Ujjain:रूद्र सागर की सुंदरता को निखारेगा पैदल पुल, एक बार में 500 लोग देख सकेंगे लाइट एण्ड साउंड शो – Foot Bridge Will Enhance The Beauty Of Rudra Sagar, 500 People Will Be Able To Watch Light And Sound Show

श्री महाकाल महालोक का प्रथम चरण पूर्ण हो चुका है। द्वितीय चरण में रूद्र सागर के सौंदर्यीकरण का कार्य जारी है। इसमें बड़े रूद्रसागर तालाब के डि-सिल्टिंग, ड्रेजिंग एवं स्लज हटाने का कार्य शामिल है। छोटे रूद्र सागर में लैंड स्केपिंग सहित मनोरंजक क्षेत्र, वैदिक वाटिका, ध्यान कुटी एवं छायादार विश्राम व्यवस्था भी तैयार की जा रही है। इन सबके साथ अत्याधुनिक तकनीक से आकर्षक पेडेस्ट्रियन पुल का निर्माण बड़े रूद्र सागर पर चारधाम पार्किंग की ओर से मानसरोवर के बीच बनाया जा रहा है। इस पुल के बनने से रूद्र सागर के सौंदर्य में चार चांद लग जायेंगे। रूद्र सागर पर 25.22 करोड़ रुपये की लागत से छह मीटर चौड़ा और 200 मीटर लम्बा पैदल पुल का निर्माण कार्य किया जा रहा है। इस पैदल पुल से एक बार में 500 लोग रूद्र सागर के लाईट एण्ड साउण्ड शो को देख सकेंगे। यही नहीं रूद्र सागर पुल के पोस्ट कॉलम महाकाल लोक की थीम पर आधारित हैं। पैदल पुल का उपयोग कर दर्शनार्थी दर्शन के उपरान्त घूमकर चारधाम मन्दिर पार्किंग के सामने से होकर त्रिवेणी संग्रहालय की पार्किंग तक पहुंच सकेंगे। पैदल पुल का निर्माण तेजी से जारी है।
हरसिद्धि व चारधाम मंदिर पहुंच पाएंगे श्रद्धालु
पर्व त्योहारों पर महाकाल मंदिर के आसपास के मार्गों पर अत्यधिक भीड़ होने से श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना करना पड़ता है। दर्शन के बाद श्रद्धालुओं को तेजी से बाहरी मार्ग पर पहुंचाने के लिए रूद्र सागर पर पैदल पुल बनाया जा रहा है। जिससे निर्गम द्वार से निकलकर श्रद्धालु इस पुल से सीधे हरसिद्धि-चारधाम मार्ग पर पहुंच सकेंगे। इससे बड़ा गणेश वाले मार्ग पर भीड़ का दबाव कम होगा। मार्ग पर आवागमन रुकने की स्थिति में भी यह पुल अतिरिक्त मार्ग के रूप में काम आएगा।
200 मीटर लंबा, छह मीटर चौड़ा होगा
स्मार्ट सिटी ने इस पुल को बनाने के पहले कई तरह के ब्रिज के डिजाइन और निर्माण शैली को लेकर मंथन किया था। पुल के कारण मंदिर की सुंदरता पर कोई असर न हो तथा वह ज्यादा सुविधाजनक भी रहे, इसके लिए आरसीसी ब्रिज बनाने पर सहमति जताई गई थी। यह ब्रिज 200 मीटर लंबा और छह मीटर चौड़ा बनाया जा रहा है । इसकी भुजाएं कांक्रीट के साथ पत्थरों से सजाई जाएंगी। पुल की ऊंचाई इतनी होगी कि उसके कारण हरसिद्धि-चारधाम मार्ग से भी महाकाल मंदिर का शिखर दिखाई दे सकेगा।
ब्रिज से होगी यह सुविधा
– यात्री पैदल आ-जा सकेंगे, इससे मंदिर के पास भीड़ जल्दी कम होगी।
– आपात स्थिति में पुल पर से आपदा राहत वाहनों का आवागमन हो सकेगा।
– मध्य भाग छह मीटर से ज्यादा चौड़ा और अंडाकार होगा। यहां पर वाटर कर्टन शो, लेजर शो देखने के लिए भी यात्री रुक सकेंगे।
Source link