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Sachin Pilot: पोस्टर से कांग्रेस चिह्न गायब, हाथ में भगवत गीता, पार्टी आलाकमान को आखिर क्या संदेश दे रहे पायलट

नई दिल्ली. राजस्‍थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कांग्रेस पार्टी द्वारा दी गई चेतावनी को धता बताते हुए मंगलवार को पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली सरकार के कार्यकाल में हुए कथित भ्रष्टाचार के मामलों में कार्रवाई की मांग को लेकर जयपुर में एक दिवसीय ‘अनशन’ किया. पायलट ने जयपुर के शहीद स्मारक पर पूर्वाह्न 11 बजे से शाम चार बजे तक पांच घंटे का मौन अनशन किया. इसके बाद पायलट ने संवाददाताओं से कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष जारी रहेगा. उन्‍होंने उम्‍मीद जताई कि पूर्ववर्ती भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार के कार्यकाल में हुए कथित भ्रष्टाचार के मामलों में कार्रवाई होगी. इस अनशन के साथ ही पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ नए सिरे से मोर्चा खोल दिया है.

इस अनशन के लिए शहीद स्मारक के पास एक तंबू लगाया गया था. वहां बनाए गए छोटे से मंच पर केवल पायलट बैठे. उनके समर्थक व अन्‍य कार्यकर्ता आसपास नीचे बैठे. मंच के पास महात्‍मा गांधी एवं ज्‍योतिबा फुले की तस्‍वीरें रखी गईं. मंच के पीछे केवल महात्‍मा गांधी की फोटो के साथ ‘वसुंधरा सरकार में हुए भ्रष्‍टाचार के विरुद्ध अनशन’ लिखा है. लाउडस्‍पीकर पर महात्मा गांधी के भजन और अलग-अलग देशभक्ति गाने बजाए गए. दिलचस्प बात यह रही कि अनशन के स्थान पर कांग्रेस पार्टी का चिन्ह नहीं था और ना ही पार्टी आलाकमान (सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे) की तस्वीर. पायलट ने अनशन स्थल पर अपने पास एक भगवत गीता और एक भगत सिंह की पुस्तक अपने पास रखी थी.

शहीद स्मारक पर पहुंचने से पहले पायलट अपने आवास से 22 गोदाम सर्किल पहुंचे और वहां समाज सुधारक ज्योतिबा फुले की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की. धरना स्‍थल पर बड़ी संख्या में पायलट समर्थक मौजूद रहे, हालांकि पार्टी का कोई बड़ा चेहरा या मौजूदा विधायक वहां नजर नहीं आया. पायलट ने मौजूदा विधायकों से इस कार्यक्रम में नहीं आने को कहा था. पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह के बेटे अनिरुद्ध, जिन्होंने हाल ही में ब्रिटेन में टिप्पणी के लिए राहुल गांधी को निशाना बनाया, वह भी अनशन स्थल पर मौजूद थे. पायलट के विधानसभा क्षेत्र टोंक के अलावा अजमेर और पूर्वी राजस्थान से आए कई अन्य नेता और कार्यकर्ता भी शहीद स्मारक में मौजूद थे.

आपके शहर से (जयपुर)

अनशन शाम चार बजे समाप्‍त हुआ. अनशन स्‍थल से रवाना होने से पहले पायलट ने मीडिया से कहा, ‘भ्रष्‍टाचार के खिलाफ यह संघर्ष जारी रहेगा.’ कांग्रेस में गुटबाजी के बीच पायलट के इस कदम को विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में नेतृत्व के मुद्दे को हल करने के लिए पार्टी आलाकमान पर दबाव बनाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है. उल्‍लेखनीय है कि गहलोत और पायलट में यह खींचतान दिसंबर 2018 में सरकार गठन के दौरान मुख्यमंत्री पद को लेकर शुरू हुई थी. तब पार्टी आलाकमान ने गहलोत को तीसरी बार मुख्‍यमंत्री पद द‍िया जबक‍ि पायलट को उपमुख्‍यमंत्री बनाया.

जुलाई 2020 में पायलट ने कुछ और विधायकों के साथ गहलोत के नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह कर दिया था. इसके बाद राज्‍य में लगभग एक महीने तक राजनीतिक संकट रहा जो पार्टी आलाकमान की ओर से पायलट द्वारा उठाए गए मुद्दों पर गौर करने के आश्वासन के बाद समाप्त हो गया था. पायलट मांग करते रहे हैं कि पार्टी नेतृत्व उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों पर कार्रवाई करे.

(इनपुट एजेंसी से भी)

Tags: Ashok gehlot, Congress, Rahul gandhi, Sachin pilot


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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