मध्यप्रदेश

Damoh News:गंगा जमना स्कूल संचालकों के घर देर रात पुलिस की दबिश, आरोपियों के परिजनों से की गई पूछताछ – Damoh News: Late Night Police Raid At The House Of Ganga Jamna School Operators, Interrogation Of The Relative


गंगा जमना स्कूल
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार

गंगा जमना स्कूल में हिंदू बच्चों को हिजाब पहनाने और नमाज पढ़ाने के मामले में एफआईआर के बाद शनिवार को पुलिस सक्रिय हो गई। देर रात करीब 11:30 बजे कोतवाली पुलिस ने फुटेरा वार्ड पहुंचकर गंगा जमुना स्कूल के डायरेक्टर सहित अन्य 11 आरोपियों के निवास पर जाकर सर्चिंग की। हालांकि इस बीच पुलिस को कोई भी आरोपी हाथ नहीं लगा। पूछताछ के लिए जरूर कुछ लोगों को पुलिस ने बैठाया। इस बीच फुटेरा वार्ड में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा। सीएसपी भावना दांगी भी मौके पर पहुंच गई। टीआई विजय सिंह राजपूत ने परिवार के सदस्यों से पूछताछ का प्रयास किया, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। उधर एक जैन समाज के व्यक्ति शैलेंद्र जैन  के घर भी पुलिस पहुंची, क्योंकि उसे भी आरोपी बनाया गया है। लेकिन आरोपी के न मिलने पर पुलिस भतीजे और बेटे को उठा लाई। जिसके बाद जैन समाज के लोग बड़ी संख्या में कोतवाली पहुंच गए और कार्रवाई का विरोध किया।

स्कूल प्रबंधन समिति के 11 सदस्यों पर केस 

स्कूल के तीन बच्चों के बयानों के आधार पर पुलिस ने प्रबंधन समिति के 11 सदस्यों के खिलाफ धारा 295ए, 506 आईपीसी एवं जेजे एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था। जिन पर एफआईआर हुई है, उनमें अध्यक्ष मोहम्मद इदरीश, प्राचार्य अफसरा शेख, सह प्राचार्य ज्योति बिरमानी, अब्दुल रज्जाक, मोहम्मद रियाज, मुस्ताक भाई, शैलेंद्र जैन, शिवदयाल दुबे, मोहम्मद फरीद, मोहम्मद इरफान, मोहम्मद शाहिद, मोहम्मद दानिश शामिल हैं। पुलिस ने शनिवार दोपहर  इनमें से पांच शिक्षिकाओं और शिक्षकों को स्कूल बयान देने के लिए बुलाया था। लेकिन शिक्षक आने के लिए तैयार नहीं थे। ऐसे में कोतवाली पुलिस स्वयं धरपकड़ करने के लिए स्कूल पहुंच गई। एक-एक करके पुलिस ने पांच शिक्षकों को गाड़ी में बैठाया और पूछताछ के लिए लेकर गई।

इधर गंगा जमना स्कूल की दाल मिल, बीड़ी, धर्मकांटा, पेट्रोल पंप सहित अन्य फर्म की जांच जारी रही। खनिज विभाग के लिए समन्ना और न्यू दमोह कॉलोनी के बीच में प्लाटिंग के उद्देश्य से मैदान को समतल कराने में चार हजार घनमीटर मुरम मिली है। खनिज अधिकारी ने इसकी जांच के बाद कलेक्टर के पास प्रतिवेदन भेजने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है। इसमें 60 लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है।


Source link

एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!