IPL 2023 फाइनल में क्यों नहीं पहुंच पाई MI, गुजरात और चेन्नई से किन चीजों में रह गई पीछे | Why Mumbai indians could not reach IPL 2023 final, what things left behind from Gujarat and Chennai

IPL 2023 in Hindi: आईपीएल 2023 में मुंबई की टीम फाइनल की रेस में चेन्नई सुपर किंग्स और गुजरात टाइटंस के सामने काफी पिछड़ी साबित हुई। इस विश्लेषण में आंकड़ों सहित जानिए पूरी डिटेल्स-
Cricket
oi-Antriksh Singh

IPL
2023
Mumbai
Indians
Review
in
Hindi:
मुंबई
इंडियंस
की
टीम
के
लिए
आईपीएल
2023
का
सफर
समाप्त
हो
गया
है
और
वे
लगातार
तीसरी
बार
आईपीएल
के
फाइनल
में
नहीं
पहुंच
पाए।
मुंबई
ने
2020
में
अंतिम
बार
आईपीएल
चैंपियनशिप
हासिल
की
थी,
लेकिन
उसके
बाद
से
पांच
बार
के
चैंपियन
अपने
उस
रंग
में
नहीं
दिखाई
दे
रहे
हैं
जिसके
लिए
लोग
उन्हें
जानते
हैं।
लगातार
तीसरा
सीजन
सूखा
रहा-
हालांकि
मुंबई
पिछले
दो
सीजनों
की
तुलना
में
इस
बार
काफी
बेहतर
खेली
लेकिन
पांच
बार
के
चैम्पियन
भरसक
प्रयासों
के
बावजूद
अंत
में
सीएसके
और
जीटी
से
पिछड़
गए।
एमआई
डोमिनेट
करने
के
लिए
जानी
जाती
है
लेकिन
इस
सीजन
में
उनके
फाइनल
में
ना
पहुंचने
की
बड़ी
वजह
रही-
टीम
की
गेंदबाजी
व
ओपनिंग
बल्लेबाजी।
सीएसके
और
जीटी
की
तुलना
में
गेंदबाजी
सबसे
बड़ा
फर्क
साबित
हुई-
मौजूदा
सीजन
में
मुंबई
इंडियंस
ने
लीग
स्टेज
में
14
मैचों
में
8
जीत
दर्ज
की
और
वे
चौथे
स्थान
पर
रहे
जिसके
चलते
उनको
एलिमिनेटर
मैच
खेलना
पड़ा।
जहां
उन्होंने
लखनऊ
की
टीम
को
हराकर
दूसरे
क्वालीफायर
में
जगह
बनाई।
क्वालीफायर
नंबर
2
में
उन्हें
गुजरात
टाइटंस
ने
आसानी
से
हरा
दिया।
मुंबई
की
लड़खड़ाहट
लीग
स्टेज
में
ही
शुरू
हो
गई
थी।
अगर
वह
टॉप-2
में
रहते
तो
अपना
पहला
क्वालीफायर
मैच
जीतकर
इस
समय
फाइनल
में
हो
सकते
थे।
अगर
आप
आईपीएल
में
मुंबई
इंडियंस
की
तुलना
फाइनल
में
पहुंचने
वाली
अन्य
दो
टीमों
चेन्नई
सुपर
किंग्स
व
गुजरात
टाइटंस
के
साथ
करेंगे
तो
गेंदबाजी
सबसे
बड़ा
अंतर
नजर
आती
है।
ओवरऑल
गेंदबाजी
खराब-
मुंबई
ने
जसप्रीत
बुमराह
और
जोफ्रा
आर्चर
की
गैरमौजूदगी
में
काफी
संघर्ष
किया
है।
इस
सीजन
में
मुंबई
ने
अपने
21
खिलाड़ियों
को
गेंदबाज
के
तौर
पर
