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मप्र: महिला बाल विकास में घुन की तरह लगा पोषण आहार माफिया

प्रमुख सचिव के आदेश को नही मान रहे जिलों के अफसर

भोपाल,राजेन्द्र वर्मा
प्रदेश में महिला बाल विकास विभाग अंतर्गत आंगनबाड़ियों के माध्यम से वितरित किये जाने वाला पोषण आहार कई बार सरकार के लिए कलंक का टीका बन चुका है। शिवराज सरकार ने तीसरी पारी में इस कलंक के टीके को धोने के लिए विभाग अपने पास रखा है। और प्रमुख सचिव के रूप में तेज तर्रार अफसर अशोक शाह को विभाग की जिम्मेदारी सौंपी है। लेकिन माफियाओं के आगे सरकार और प्रमुख सचिव दोनों ही मजबूर नजर आ रहे हैं।
प्रमुख सचिव श्री शाह ने जिम्मेदारी सम्हालते ही विभाग में जड़ जमा चुकी गन्दगी को साफ करने की कवायद शुरू की थी। इन्होंने पोषण आहार माफिया का सफाया करने के लिए पोषण आहार नीति में बदलाव कर स्व सहायता समूहों के द्वारा पोषण आहार वितरण की योजना बनाई थी। लेकिन संचालनालय में बैठे रसूखदार विवादित,भ्रष्ट अफसरों ने प्रमुख सचिव के आदेश के पालन में कोई दिलचस्पी नही दिखाई। परिणाम स्वरूप एक दो जिलों को छोड़कर प्रदेश के किसी जिले में नई पोषणाहार पॉलिसी लागू नही हुई है। हैरत की बात है कि इंदौर,भोपाल,जबलपुर, ग्वालियर जैसे शहरों में भी माफिया धड़ल्ले से करोड़ों रुपये का कमीशन संचालनालय से लेकर डीपीओ को चढ़ाकर मुख्यमंत्री और प्रमुख सचिव को ठेंगा दिखा रहा है। प्रमुख सचिव ने पोषण आहार नीति में कई बदलाव किए हैं,लेकिन इसका कई मास बीत जाने के बाद भी जिले से लेकर संचालनालय में बैठे अफसर पालन नही करा पाए हैं। इसमें अहम किरदार संयुक्त संचालक स्वर्णिमा शुक्ला सहित जिम्मेदार अफसर निभा रहे हैं। चर्चा है कि इसमें सीएम हाउस के दो ओएसडी मुख्य भूमिका निभा रहे हैं। जो तबादलों को लेकर भी बहुत सक्रिय बताए जाते हैं।

एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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