मध्यप्रदेश

Pilgrims stranded on Kedarnath footpath due to cloudburst | केदारनाथ के पैदल-मार्ग पर बादल फटने से फंसे श्रद्धालु: हेलिकॉप्टर से शिवपुरी के 50 को लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू कर निकाला – Shivpuri News


केदारनाथ धाम के पैदल मार्ग पर बुधवार की रात बादल फटने की वजह से शिवपुरी के 62 श्रदालु रास्ते में फंस गए थे। जिनमें से 50 श्रद्धालुओं गुरुवार को हेलिकॉप्टर से सुरक्षित रेस्क्यू कर निकाला गया हैं। हालांकि, रात होने की वजह से शिवपुरी के 12 श्रद्धालु फंस

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बता दें कि केदारनाथ धाम के पैदल मार्ग पर बुधवार की रात बादल फटने से रास्ते का करीब 30 मीटर हिस्सा बह गया है। इसके चलते दोनों ओर सैकड़ों श्रद्धालु रास्ते में ही फस गए थे। गुरुवार की सुबह से ही एनडीआरएफ, डीडीआरएफ जवानों को रेस्क्यू अभियान में लगाया था। रेस्क्यू में हेलिकॉप्टर की मदद भी ली जा रही थी। गुरुवार की देर शाम तक रेस्क्यू अभियान जारी रखा गया था। लेकिन रात होने के चलते रेस्क्यू के कार्य को रोक दिया गया था। लेकिन आज शुक्रवार की सुबह से रेस्क्यू पुनः शुरू कर दिया गया हैं।

बद्रीनाथ धाम में आयोजित होने वाली थी भागवत कथा

जानकारी के मुताबिक, शिवपुरी जिले के बदरवास कस्बे के रहने वाले करीब 62 श्रद्धालु चार धाम यात्रा सहित बद्रीनाथ में आयोजित होने वाली भागवत कथा में शामिल होने निकले थे। यह भागवत कथा बदरवास की मां भुवनेश्वरी रामायण सेवा समिति द्वारा 4 जुलाई से बद्रीनाथ धाम में आयोजित होने वाली थी। इस भागवत कथा का वाचन भी बदरवास के रहने वाले पंडित श्रीकृष्ण गोपाल महाराज करने वाले थे। इसके चलते बदरवास से 62 श्रद्धालु जिनमे 10 लोग खाना आदि कार्य के लिए पांच दिन पहले रवाना हुए थे।

केदारनाथ दर्शन कर लौटते वक्त रास्ते में फंसे –

जानकारी के मुताबिक़ इससे पहले कथा वाचक पंडित कृष्ण गोपाल शर्मा, कृपाण सिंह यादव, सुशील बंसल, श्याम सोनी, राधे चौधरी, विष्णु सिंघल, विनोद गोयल कुल 62 श्रद्धालुओं ने बुधवार की सुबह 5 बजे केदारनाथ की यात्रा की शुरुआत की थी। बुधवार की शाम तीन बजे सभी श्रदालु केदारनाथ धाम पहुंच गए थे। दर्शन करने के बाद सभी श्रद्धालु गुरूवार की सुबह 8 बजे वापस रवाना हुए थे। लेकिन उन्हें बुधवार की रात बादल फटने से रास्ता बंद होने की सूचना नहीं थी। इसी के चलते सभी श्रदालु रास्ते में फस गए थे।

सुरक्षित हैं घबराने नहीं जरूरत

केदारनाथ धाम की यात्रा में फसकर वापस लौटे कथा वाचक पंडित कृष्ण गोपाल शर्मा ने दैनिक भास्कर को फोन पर वताया कि सभी लोग सुरक्षित हैं। जत्थे में शामिल 25 महिला सहित एक दो बच्चे बुधवार की रात बादल फटने की उन्हें सूचना नहीं मिली थी। इसके चलते गुरुवार की सुबह सभी लोग दर्शन कर वापस रवाना हो गए थे।

5 किलोमीटर चलने के बाद उन्हें रूकना पड़ा था। बाद में उन्हें बादल फटने की सूचना मिली थी। बादल फटने की बजह से रास्ते में रास्ते के कई पुल पानी में वह गए थे। इसके चलते आगे जाना मुश्किल था। उन्हें सूचना दी गई थी कि जितने भी श्रद्धालु फंसे वह हेलिपेड पर पहुंचे। उस स्थान के तीन हेलिपैड बने थे। जहां से 6 हेलिकॉप्टर रेस्क्यू में जुटे हुए थे।