इस्तेमाल
किया
और
33.70
के
औसत
से
86
विकेट
हासिल
किए।
इस
दौरान
उनका
इकोनामी
रेट
9.40
का
रहा
जो
काफी
ऊंचा
है।
चेन्नई
सुपर
किंग्स
ने
24.39
की
औसत
और
8.29
की
इकोनॉमी
रेट
के
साथ
विकेट
लेने
में
कामयाबी
हासिल
की
है।
मुंबई
की
टीम
जहां
21.5
गेंद
हर
एक
विकेट
को
लेने
में
लगाती
है
तो
वहीं
चेन्नई
सुपर
किंग्स
की
टीम
17
गेंदों
में
1
विकेट
ले
लेती
है।
गुजरात
टाइटंस
के
आंकड़े
और
भी
शानदार
है
क्योंकि
इन्होंने
16.7
गेंदों
में
1
विकेट
हासिल
किया
है
और
मात्र
8.33
की
इकोनॉमी
के
साथ
सबसे
ज्यादा
113
विकेट
चटकाए
हैं।
उनका
गेंदबाजी
औसत
23.28
का
रहा
है
जो
उन्हें
सीजन
की
बेस्ट
टीम
बनाना
जस्टिफाई
करता
है।
आकाश
मधवाल
अंत
में
चमके-
मुंबई
की
टीम
में
लेदेकर
पीयूष
चावला
ही
16
मैचों
में
22
विकेट
ले
पाए।
आकाश
मधवाल
ने
सीजन
के
बाद
में
आकर
अपना
कमाल
दिखाया।
मधवाल
ने
8
मैचों
में
14
विकेट
लिए
लेकिन
सीजन
की
शुरूआत
में
उनका
ना
खेलना
एमआई
को
काफी
भारी
पड़ा।
जेसन
बेहरेनडॉर्फ
ने
12
मैचों
में
14
विकेट
लिए।
इसके
अलावा
मुंबई
इंडियंस
की
ओर
से
कोई
भी
गेंदबाज
आपको
ठीक-ठाक
स्थिति
में
नहीं
दिखाई
देगा।
एक
गेंदबाजी
यूनिट
के
तौर
पर
एमआई
कमतर
साबित
हुई
इसमें
कोई
शक
नहीं
है।
वहीं,
बाकी
दो
टीमों
की
बात
करें
तो
टॉप
के
तीन
गेंदबाज
गुजरात
टाइटंस
के
ही
हैं।
चेन्नई
सुपर
किंग्स
की
ओर
से
भी
तुषार
देशपांडे,
रविंद्र
जडेजा,
मथिशा
पथिराना
बहुत
ही
जबरदस्त
गेंदबाज
बनकर
उभरे।
इतना
ही
नहीं
शुरुआत
में
चोटिल
हुए
दीपक
चाहर
ने
भी
बाद
में
आकर
अपना
बढ़िया
काम
किया
और
9
मैचों
में
12
विकेट
लिए।
IPL
2023:
क्या
शुभमन
गिल
इस
सीजन
में
तोड़
सकते
हैं
विराट
कोहली
का
973
रनों
का
महा
रिकॉर्ड
ओपनरों
ने
बुरी
तरह
धोखा
दिया-
दूसरा
सबसे
बड़ा
फैक्टर
ओपनिंग
है
जहां
मुंबई
की
टीम
ने
बुरी
तरह
मात
खाई
है।
मुंबई
ने
अपने
जितने
भी
मैच
हारे
उसमें
सिर्फ
एक
मुकाबले
को
छोड़
दिया
जाए
तो
बाकी
किसी
में
उनके
दोनों
ओपनर
एक
साथ
नहीं
चले।
मुंबई
को
मैच
जिताने
में
बाद
में
सूर्यकुमार
यादव
को
ही
मिडिल
ऑर्डर
में
रौद्र
रूप
धारण
करना
पड़ा।
मुंबई
ने
लखनऊ
सुपरजाइंट्स
के
खिलाफ
पहले
विकेट
के
लिए
90
रन
की
ओपनिंग
साझेदारी
देखने
के
बावजूद
5
रनों
