हड़ताल के 10वें दिन फिर लगाई गुहार, लिखित में शासन से मांगा आश्वासन | Appealed again on the 10th day of the strike, sought assurance from the government in writing

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बैतूल16 मिनट पहले
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दस दिन से अनिश्चितकालीन हड़ताल कर रहे संविदा स्वास्थ्य कर्मियों ने गुरुवार एक हाथ में कागज और दूसरे हाथ में कलम रखकर आंदोलन किया। उन्होंने समस्त कर्मों का लेखा जोखा रखने वाले भगवान चित्रगुप्त की स्तुतिपूजन कर प्रकटोत्सव दिवस मनाया।
हड़ताल को लेकर संविदा कर्मचारियों ने बताया कि आज भगवान चित्रगुप्त की स्तुति पूजन का प्रकटोत्सव दिवस है। भगवान समस्त जगत के प्राणियों के कर्मों का लेखा जोखा व्यवस्थित रखने और निश्चित समय पर उनके कर्मों के आधार पर फल देने वाले देवता है। उनके द्वारा फल देने में कोई छलावा और भेदभाव नहीं किया जाता। चित्र गुप्त जी की नीति गुप्त नहीं होती, सभी के लिए मुफ्त होती है। वही एक तरफ म.प्र. शासन प्रशासन है जो केबिनेट में स्वीकृत नीति का लाभ देने में भी छलावा कर रही है। संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों का लेखा जोखा रखने के स्थान पर धोखा दे रही है। स्वीकृत नीति को अजब गजब तरीके अपनाकर संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों को लाभ देने के बजाए छलावा और आश्वासन लाभ दे रहे है। शासन-प्रशासन को हमारे स्वास्थ्य समर्पण और मांगों का लेखा जोखा दुरुस्त करना ही होगा चूंकि हमारे साथ बहुत बार छलावा हो गया। अब हम छलावा नहीं बुलावा चाहते है और हम अब लिखित आदेश पर हड़ताल स्थगन करेंगे। जिसके लिए हमने हाथों में कागज कलम दवात रखकर शासन को ये बताने का प्रयास किया है कि हड़ताल अब मांगों के लिखित रूप में पूरी होने पर खत्म की जाएगी।
हड़ताल समाप्ति के लिए संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों द्वारा अपनी लिखित मांग पूर्ति के लिए अर्जी के रूप में भगवान चित्र गुप्त जी के चरणों में अर्पित की।


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