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श्रीनगर में G20 बैठक पर हमले का आतंकियों ने बनाया नया प्लान, स्टिकी बॉम्ब से डाउनटाउन को बना सकते हैं निशाना, खुफिया विभाग ने किया अलर्ट

नई दिल्ली. G20 बैठक को लेकर आतंकियों ने श्रीनगर में आयोजन स्थल से करीब 10 किलोमीटर दूर डाउनटाउन हमले का प्लान में बनाया है. खुफिया एजेंसी को महत्वपूर्ण इनपुट मिले हैं कि आतंकवादी श्रीनगर के करीब एक दर्जन पुराने इलाकों में आतंकी वारदात को अंजाम देने की फिराक में हैं, ताकि इस महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय आयोजन से पहले घाटी का माहौल बिगाड़ा जा सके. खुफिया विभाग को पता चला है कि आतंकियों की ये योजना स्टिकी बॉम्ब के जरिये वारदात को अंजाम देने की है.

खुफिया सूत्रों के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर में होने वाली जी20 बैठक से पहले आतंकी राजधानी श्रीनगर में बड़े हमले की प्लानिंग कर रहे हैं. यहां सुरक्षा बलों ने आयोजन स्थल और उसके आसपास के इलाकों में पुख्ता सुरक्षा कर रखी है, लिहाजा आयोजन स्थल से 10 किलोमीटर दूर डाउनटाउन इलाके के आसपास आतंकी एक साथ कई हमले की योजना बना रहे हैं.

डाउनटाउन के दर्जन भर इलाकों को बना सकते हैं निशाना
सुरक्षा एजेंसियों को श्रीनगर के डाउनटाउन स्थित करीब एक दर्जन इलाकों में आतंकी हमलों के इनपुट मिले हैं. इनमें नूरबाग, लाल बाजार, रैनावरी, बाटपुरा और ईदगाह जैसे प्रमुख इलाके भी शामिल हैं. इन इलाकों में ओवरग्राउंड वर्करों की मदद से हमले के खुफिया इनपुट मिले हैं. खुफिया एजेंसी के मुताबिक, आतंकी ये हमले स्टिकी बॉम्ब या फिर आईईडी धमाके के जरिये कर सकते हैं.

खुफिया एजेंसियों ने इससे पहले अलर्ट किया था कि जी-20 बैठक को लेकर पाकिस्तान के इशारे पर आतंकी संगठन जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधि और सोशल मीडिया पर फर्जी प्रोपेगैंडा चला रहे हैं. जम्मू में हुई हालिया आतंकी घटना और सोशल मीडिया पर जी020 को लेकर किए गए फर्जी ट्वीट इस पाकिस्तानी साजिश का अहम हिस्सा हैं.

खुफिया एजेंसी को यह भी जानकारी मिली है कि आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद और लश्कर ए तैयबा मिलकर यह जमीनी लड़ाई और साइबर लड़ाई लड़ रहे हैं. इन आतंकी मंसूबों को देखते हुए सुरक्षा एजेंसियों ने भी कश्मीर के हर इलाके में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है और पाकिस्तान के हर प्रोपेगैंडा को लेकर बेहद सतर्कता बरती जा रही है.

Tags: G20 Summit, Jammu kashmir, Terrorist attack


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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