10 बजे केंद्रीय मंत्री ने भी की थी चर्चा

गुरुवार की शाम तक करीब 50 लोग हेलिकॉप्टर से रेस्क्यू कर लिए गए थे। लेकिन रात होने की बजह से 12 लोग गुरूवार की रात फसकर रह गए थे। लेकिन आज उन्हें हेलिकॉप्टर का टोकन मिल चुका हैं। आज सभी शेष श्रदालु सकुशल वापस लौट आएंगे। पंडित कृष्ण गोपाल शर्मा ने बताया कि आज शुक्रवार की सुबह १० बजे केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लाइव वीडियो कर सभी का हाल जाना था और 12 लोगों को भी आज दोपहर तक बापस लाने का आश्वाशन दिया था। पंडित कृष्ण गोपाल शर्मा ने बताया कि हम सभी लोग अभी रामपुर के एक होटल में रूककर शेष लोगों का आने का इन्तजार कर रहे हैं। इसके बाद सभी बद्रीनाथ के लिए रवाना होंगे।

सिंधिया बोले- कहा मैं हूं न सबको सुरक्षित नीचे लेकर आऊंगा

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आज सुबह केदारनाथ में बादल फट जाने के कारण वहाँ फँसे हुए श्रद्धालुओं से बात की। कल केंद्रीय मंत्री को उनको लोकसभा क्षेत्र के एक जत्थे की केदारनाथ में फ़सने की सूचना प्राप्त हुई थी। कल केंद्रीय मंत्री ने तुरंत कल एनडीआरएफ के अधिकारियों से बात कर बचाव कार्यक्रम के माध्यम से बदरवास के लोगों को जल्द नीचे लाने का आग्रह किया था। कल संध्या तक 50 लोगों को नीचे सुरक्षित स्थान पर ले आया गया था, लेकिन रात में अचानक भारी बारिश शुरू होने के कारण बचाव कार्यक्रम रुक गया था। हालाँकि केंद्रीय मंत्री ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री से सम्पर्क में थे ताकि किसी शिवपुरी – बदरवास वासी को रात में परेशानी ना हो व जल्द सुबह निकाले जाए। सुबह से पुनः फँसे हुए लोगों का बचाव कार्य जारी है उन्हें हेलिकॉप्टर के माध्यम से नीचे लाया जा रहा है । सुबह केंद्रीय मंत्री ने अपने आवास से सभी श्रद्धालुओं से फ़ोन पर बात की, नीचे सुरक्षित लाए गए श्रद्धालुओं से उनका हाल चाल जाना , उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री से बात की है उन्होंने कहा मैं हूँ ना, सभी को सुरक्षित लेकर नीचे आऊँगा आप सभी चिंता मत करना।

सीएम मोहन यादव ने भी किया ट्वीट

सीएम डॉ. मोहन यादव ने देर रात ट्वीट कर जानकारी दी। सीएम ने अपने ट्वीट में लिखा-चारधाम की यात्रा के दौरान केदारनाथ में फंसे म.प्र. के 61 यात्रियों में से 51 यात्रियों को आज एयरलिफ्ट कर सुरक्षित रुद्रप्रयाग पहुंचाया गया है। बाकी 10 यात्री केदारनाथ में ही सुरक्षित स्थान पर हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि शिवपुरी के बदरवास क्षेत्र के कुल 61 लोग एक बस तथा अन्य चार पहिया वाहन लेकर केदारनाथ दर्शन के लिए गए थे, जो भूस्खलन के कारण वहां फंस गए।

राज्य सरकार ने उत्तराखंड सरकार से संपर्क कर उन्हें एयरलिफ्ट कराया और 51 यात्रियों को हेलिकॉप्टर से रेस्क्यू कर रुद्रप्रयाग पहुंचाया गया हैं। शेष यात्री केदारनाथ क्षेत्र में ही हैं और सुरक्षित है। राज्य सरकार उत्तराखंड सरकार के सतत संपर्क में है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि किसी यात्री को कोई कष्ट न हो। हमारी धार्मिक यात्रा के दौरान वर्षाजनित कठिनाइयों के कारण यह घटना हुई है। सभी यात्री कुशलता से हैं। के पैदल मार्ग पर बादल फटने से फंसे शिवपुरी के श्रद्धालु हेलिकॉप्टर से 50 को सुरक्षित रेस्क्यू कर निकाला बाहर 12 लोग अब भी फंसे

