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तवांग के हाई एल्टीट्यूड में भारतीय सेना ने दिया दम, गरजे आर्टेलरी गन, ‘बुलंद भारत’ से ड्रैगन को दिया जाएगा जवाब

हाइलाइट्स

तवांग में भारतीय सेना ने दिखाया दम
LAC पर गरजे सेना के आर्टेलरी गन
चीन से निपटने बड़ा फायर पावर अभ्यास, नाम “बुलंद भारत”

नई दिल्ली. LAC पर तवांग के हाई एल्टीट्यूड एरिया के इलाके में भारतीय सेना ने एक काल्पनिक जंग लड़ी. यह जंग लड़ी गई चीन सेना के खिलाफ. मोर्टार, फिल्ड गन और 155 मिलिमीटर को बफोर्स ने जमकर अपने टार्गेट पर सटीक निशाना साधा तो स्पेशल फोर्स और अन्य सैनिक के साथ-साथ LAC पर तैनात शस्त्र सीम बाल SSB और ITBP ने मिलकर अभ्यास को एसे अंजाम दिया कि मानो सच की जंग लड़ी जा रही हो. इस डिविजन स्तर के इंटीग्रेटेड सर्वेलांस और फायर पावर अभ्यास को नाम भी दिया गया “बुलंद भारत”. दुश्मन को उनके ही इलाके में घुस कर कैसे मारा जाता है, उसकी तैयारी को और धार दिया गया. हाई एल्टीट्यूड के विषम परिस्थितियों में युद्ध लड़ना और जीतना सबसे ज़्यादा चुनौती पूर्ण होता है और उसी के तहत पूरा प्लान बनाया गया.

सैनिकों और सैन्य उपकरणों को परखा गया. जंग में सबसे जरूरी होता है कि दुशमन को पोजिशन को जानना. उसके रिएक्शन टाई और उसकी मजबूत और कमजोर कड़ी को ध्यान में रखकर ही रणनीति को तैयार कियाजाता है. उसके लिए सर्विलांस सबसे जरूरी है. मसलन इनके टार्गेट, एयर डिफेंस सिस्टम और रडार , उनके एनर्जी और फ़्यूल डिपो , उनके लॉजेस्टक सपोर्ट बेस के साथ-साथ सप्लाई चेन, रोड नेटवर्क और कम्यूनिकेशन सिस्टम के बारे में सटीक लोकेशन डाटा का पता होना ताकी उन पर जबरदस्त हमला बोलकर दुश्मन को बैकफ़ुट में डाला जा सके.

वेपन सिस्टम का इस्तेमाल
दुश्मन को बैकफ़ुट में लाने के लिए सभी तरह के उपकरण जिसमें इंफ़ैंट्री और आर्टलरी ग्राउंड रडार और वेपन सिस्टम का इस्तेमाल किया गया और अलग-अलग माध्यम के लंबी दूरी तक लगातार कम्यूनिकेशन के प्रसार को बिना किसी बाधा के बनाए रखा जाए, इसे भी जंग के हालात बना कर परखा गया. खास बात तो यह है कि ये अभ्यास भारत के सबसे बड़ी हाई एल्टीट्यूड फायरिंग रेंज मंडाला में आयोजित किया गया. चीन LAC पर कब क्या कर दे, इसका अंदाज़ा नहीं लगाया जा सकता. वो अपनी तैयारियों में जुटा है. खुद सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने भी इसकी तसदीक़ की थी कि तंवाग के दूसरी ओर चीनी पीएलए अभ्यास में जुटी है और जमावड़ा बढ़ा है.

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दिसंबर में तवांग में हुए फेसऑफ के बाद से ही दोनों तरफ सेना अलर्ट पर है. भारतीय सेना ने भी अपनी तैयारियों को जबरदस्त धार देना शुरू किया हुआ है. उसका उदाहरण है कि दिसंबर के बाद से अब तक लगभग 5 महीने में ही इस्टर्न सेक्टर में 6 बड़ी अभ्यास को अंजाम दे दिया, जिसमें भारतीय वायुसेना के दो और बाकी चार इंटिग्रेटेड अभ्यास थी. बहरहाल भारतीय सेना में चीन की अच्छे से खबर पूर्वी लद्दाख में भी ली थी. अगर पूर्वी सैक्टर में भी कोई हिमाक़त करने की कोशिश की तो इसका जवाब भी भारतीय सेना के पास है.

Tags: Arunachal pradesh, India china, Indian army


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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