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केसीआर ने भरी हुंकार, कहा- तीस दिन के प्रयास से महाराष्ट्र की बदल जाएगी राजनीति

हाइलाइट्स

मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने भरी हुंकार
30 दिन के प्रयास से महाराष्ट्र की बदल जाएगी राजनीति

नई दिल्ली. मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (K Chandrashekar Rao) ने कहा कि महाराष्ट्र में तीस दिनों के भीतर बीआरएस का मजबूत संगठन तैयार हो जाएगा. तीस दिन के प्रयास से महाराष्ट्र की राजनीति बदल जाएगी. अब भारत बदलने का मौका महाराष्ट्र को मिला है. केसीआर ने शुक्रवार को नानदेड में बीआरएस कार्यकर्ताओं की दो दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए बीआरएस कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे तीस दिनों की मेहनत से पचास हजार गांव और निगम वार्ड में बीआरएस की मजबूत टीम तैयार करें और पूरे भारत का इतिहास बदलने की नींव डालें. हमने देश में परिवर्तन करने और सभी वर्ग के कल्याण का महान लक्ष्य निर्धारित किया है. ळक्ष्य प्राप्त करने तक हम काम करेंगे. जबतक मंजिल तक नहीं पहुंचेंगे, किसी भी कीमत पर यह प्रयास नहीं रोकेंगे.

केसीआर ने कि देश में करीब पचास प्रतिशत किसान हैं, यह चुनाव जीतने के लिए पर्याप्त है. किसानों को अपनी किस्मत खुद लिखना चाहिए. केसीआर ने अपने संबोधन में कहा कि भारत में परिवर्तन हमारा लक्ष्य है. मुंबई, पुणे, औरंगाबाद और नागपुर में बीआरएस पार्टी का स्थाई कार्यालय खुलेगा, सभी कार्यालयों में लगातार लंगर चलेगा. करीब छह सौ लोगों और पार्टी कार्यकर्ता के लिए लंगर की व्यवस्था की जाएगी. केसीआर ने कहा कि कर्नाटक में भाजपा चुनाव हारी है और कांग्रेस चुनाव जीत गई है. लेकिन कुछ बदलने वाला नहीं है, यह कथा पचहत्तर साल से चला आ रहा है. चुनाव के बाद जनता की जीत होनी चाहिए. हम जनता को जिताने की शपथ ले रहे हैं. जनता की अपेक्षा के अनुरूप सरकार बनाएंगे. बीआरएस ने तेलंगाना में किसानों को जिताकर दिखाया है. अब पूरे भारत में तेलंगाना मॉडल की बात हो रही है.

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केसीआर ने कहा कि हमारी आंखों के सामने चीन विश्व का सबसे प्रबल आर्थिक शक्ति बनकर तैयार हो गया है. सिंगापुर, मलेशिया, दक्षिण कोरिया और जापान नया रास्ता पकड़कर विकसित हो चुके हैं. लेकिन हमें पीने का पानी पर्याप्त नहीं मिल रहा है. आजादी के पचहत्तर साल बाद भी देश की राजधानी दिल्ली में पर्याप्त बिजली और पीने का पानी उपलब्ध नहीं है. एक भी राजनीतिक पार्टी में बदलने की इच्झाशक्ति रहती तो देश में बदलाव हो गया रहता. पिछड़े और आदिवासी अभी तक पिछड़े हैं.

बीआरएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि जिस लक्ष्य की शुरूआत आज हम कर रहे हैं, वह साधारण लक्ष्य नहीं है. शरद जोशी के नेतृत्व में महाराष्ट्र के किसानों ने आंदोलन किया. तेलंगाना राज्य बनने से पहले वहां भी महाराष्ट्र से बुरी स्थिति थी. तेलंगाना राज्य को कुल नौ वर्ष का समय मिला जिसमें कोरोना काल को छोड़कर मात्र सात वर्ष ही काम काज हो पाया है. तेलंगाना देश में सर्वाधिक तीन करोड़ टन धान उगाने वाला राज्य बन चुका है. हरित क्रांति लाने वाले प्रदेश पंजाब से धान उत्पादन में तेलंगाना आगे हो चुका है. सरकार ने 71 सौ धान खरीद केन्द्र खोले हैं जिससे प्रत्येक किसान को खरीद मूल्य मिलता है और दलालों से उनका बचाव होता है.

नानदेड कार्यशाला में उपस्थित पार्टी सदस्यों से केसीआर ने कहा कि वे महाराष्ट्र के कुल पैंतालीस हजार गांवों और पांच सौ निगम वार्ड में नौ कमेटी का गठन करें और इस काम को तीस दिन में पूरा करें. कुल पचास हजार यूनिट में पार्टी इकाई का गठन करें. प्रत्येक गांव में बीआरएस पार्टी कमेटी, भारत राष्ट्र किसान कमेटी, युवा कमेटी, महिला कमेटी, ओबीसी कमेटी, एससी कमेटी, एसटी कमेटी, अल्पसंख्यक कमेटी और छात्र कमेटी का गठन करें. छोटे गांव में प्रत्येक कमेटी में छह सदस्य और बड़े गांव में प्रत्येक कमेटी में ग्यारह सदस्य होने चाहिए. बहुत बड़े गांव में हर कमेटी में चौबीस सदस्य होने चाहिए. कमेटी तैयार होने पर प्रक्षिक्षण शिविर आयोजित होगा. सेवानिवृत शिक्षक और डाक्टर को टीम में शामिल किया जाना चाहिए. प्रत्येक गांव में सदस्य को शॉल और टीम के पास पार्टी का झंडा होना चाहिए. पांच हजार शॉल और तीन हजार टोपी दिए जा रहे हैं. टीम के लीडर को टैबलेट मिलेगा. बीआरएस पार्टी का स्टिकर कारों पर लगाएं. पूरे देश में परिवर्तन के लिए यह मुहिम जारी रहेगी.

केसीआर ने कहा कि तेलंगाना सरकार प्रत्येक किसान को दस हजार रूपए प्रति एकड़ प्रति वर्ष देती है. सभी किसानों का बीमा कराया गया है, किसानों की मृत्यु होने पर परिवार के सदस्य को पांच लाख की राशि दी जाती है. करीब एक लाख किसानों की मृत्यु होने पर पांच हजार करोड़ की राशि किसानों को बीमा राशि के रूप में वितरित की जा चुकी है. दलित बंधु योजना के तहत दस लाख रूपए किसी भी दलित युवा को रोजगार शुरू करने के लिए दिया जाता है. इसका लाभ पचास हजार दलित युवाओं को मिला है जबकि एक लाख परिवार को जल्द दलित बंधु योजना का लाभ मिलेगा. महाराष्ट्र में भी ये योजनाएं लागू करना संभव है. दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के बाद प्रत्येक गांव में जाकर कमेटी गठित करें. किसानों को अपनी किस्मत खुद लिखनी चाहिए. सभी कार्यकर्ता तीस दिन की मेहनत से पूरे भारत का इतिहास बदलने की नींव डालें.

Tags: CM KCR, Maharashtra


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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