केदारनाथ धाम के पैदल मार्ग पर बुधवार की रात बादल फटने की बजह से शिवपुरी के 62 श्रदालु रास्ते में फस गए थे। जिनमें से 50 श्रद्धालुओं गुरूवार को हेलिकॉप्टर से सुरक्षित रेस्क्यू कर निकाला गया हैं। लेकिन रात होने की बजह से शवपुरी के 12 श्रद्धालु फास कर रह गए थे। इधर एमपी से श्रद्धालुओं के फंसे होने की सूचना मिलते ही केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और सीएम मोहन यादव ने भी उत्तराखंड सरकार से बात कर शेष बचे श्रद्धालुओं को जल्द रेस्क्यू करने के लिए चर्चा की हैं। बता दें कि केदारनाथ धाम के पैदल मार्ग पर बुधवार की रात बादल फटने से रास्ते का करीब 30 मीटर हिस्सा बह गया है। इसके चलते दोनों ओर सैकड़ों श्रद्धालु रास्ते में ही फस गए थे। गुरूवार की सुबह से ही एनडीआरएफ, डीडीआरएफ जवानों को रेस्क्यू अभियान में लगाया था। रेस्क्यू में हेलिकॉप्टर की मदद भी ली जा रही थी। गुरूवार की देर शाम तक रेस्क्यू अभियान जारी रखा गया था। लेकिन रात होने के चलते रेस्क्यू के कार्य को रोक दिया गया था। लेकिन आज शुक्रवार की सुबह से रेस्क्यू पुनः शुरू कर दिया गया हैं।

बद्रीनाथ धाम में आयोजित होने वाली थी भागवत कथा

जानकारी के मुताबिक़ शिवपुरी जिले के बदरवास कस्बे के रहने वाले करीब 62 श्रद्धालु चार धाम यात्रा सहित बद्रीनाथ में आयोजित होने वाली भागवत कथा में शामिल होने निकले थे। यह भागवत कथा बदरवास की मां भुवनेश्वरी रामायण सेवा समिति द्वारा 4 जुलाई से बद्रीनाथ धाम में आयोजित होने वाली थी। इस भागवत कथा का वाचन भी बदरवास के रहने वाले पंडित श्रीकृष्ण गोपाल महाराज करने वाले थे। इसके चलते बदरवास से 62 श्रद्धालु जिनमे 10 लोग खाना आदि कार्य के लिए पांच दिन पहले रवाना हुए थे।

केदारनाथ दर्शन कर लौटते वक्त रास्ते में फंसे

जानकारी के मुताबिक़ इससे पहले कथा वाचक पंडित कृष्ण गोपाल शर्मा, कृपाण सिंह यादव, सुशील बंसल, श्याम सोनी, राधे चौधरी, विष्णु सिंघल, विनोद गोयल कुल 62 श्रद्धालुओं ने बुधवार की सुबह 5 बजे केदारनाथ की यात्रा की शुरुआत की थी। बुधवार की शाम तीन बजे सभी श्रदालु केदारनाथ धाम पहुंच गए थे। दर्शन करने के बाद सभी श्रद्धालु गुरुवार की सुबह 8 बजे वापस रवाना हुए थे। लेकिन उन्हें बुधवार की रात बादल फटने से रास्ता बंद होने की सूचना नहीं थी। इसी के चलते सभी श्रदालु रास्ते में फंस गए थे।

सुरक्षित हैं घबराने नहीं जरुरत

केदारनाथ धाम की यात्रा में फसकर वापस लौटे कथा वाचक पंडित कृष्ण गोपाल शर्मा ने दैनिक भास्कर को फोन पर वताया कि सभी लोग सुरक्षित हैं। जत्थे में शामिल 25 महिला सहित एक दो बच्चे बुधवार की रात बादल फटने की उन्हें सूचना नहीं मिली थी। इसके चलते गुरूवार की सुबह सभी लोग दर्शन कर वापस रवाना हो गए थे। पांच किलोमीटर चलने के बाद उन्हें रूकना पड़ा था। बाद में उन्हें बादल फटने की सूचना मिली थी। बादल फटने की बजह से रास्ते में रास्ते के कई पुल पानी में वह गए थे। इसके चलते आगे जाना मुश्किल था। उन्हें सूचना दी गई थी कि जितने भी श्रद्धालु फसे वह हेलीपेड पर पहुंचे। उस स्थान के तीन हेलीपैड बने थे। जहां से 6 हेलिकॉप्टर रेस्क्यू में जुटे हुए थे।

