से जांच और जलसंसाधन विभाग की रिपोर्ट तलब कर ली है।
*समिति ने दी केवल 27 की रिपोर्ट*
जिले में चेकडेमों की जंांच के लिए एक कमेटी तात्कालीन जिला पंचायत सीइओ अमरबहादुर सिंह के निर्देश पर बनाई गई थी, लेकिन जांच कमेटी में जो सहायक यंत्री जांच करने गए, उन्होंने जांच में लीपापोती की है और अपने अन्य सहायक यंत्री को बचाने का भरसक प्रयास किया है। जिले की आठों जनपदों में चेकडेमों की जांच की जानी थी, लेकिन केवल 27 चेकडेमों की जांच की गई। गौरतलब है कि जिले में सबसे बड़ा घोटाला चेकडेमों में हुआ है। लगभग 60 करोड़ के चेकडेम जिले में स्वीकृत किए गए थे। इन चेकडेमों में भारी भ्रष्टाचार किए जाने की शिकायत लोक जनशक्ति पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष लखनलाल अनुरागी ने की थीा। उन्होंने देश के प्रधानमंत्री एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव से गड़बड़ी की शिकायत की थी। फिलहाल छतरपुर जिले में जो भी चेकड़ेम बनाए गए हैं अधिकांश चेकडेम बड़े ही घटिया किस्म के बने हैं जो कि बरसात का पानी भी नहीं झेल पा रहे हैं।