मध्यप्रदेश

Ujjain:बाबा की नगरी में ट्रेवल्स संचालकों की मनमानी, पैसेंजर से पूरा किराया वसूला, धक्का लगवाया और धमकी भी दी – Ujjain News: Arbitrary Travel Operators, Charged Full Fare From Passenger, Pushed And Threatened


गाड़ी जो खराब थी, जिसे पैसेंजर ने धक्का लगाया
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार

विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में महाकाल लोक के निर्माण के बाद प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु बाबा महाकाल के दर्शन करने और महाकाल लोक का भ्रमण करने उज्जैन आ रहे हैं, जो कि चाहते हैं कि बाबा महाकाल की नगरी में उन्हें ऐसी व्यवस्थाएं मिले जिससे वह प्रसन्न हो जाएं, लेकिन श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने के बाद लगता है जैसे हर कोई लूट खसोट पर ही उतर आया है। जिससे इस नगरी से वापस जाने वाले श्रद्धालु अपने साथ महाकाल दर्शन, होटलों में ठहरने के साथ ही ट्रैवल्स के कुछ अच्छे अनुभव अपने साथ नहीं ले जा रहे हैं। दो दिन पूर्व की एक घटना भी ऐसी ही है, जिसमें एक परिवार ने ओंकारेश्वर दर्शन करने के लिए ट्रेवल्स की एक गाड़ी बुक करवाई थी। गाड़ी को बुक करते समय तो ट्रेवल्स संचालक ने कई वादे किए, लेकिन जब गाड़ी में कुछ दिक्कत आई तो पैसेंजर से उसके पैसे भी लिए गाड़ी बंद होने पर धक्का भी लगवाया और ड्राइवर की धमकी भी सुननी पड़ी।

बताया जा रहा है कि सालासर ट्रेवल्स इंदौर से दो दिनों पूर्व ओंकारेश्वर जाने के लिए एक गाड़ी ऑफलाइन बुक करवाई गई थी। आने जाने के लगभग 4300 रुपये तय हुए थे। इस गाड़ी में अंकुर नाम का ड्राइवर था, जिसने सवारी को नानाखेड़ा के समीप से बिठाया था और उसके बाद आने जाने के लिए गाड़ी में 2200 का डीजल भी डलवा लिया था। गाड़ी की शुरुआत में ही जब सवारी को  ऐसा लगा कि गाड़ी का AC काम नहीं कर रहा है तो उन्होंने तुरंत इसकी शिकायत ड्राइवर से की, जिस पर ड्राइवर ने उन्हें एक घंटे तक इंतजार करवाया और फिर यह कह दिया कि अन्य कोई गाड़ी उपलब्ध नहीं है। थोड़ी देर गाड़ी चलेगी तो AC अपने आप ठीक हो जाएगा। यह गाड़ी ओंकारेश्वर तक पहुंच गई, लेकिन तब तक गाड़ी का AC नहीं चला। क्योंकि गाड़ी में बैठे लोगों को भगवान ओंकारेश्वर के दर्शन करना थे, इसलिए उन्होंने ड्राइवर से कुछ नहीं कहा, लेकिन जब वह जाने लगे तो ड्राइवर ने उन्हें  बताया कि गाड़ी  मैं कुछ खराबी आ रही है जिस पर गाड़ी में सवार लोगों ने ड्रायवर से कहा था कि हम जब तक दर्शन करके आए तब तक आप इसे सुधरवा लीजिए।

दर्शन करने के बाद परिवार रात करीब 9:30 बजे लौटा और ड्राइवर उन्हें लेकर ओंकारेश्वर से निकला ही था कि महज 15 मिनट बाद यह गाड़ी फिर बंद हो गई। गाड़ी के अचानक बंद होने से गाड़ी में बैठे लोगों ने मानवता के नाते लगभग एक किलोमीटर तक इस गाड़ी को धक्का मारा तब कही जाकर गाड़ी चालू हुई, लेकिन कुछ देर चलने के बाद गाड़ी फिर बंद हो गई। काफी देर परेशान होने और लगभग आधी रात होने पर गाड़ी में बैठा परिवार परेशान होने लगा, जिस पर उन्होंने ड्राइवर से कहा कि आप अपने ट्रैवल्स से कोई दूसरी गाड़ी मंगवा लीजिए, जिससे हम उज्जैन जा सके या फिर हमें उज्जैन पहुंचाने की कोई व्यवस्था कर दीजिए। लेकिन ड्राइवर ने यहां भी इस परिवार की मदद करने के बजाय उल्टा उन्हें यह जवाब दे दिया कि हम आपकी कोई मदद नहीं कर सकते। हमारे पास कोई गाड़ी नहीं है। गाड़ी में बैठे लोगों ने जब ट्रेवल्स के ड्राइवर को उसकी जिम्मेदारी समझाई और बताया कि हमने आपके बताए अनुसार गाड़ी का पूरा किराया दिया है तो ड्राइवर और भी नाराज हो गया और उसने यह कहकर सभी को धमकाया कि उज्जैन आओ फिर तुम्हें बताता हूं। इस बात को लेकर ड्राइवर और पैसेंजर के बीच कुछ देर तक विवाद भी हुआ, जिसके बाद जब ड्राइवर ने पैसेंजर के उज्जैन आने की कोई व्यवस्था नहीं की तो यह पूरा परिवार परेशान होते-होते रात एक बजे इंदौर पहुंचा और फिर वहां से बस के माध्यम से जैसे तैसे उज्जैन आया। 

मोरटक्का पुलिस चौकी पर की शिकायत

बताया जा रहा है कि ओंकारेश्वर दर्शन करने गया परिवार सालासर ट्रेवल्स की गाड़ी से बुकिंग करवाने पर इतना अधिक परेशान हो गया था, कि उन्होंने इस पूरे मामले में एक लिखित शिकायत मोरटक्का पुलिस चौकी पर भी की है। पीड़ित परिवार का कहना है कि हमने इस यात्रा के दौरान ड्राइवर की हर संभव मदद करने की कोशिश की AC नहीं चला तो हमने कुछ नहीं कहा पैसे देने के बाद भी गाड़ी बंद होने पर धक्का मारा लेकिन जब ड्राइवर को हमारी मदद करना थी तब वह मदद करने के बजाय उल्टा हमें ही धमकाने लगा जो कि सरासर गलत है इसीलिए इस मामले में शिकायत की गई है। 

ऐसी दादागिरी होगी तो क्या करेंगे श्रद्धालु

इस मामले की शिकायत तो मोरटक्का पुलिस चौकी तक पहुंच गई है, लेकिन सोचने वाली बात यह है कि इन दिनों बाबा महाकाल के दर्शन करने और महाकाल लोक घूमने के लिए प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु बाबा महाकाल के दरबार में पहुंच रहे हैं। ट्रेवल्स संचालकों और ड्राइवरों को यह समझना चाहिए कि उज्जैन में श्रद्धालुओं के आने से उनका रोजगार बढ़ा है। यह रोजगार हमेशा बना रहे हमें इस प्रकार के प्रयास करना चाहिए साथ ही हमारे व्यवहार में भी इतनी मधुरता लानी चाहिए कि यदि संकट के समय में श्रद्धालु और पैसेंजर उनकी मदद करते हैं तो उन्हें भी ऐसे लोगों की मदद करना चाहिए ना कि दादागिरी।


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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