मध्यप्रदेश

दक्षिण अफ्रीका से आया था चीता उदय; सुबह से सिर झुकाए सुस्त हालत में बैठा था | Cheetah Uday brought from South Africa died; Treatment was going on after getting sick

श्योपुर5 मिनट पहले

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कूनो नेशनल पार्क में एक और चीते की मौत हो गई है। दक्षिण अफ्रीका से लाए गए चीता उदय ने बीमार पड़ने के बाद इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। मौत के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है। मध्यप्रदेश के मुख्य वन संरक्षक जेएस चौहान ने चीता उदय की मौत की पुष्टि की है।

सुबह सुस्त हालत में बैठा मिला था चीता उदय

वन विभाग की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक चीतों की निगरानी कर रहे दल को चीता उदय रविवार सुबह 9 बजे सिर झुकाए और सुस्त हालत में बैठा मिला था। उसके करीब जाने पर वह उठकर लड़खड़ाकर चलने लगा। हालांकि एक दिन पहले की निगरानी में चीता स्वस्थ्य मिला था। चीता उदय की हालत की सूचना वन्यप्राणी चिकित्सकों को दी गई। जिसके बाद उन्होंने मौके पर जाकर चीता उदय को देखा तो वह बीमार पाया गया।

शाम करीब 4 बजे तोड़ा दम
चीता उदय की हालत को देखते हुए मौके पर मौजूद वन्यप्राणी चिकित्सकों और चीता कंसरवेशन फंड के एक्सपर्ट ने इलाज के लिए ट्रेंकुलाइज की जरूरत बताई। जिसके बाद वरिष्ठ अधिकारियों से अनुमति लेकर चीता उदय को बेहोश कर इलाज शुरू किया गया। उसे आइसोलेशन वार्ड में निगरानी के लिए रखा गया। इलाज के दौरान शाम करीब 4 बजे उसकी मौत हो गई।

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कूनो में नामीबिया से लाए चीता साशा की मौत, किडनी इंफेक्शन था

कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से लाए गए चीतों में से 4 साल की मादा चीता साशा की मौत हो गई है। वह किडनी की बीमारी से पीड़ित थी। नामीबिया से 17 सितंबर को 8 चीतों को लाया गया था। इन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाड़े में रिलीज किया था। इनमें साशा भी शामिल थी। हाल ही में दक्षिण अफ्रीका से 12 चीतों की दूसरी खेप कूनो लाई गई थी। पढ़ें पूरी खबर

दो महीने पहले से पता था- नहीं बचेगी ‘साशा’:दो और चीतों को किडनी की बीमारी की आशंका

मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में मादा चीता ‘साशा’ की मौत हो गई। वह किडनी की बीमारी से पीड़ित थी। ‘साशा’ नामीबिया से लाए गए 8 चीतों में शामिल थी। दैनिक भास्कर ने साउथ अफ्रीका में प्रिटोरिया यूनिवर्सिटी के वन्यजीव चिकित्सा विशेषज्ञ एड्रियन टॉर्डिफ से बात की। उन्होंने चीते की मौत की असल वजह बताई। टॉर्डिफ के मुताबिक मादा चीता की मौत दो महीने पहले से तय थी। चिंता वाली बात ये है कि कूनो में मौजूद 19 चीतों में से दो और चीतों पर भी खतरा मंडरा रहा है। उन्हें भी किडनी की बीमारी की आशंका है। पढ़ें पूरी खबर

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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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