अजब गजब

Sleeping on platforms to building rs 36000 crore company know inspiring success story of satyanarayan nuwal – News18 हिंदी

नई दिल्‍ली. अगर व्‍यक्ति में हौसला हो तो बड़ी से बड़ी परेशानियां भी रास्‍ता नहीं रोक सकतीं. यही साबित किया है कि सोलन इंडस्‍ट्रीज के मालिक सत्‍यनारायण नुवाल ने. आज 36,000 करोड़ मूल्‍य वाली कंपनी के मालिक नुवाल के पास एक वक्‍त कुछ भी नहीं था. आर्थिक तंगी के कारण वे केवल 10वीं तक ही पढ़ पाए. छोटी उम्र में ही घरवालों ने उनकी शादी कर दी. घर चलाने को स्‍याही का कारोबार किया तो वो भी फेल हो गया. राजस्‍थान छोड़कर काम की तलाश में महाराष्‍ट्र आए नुवाल को कुछ दिन रेलवे स्‍टेशन पर सोना पड़ा. इतना होने के बावजूद उन्‍होंने जिंदगी में कुछ बड़ा करने की जिद नहीं छोड़ी. नतीजा आज वे विस्‍फोटक बनाने वाली बड़ी कंपनियों में से एक के मालिक हैं.

सत्‍यनारायण नुवाल का जन्‍म राजस्‍थान के भीलवाड़ा में हुआ. उनके पिता पटवारी थे. दादा की छोटी सी परचून की दुकान थी. पिता के नौकरी से रिटायर होने के बाद उनका परिवार आर्थिक संकट से घिर गया. नतीजतन, सत्‍यनारायण की पढ़ाई छूट गई. घर का खर्च चलाने को उन्‍होंने फाउंटेन पेन की स्‍याही का कारोबार शुरू किया. लेकिन, यह धंधा चला नहीं और सत्‍यनारायण को काफी घाटा हुआ.

ये भी पढ़ें- कभी दो वक्‍त रोटी भी नहीं होती थी नसीब, बेचता था सड़क पर अखबार, अब 400 कारों का मालिक है ये करोड़पति नाई

प्‍लेटफार्म पर सोए
साल 1977 में सत्‍यनारायण महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले के बल्हारशाह में काम की तलाश में आ गए. उनके पास पैसे नहीं थे. यहां कई दिन तक उन्‍हें नौकरी नहीं मिली. कमरा किराए पर लेने को पैसे न होने की वजह से उन्‍होंने कई रातें रेलवे स्‍टेशन के प्‍लेटफॉर्म पर गुजारी. कई दिनों बाद उनकी मुलाकात विस्‍फोटकों के व्‍यापारी अब्दुल सत्तार अल्लाहभाई से हुई. अब्‍दुल कुएं खोदने, सड़कें बनाने और खदानों की खुदाई में काम आने वाले विस्‍फोटक बेचा करते थे. सत्‍यनारायण ने भांप लिया कि विस्‍फोटकों के धंधे में अच्‍छी कमाई है. लेकिन, समस्‍या यह थी कि विस्‍फोटकों का कारोबार करने के लिए लाइसेंस और गोदाम की जरूरत थी. ये दोनों ही उनके पास नहीं थे.

सत्‍यनारायण ने इसका भी तोड़ निकाला. उन्‍होंने 1000 हजार रुपये महीना अब्‍दुल सत्‍तार को देकर उनके गोदाम में ही अब्‍दुल के ही लाइसेंस पर विस्‍फोटक बेचने शुरू कर दिए. वे 250 रुपये का विस्‍फोटक खरीदकर उसे 800 रुपये में बेचते थे. अपनी मेहनत और सूझबूझ से सत्‍यनारायण ने जल्‍द ही अपना कारोबार अच्‍छा-भला बढ़ा लिया.

ब्रिटिश कंपनी के बने वितरक
कुछ समय बाद विस्‍फोट बनाने वाली ब्रिटिश कंपनी इंपीरियल केमिकल्‍स इंडस्‍ट्री ने सत्‍यनारायण को अपना वितरक बना लिया. वितरक बनना सत्‍यनारायण के जीवन का टर्निंग प्‍वाइंट साबित हुआ. इससे उनका बिजनेस खूब बढ़ा और वे आर्थिक रूप से काफी सक्षम हो गए.

1995 में रखी कंपनी की नींव
साल 1995 आते-आते सत्‍यनारायण नुवाल को विस्‍फोटक बनाने और बेचने का लंबा अनुभव हो चुका था. वे इस फील्‍ड में कुछ बड़ा करना चाहते थे. इसी के मद्देनजर उन्‍होंने साल 1995 में अपनी कंपनी बना ली. कंपनी की स्‍थापना के लिए उन्‍होंने बैंक से 60 लाख रुपये कर्जा लिया था. एक साल बाद यानी 1996 में उन्हें 6,000 टन विस्फोटक सालाना बनाने का लाइसेंस मिला. शुरुआत के दिनों में नुवाल कोयला खदानों में विस्फोटक की आपूर्ति करने लगे.

वर्ष 2010 में सोलर इंडस्‍ट्रीज देश की पहली निजी कंपनी थी जिसे भारत सरकार से भारत के रक्षा बलों के लिए हथियार बनाने के लिए विस्फोटक बनाने का लाइसेंस मिला था. साल 2021-22 में चार लाख टन सालाना की क्षमता के साथ वे दुनिया के चौथे सबसे बड़े विस्फोटक निर्माता और पैकेज्ड विस्फोटकों के सबसे बड़े निर्माता बन गए.

19,000 करोड़ है नेटवर्थ
फोर्ब्‍स के अनुसार, सत्‍यनारायण नुवाल की नेटवर्थ अब करीब 19,000 करोड़ रुपये है. उनकी कंपनी सोलर इंडस्‍ट्रीज का बाजार मूल्‍य अब 36,000 करोड़ रुपये है. कंपनी में उनकी 70 फीसदी हिस्‍सेदारी है. सोलर इंडस्‍ट्रीज में करीब 8 हजार कर्मचारी काम करते हैं. आज सत्‍यनारायण की कंपनी ग्रेनेड, ड्रोन और वॉरहेड के लिए विस्फोटक और प्रोपेलेंट्स बनाती है.

Tags: High net worth individuals, Inspiring story, Success Story


Source link

एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!