की
करीबी
हार
पाई
थी।
इसके
अलावा
कभी
रोहित
नहीं
चले,
कभी
ईशान
नहीं
चले
तो
कभी
नेहल
वढेरा
को
ओपनिंग
में
उतार
दिया
गया।
यह
सब
प्रयोग
असफल
साबित
हुए।
रोहित
का
बुरा
हाल,
दूसरी
ओर
गायकवाड़-कोन्वे
और
गिल
का
कमाल-
रोहित
शर्मा
ने
एक
ओपनर
के
तौर
पर
आकर
16
मैचों
में
सिर्फ
20.75
की
औसत
से
332
रन
बनाए।
वे
अपनी
टीम
के
टॉप
ऑर्डर
के
अनस्टेबल
होने
में
सबसे
बड़ा
कारण
रहे।
उनसे
अच्छा
औसत
तो
गुजरात
टाइटंस
के
विकेटकीपर
ओपनर
रिद्धिमान
साहा
का
रहा
जिन्होंने
21.13
की
औसत
से
317
रन
बनाए।
मुंबई
की
ओर
ईशान
किशन
ही
16
मैचों
में
454
रन
बना
सके
और
उनका
औसत
30.27
का
रहा।
जबकि
इस
दौरान
गुजरात
टाइटंस
के
लिए
शुभमन
गिल
ने
इसके
लगभग
डबल
रन
बनाकर
अलग
ही
स्तर
का
कमाल
किया।
चेन्नई
सुपर
किंग्स
के
लिए
भी
उनके
ओपनर
डेवॉन
कोन्वे
और
ऋतुराज
गायकवाड
ने
जबरदस्त
परफॉर्मेंस
दी
है।
चेन्नई
सुपर
किंग्स
के
ओपनरों
ने
इस
सीजन
में
55.35
की
औसत
के
साथ
775
रन
साझेदारी
में
जोड़ें।
इसी
दौरान
मुंबई
इंडियंस
के
ओपनिंग
बल्लेबाजों
ने
केवल
32.62
की
औसत
के
साथ
522
रन
जोड़े।
हालांकि
गुजरात
के
ओपनर
भी
523
रन
जोड़
पाए
और
उनका
औसत
मुंबई
के
बल्लेबाजों
के
करीब
ही
रहा
लेकिन
यहां
शुभमन
गिल
ने
अंत
में
जिस
तरह
से
कायापलट
कि
उस
तरह
से
ना
रोहित
खड़े
हो
पाए
ना
ही
ईशान
किशन।
आगे
कंसिस्टेंट
होने
का
वायदा
जरूर
कर
गई
मुंबई
की
ये
टीम-
अंत
में
कहना
होगा
जसप्रीत
बुमराह,
जोफ्रा
आर्चर
की
गैरमौजूदगी,
पांड्या
बंधुओं
का
दूसरी
टीम
में
जाना,
कीरोन
पोलार्ड
का
संन्यास,
यह
सब
चीजें
मुंबई
पर
बेहद
ही
भारी
पड़ी
हैं।
कहा
जा
सकता
है
कि
इस
टीम
की
आत्मा
ही
इससे
दूर
हो
चुकी
है
और
अब
यह
टीम
एक
जबरदस्त
ट्रांसफॉरमेशन
के
दौर
से
गुजर
रही
है
जहां
तिलक
वर्मा,
नेहल
वढेरा,
आकाश
मधवान,
कैमरन
ग्रीन
जैसे
नए
रोमांचक
खिलाड़ी
आ
रहे
हैं।
जिनके
दम
पर
आने
वाले
सीजनों
में
मुंबई
फिर
से
अपनी
असली
बुनियाद
पर
खड़ी
होती
दिखाई
दे
सकती
है।
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Why Mumbai indians could not reach IPL 2023 final, what things left behind from Gujarat and Chennai
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