10 बजे केंद्रीय मंत्री ने भी की थी चर्चा

गुरुवार की शाम तक करीब 50 लोग हेलिकॉप्टर से रेस्क्यू कर लिए गए थे। लेकिन रात होने की बजह से 12 लोग गुरुवार की रात फंसकर रह गए थे। लेकिन आज उन्हें हेलिकॉप्टर का टोकन मिल चुका हैं। आज सभी शेष श्रदालु सकुशल बापस लौट आएंगे। पंडित कृष्ण गोपाल शर्मा ने बताया कि आज शुक्रवार की सुबह १० बजे केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लाइव वीडियो कर सभी का हाल जाना था और 12 लोगों को भी आज दोपहर तक बापस लाने का आश्वाशन दिया था। पंडित कृष्ण गोपाल शर्मा ने बताया कि हम सभी लोग अभी रामपुर के एक होटल में रूककर शेष लोगों का आने का इन्तजार कर रहे हैं। इसके बाद सभी बद्रीनाथ के लिए रवाना होंगे।

सिंधिया बोले- कहा मैं हूं न सबको सुरक्षित नीचे लेकर आऊंगा

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आज सुबह केदारनाथ में बादल फट जाने के कारण वहां फंसे हुए श्रद्धालुओं से बात की। कल केंद्रीय मंत्री को उनको लोकसभा क्षेत्र के एक जत्थे की केदारनाथ में फ़सने की सूचना प्राप्त हुई थी। कल केंद्रीय मंत्री ने तुरंत कल एनडीआरएफ के अधिकारियों से बात कर बचाव कार्यक्रम के माध्यम से बदरवास के लोगों को जल्द नीचे लाने का आग्रह किया था। कल संध्या तक 50 लोगों को नीचे सुरक्षित स्थान पर ले आया गया था, लेकिन रात में अचानक भारी बारिश शुरू होने के कारण बचाव कार्यक्रम रुक गया था।

हालांकि केंद्रीय मंत्री ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री से संपर्क में थे। जिससे किसी शिवपुरी-बदरवास वासी को रात में परेशानी न हो और जल्द सुबह निकाले जाए। सुबह से दोबारा फंसे हुए लोगों का बचाव काम जारी है। उन्हें हेलिकॉप्टर के माध्यम से नीचे लाया जा रहा है। सुबह केंद्रीय मंत्री ने अपने आवास से सभी श्रद्धालुओं से फोन पर बात की। नीचे सुरक्षित लाए गए श्रद्धालुओं से उनका हाल चाल जाना। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री से बात की है उन्होंने कहा मैं हूं न, सभी को सुरक्षित लेकर नीचे आऊंगा आप सभी चिंता मत करना।

सीएम मोहन यादव ने भी किया ट्वीट

सीएम डॉ मोहन यादव ने देर रात ट्वीट कर जानकारी दी। सीएम ने अपने ट्वीट में लिखा-चारधाम की यात्रा के दौरान केदारनाथ में फंसे म.प्र. के 61 यात्रियों में से 51 यात्रियों को आज एयरलिफ्ट कर सुरक्षित रुद्रप्रयाग पहुंचाया गया है। बाकी 10 यात्री केदारनाथ में ही सुरक्षित स्थान पर हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि शिवपुरी के बदरवास क्षेत्र के कुल 61 लोग एक बस तथा अन्य चार पहिया वाहन लेकर केदारनाथ दर्शन के लिए गए थे, जो भूस्खलन के कारण वहां फंस गए।

राज्य सरकार ने उत्तराखंड सरकार से संपर्क कर उन्हें एयरलिफ्ट कराया और 51 यात्रियों को हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू कर रुद्रप्रयाग पहुंचाया गया हैं। शेष यात्री केदारनाथ क्षेत्र में ही हैं और सुरक्षित है। राज्य सरकार उत्तराखंड सरकार के सतत संपर्क में है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि किसी यात्री को कोई कष्ट न हो। हमारी धार्मिक यात्रा के दौरान वर्षाजनित कठिनाइयों के कारण यह घटना हुई है। सभी यात्री कुशलता से हैं।


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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