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‘गेस्ट’अच्छा हो, तो मैं ‘होस्ट’ भी उतना ही अच्छा हूं, जयशंकर का बिलावल पर कटाक्ष, जानें और क्या बोले?

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‘गेस्ट’अच्छा हो, तो मैं ‘होस्ट’ भी उतना ही अच्छा हूं, जयशंकर का बिलावल पर कटाक्ष, जानें और क्या बोले?

s. Jaishankar on Bilawal bhutto: गोवा में शंघाई सहयोग संगठन की बैठक हाल ही में आयोजित हुई। इस बैठक में भारत ने प्रोटोकॉल के तहत पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी को भी आमंत्रित किया। विदेश मंत्रियों की यह बैठक गोवा में आयोजित की गई थी। इस बैठक में बिलावल भुट्टो को भारतीय विदेश मंत्री ने खरी खरी सुना दी थी। जयशंकर ने साफ कर दिया था कि पाकिस्तान आतंकवाद की फैक्टरी है और बिलावल उसके प्रवक्ता हैं। इसके बाद बिलावल ने भी एससीओ समिट में सिर्फ भारत पर ही अपना वक्तव्य केंद्रित रखा। इस बारे में भारतीय समकक्ष एस जयशंकर ने रविवार को कहा कि यदि मेहमान अच्छा हो, तो वे अच्छे मेजबान हैं। इससे यह साफ हो गया है कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री एक अच्छे मेजबान कहलाने लायक नहीं हैं।

एससीओ समिट में भी बिलावल की सुई भारत पर ही केंद्रित रही, बोले जयशंकर

मैसूर में मोदी सरकार की विदेश नीति पर एक बैठक में एक सवाल का जवाब देते हुए जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री को एससीओ के विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया था, ‘लेकिन अगर आप एससीओ बैठक के बाहर उनके सार्वजनिक बयानों को देखते हैं, तो उन्होंने केवल भारत पर बात की है। जी 20, कश्मीर, बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री, लेकिन एससीओ के बारे में कुछ नहीं बोले। मैं एक ‘होस्ट’ के बतौर क्या करूं? मैं एक अच्छा मेजबान हूं। लेकिन…” दर्शकों की तालियों की गड़गड़ाहट के बीच जयशंकर ने कहा।

जयशंकर ने बताया बिलावल को भारत बुलाने का औचित्य

जयशंकर ने कहा बिलावल को भारत आमंत्रित करने के पीछे क्या औचित्य था, इसकी व्याख्या करते हुए जयशंकर ने कहा कि ‘हमने पाकिस्तानी विदेश मंत्री को आमंत्रित किया क्योंकि एससीओ के विदेश मंत्रियों की बैठक हुई थी। जब बहुपक्षीय बैठकों की बात आती है, तो आप लोगों को उस विषय पर चर्चा करने के लिए आमंत्रित करते हैं। उन्हें (बिलावल भुट्टो) पाकिस्तान के प्रतिनिधि के रूप में अपनी बात रखने के लिए आमंत्रित किया गया था। एससीओ से संबंधित मुद्दों पर उनके विचार अलग हो सकते हैं, हमारे विचार अलग हो सकते हैं। 

‘आतंकवाद के पीड़ित और आतंकावद करने वाले एकसाथ नहीं बैठ सकते’

एससीओ की बैठक के बाद, जयशंकर ने बिलावल भुट्टो की आलोचना की थी। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के पीड़ितों और आतंकवाद के अपराधियों को एक साथ नहीं बैठना चाहिए। बिलावल ने ‘आतंकवाद को हथियार बनाने’ को लेकर भारत पर टिप्पणी की थी, इस पर जयशंकर ने जवाब दिया। जयशंकर ने बिलावल के बयान पर साफ कहा कि ‘आपका क्या मतलब है कि हमें आतंकवाद को हथियार नहीं बनाना चाहिए? इसका मतलब है, एक पीड़ित के रूप में, मुझे इसे सहना चाहिए। तो आप न केवल आतंकवाद करते हैं, बल्कि आप कहते हैं, इसके बारे में बात भी न करें? यह बिलावल के देश की मानसिकता को दर्शाता है। जयशंकर ने यह भी कहा कि पाकिस्तान से लगातार शत्रुता में बंधे रहना हमारे हित में नहीं है। कोई भी ऐसा नहीं चाहता है, लेकिन हमें एक रेखा खींचनी ही होगी। 

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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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