सौसर में सामान्य से ज्यादा बारिश हुई, जिले में सबसे ज्यादा 18मीटर गिरा भू जलस्तर | Sausar received more rain than normal, the highest ground water level dropped by 18 meters in the district

छिंदवाड़ाएक घंटा पहले
- कॉपी लिंक
जिले में जल संरक्षण के प्रति लोगों में जागरूकता की कमी के कारण हालात चिंताजनक होते जा रहे हैं। भूमिगत जल स्त्रोत संसाधनों के अंधाधुंध दोहन के कारण वाटर लेवल लगातार गिरता जा रहा है।
जिले में अब जल संकट का धीरे-धीरे आगाज होने लगा है। पिछले 1 साल में जिले का वाटर लेवल 10.50 मीटर कम हुआ है। यह एक चिंताजनक बात है। पिछले वर्ष अप्रैल 2022 में छिंदवाड़ा शहर का वाटर लेवल जहां 24.00 मीटर था, वही अब अप्रैल माह के शुरुआती सप्ताह में ही शहर का वाटर लेवल 34.50 मीटर पहुंच गया है यानी कि कुल 10.50 मीटर भूमिगत जल स्तर गिरा है।जिले मे औसत वाटर लेवल का आंकड़ा 36.06 मीटर है।
सामान्य से ज्यादा बारिश के बाद भी सौंसर में भूजल स्तर गिरा:-
जिले में इस बार सौंसर में सामान्य से ज्यादा बारिश होने के कारण डूब की स्थिति बन गई थी। कई क्षेत्रों में किसानों की फसलें बारिश के कारण बर्बाद हुई थी। बारिश के समय सौंसर में वाटर लेवल शून्य तक आ गया था। मगर अप्रैल महीने में पीएचई विभाग के द्वारा जब वॉटर लेवल चेक किया गया तो यहां पर पिछले वर्ष की तुलना इस वर्ष 18 मीटर भूमिगत जल स्तर गिरा है। पिछले साल अप्रैल 2022 में जहां वाटर लेवल 21.50 मीटर था वहीं अब अप्रैल की शुरुआत में ही 39.95 मीटर पहुंच गया हैं।
छिंदवाड़ा शहर माचागोरा पर निर्भर :-
यदि छिंदवाड़ा शहर की बात करें तो यहां पर वाटर लेवल 34.50 मीटर पर है। पिछले साल अप्रैल में भूजल स्तर 24.00 मीटर था यानी जल स्तर 10.50 मीटर गिरा है। ग्रामीण अंचलों की अपेक्षा छिंदवाड़ा शहर में पानी की ज्यादा किल्लत नहीं है। कन्हरगांव जलाशय से पेयजल आपूर्ति की जा रही है। जिसमें अभी पर्याप्त पानी है। निगम के लिए माचागोरा जलाशय से भी पाइप लाइन बिछाई गई है जिससे शहर में पेयजल लाया गया है। इसका पानी धरमटेड़ी स्थित वाटर सप्लाई प्लांट तक पहुंचता है तथा ग्रामीण क्षेत्र की टंकियों तक पहुंचाया जाता है।
Source link