मध्यप्रदेश

Ssc:नेशनल गर्ल्स टॉपर की कहानी… तीन बार असफल हुई फिर मिली सफलता – Ssc Girls Topper Prachi Tripathi Seccess Motivational Inspirational Story

इंदौर की प्राची त्रिपाठी ने कर्मचारी चयन आयोग (SSC) की परीक्षा में पांचवीं रैंक पाई है। उन्होंने गर्ल्स कैटेगरी में देशभर में टॉप किया है। एग्जाम में प्राची त्रिपाठी 390 अंक में से 350 अंक हासिल किए हैं। एग्जाम में सफलता के लिए प्राची ने बहुत मेहनत की। वे तीन बार असफल हुईं और एक बार तो उन्हें भी यह लगा कि कुछ और कर लूं लेकिन दोस्तों और परिजन ने हिम्मत दी तो उन्होंने फिर से परीक्षा दी। इस बार उन्होंने अपनी काबिलियत साबित कर दी। 25 वर्षीय प्राची का रिजल्ट 13 मई को आया। प्री एग्जाम क्वालिफाई करने के बाद मेन्स 6 मार्च 2022 को हुई थी। मेन्स में 390 में से रॉ स्कोर 350 का रहा, जबकि नॉर्मल स्कोर करीब 370 के आसपास है। अगले दो से तीन महीने में प्राची की ज्वाइनिंग होना है। कर्मचारी चयन आयोग के कॉमन ग्रेजुएट लेवल 2022 की परीक्षा में इस बार 16 लाख छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया था। वहीं प्राची मध्य प्रदेश की पहली ऐसी छात्रा बन गई हैं जिसने बीते 25 सालों के इतिहास में पहली बार प्रदेश से 5वीं रैंक देश में हासिल की है। इंदौर में पुलिस इंस्पेक्टर मां की बेटी प्राची अब जल्द ही इनकम टैक्स इंस्पेक्टर बन कर अपनी सेवाएं देंगी. प्राची की इस सफलता पर माता-पिता भी गर्व महसूस कर रहे हैं। 

तीन बार असफल होने के बाद नौकरी तलाशने लगीं थी

प्राची बताती हैं कि इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन करने के साथ ही तय कर लिया था कि मुझे इनकम टैक्स इंस्पेक्टर बनना है। इंजीनियरिंग बैकग्राउंड होने से मैथ्स और इंग्लिश सब्जेक्ट में अच्छी पकड़ थी ही। 2019 में एसएससी के लिए कोचिंग जॉइन की। इस दौरान रेलवे की एग्जाम भी दी। रेलवे की एग्जाम में सिलेक्शन हुआ, मगर मुझे तो इनकम टैक्स इंस्पेक्टर ही बनना था। एसएससी में 2019 में असफल रहने के बाद 2020 और 2021 में फिर से एग्जाम दी, मगर मेरिट आउट रही। तीन बार एग्जाम देने का बाद भी जब सफलता नहीं मिली तो उस वक्त बहुत डी-मोटिवेट हुई। उस वक्त मैं बिजनेस करने और प्राइवेट सेक्टर में नौकरी तलाशने का भी सोचने लगी थी। डी-मोटिवेट होने पर दोस्तों का काफी साथ मिला। उन्होंने मुझे समझाया कि ऐसे हार नहीं मानी जाती। अपने सपने को ऐसे नहीं छोड़ सकती हो। दोस्तों के मोटिवेशन के बाद 2022 में फिर एग्जाम दी और आखिर मेहनत की जीत हो ही गई। 



परिजन ने किया पूरा सपोर्ट

प्राची के पिता महेश त्रिपाठी की सांवेर रोड पर इंडस्ट्री है। मां ममता त्रिपाठी महिला पुलिस थाने में एएसआई हैं। छोटी बहन आस्था है। पिता ने बताया कि मां अल सुबह उठकर घर का काम करके ड्यूटी पर जाती थी। दोनों बेटियां घर के काम के साथ पढ़ाई पर भी ध्यान देती थी। प्राची की सफलता पर पूरा परिवार गर्व महसूस कर रहा है। सभी रिश्तेदार और मित्र हमारे घर पर उसके लिए गिफ्ट भेज रहे हैं। 



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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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