अजब गजब

15 साल की उम्र में पिता को खोया, स्कूल छोड़ बैठना पड़ा दुकान पर, संघर्ष से बनाई 49 हजार करोड़ की कंपनी

हाइलाइट्स

मुंबई की लोहार चाल में जयसिंघानी की पुश्‍तैनी दुकान थी.
इसमें वे अपने भाईयों के साथ बिजली का सामान बेचा करते थे.
1983 में एक छोटे से गैराज से उन्‍होंने तारें बनानी शुरू की.

नई दिल्‍ली. भारत के अरबपतियों की लिस्‍ट में शामिल इंदर जयसिंघानी (Inder Jaisinghani) सब्र, संघर्ष और हौसले का एक जीता-जागता उदाहरण हैं. 15 साल की उम्र में पिता का साया सिर से उठने के बाद स्‍कूल छोड़कर अपनी छोटी सी दुकान संभालने वाले शख्‍स से हिम्‍मत और सूझबूझ से न केवल 49,294 करोड़ की कंपनी खड़ी की, बल्कि परिवार को भी एकजुट रखा. आज 9,000 करोड़ की संपत्ति के मालिक इंदर का कारोबारी सफर मुंबई की लोहार चाल के इलेक्ट्रिक स्‍टोर से शुरू हुआ था. इस स्‍टोर में वे पंखें, लाइट, स्विच बेचा करते थे.

इंदर जयसिंघानी का बचपन काफी संघर्षों में बीता. 1968 में जब वे केवल 15 साल के थे, तब उनके पिता की मौत हो गई. इंदर अपने माता-पिता की चार संतानों में से दूसरे नंबर के थे. पिता की मौत के बाद उनकी मां ने उनका स्‍कूल छुड़वाकर पिता की दुकान संभालने में लगा दिया. इंदर ने दुकान अच्‍छे से संभाली. उन्‍होंने अपने बड़े भाई और दो छोटे भाईयों को भी इसी काम में लगा लिया. इंदर जयसिंघानी को कुछ समय बाद ही बिजली के तारों की अच्‍छी समझ हो गई. वे समझ गए कि अगर वे तार बनाना शुरू करें तो अच्‍छी कमाई हो सकती है.

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1983 में शुरू की पॉलीकैब कंपनी
1983 में जयसिंघानी ब्रदर्स ने पॉलीकैब ( Polycab India) की नींव रखी. शुरुआत में उन्‍होंने 100 वर्ग फीट के गैराज में ही तारें बनानी और एक्‍सपेरिमेंट करने शुरू किए. कुछ समय संघर्ष करने के बाद उन्होंने गुजरात में अपनी प्रोडक्‍शन यूनिट डाली. सबसे पहले, पॉलीकैब ने गुजरात में PVC इंस्यूलेटेड तारों और केबल की मैन्युफैक्चरिंग और प्रोसेसिंग शुरू की. इंदर जयसिंघानी के भाई प्रोडक्‍शन का काम देखते थे. वहीं, इंदर सेल्‍स और मार्केटिंग संभालते थे. कुछ सालों में ही उनका कारोबार अच्‍छा चल पड़ा.

गुजरात की अपनी फैक्ट्री में, उन्होंने तारों, केबल, पावर केबल, कंट्रोल केबल, बिल्डिंग केबल और कम्युनिकेशन केबल का निर्माण किया. उन्होंने भारतीय और अंतरराष्ट्रीय मापदंडों के मुताबिक तारें और केबल बनाईं. कुछ ग्राहकों के लिए जरूरतों के आधार पर कस्टमाइज्ड प्रोडक्ट्स भी बनाए.

2008 में मिला बड़ा निवेश
पॉलीकैब के लिए साल 2008 बहुत लकी रहा. इस साल कंपनी को वर्ल्‍ड बैंक की प्राइवेट इक्विटी शाखा इंटरनेशनल फाइनेंस कॉर्पोरेशन से निवेश हासिल हुआ और कॉर्पोरेशन ने पॉलीकैब में स्‍टेक हासिल किया. 2014 में कंपनी ने अपने प्रोडक्‍ट पोर्टफोलियो में एलईडी लाइट्स, स्विच और इलेक्ट्रिक पंखों को शामिल किया. 2019 में इंदर जयसिंघानी ने पॉलीकैब को शेयर बाजार में सूचीबद्ध कराया. साल 2021 में इंदर जयसिंघानी का नाम फोर्ब्‍स की भारतीय अरबपतियों की लिस्‍ट में शामिल हुआ.

Tags: Business empire, Business news in hindi, Success Story, Successful business leaders


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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