हड़ताल पर बैठे, कलेक्टर के आश्वासन के बाद खत्म किया धरना | Sitting on strike, ended the strike after the assurance of the collector

विदिशा37 मिनट पहले
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विदिशा में एक फिर से मेडिकल कॉलेज में आउट सोर्स कर्मचारियों ने वेतन नहीं मिलने के कारण हड़ताल कर दी और कॉलेज के गेट पर बैठकर धरना देने लगे। लगभग 400 सौ से ज्यादा कर्मचारी हड़ताल पर थे।
विदिशा के बिहारी मेडिकल कॉलेज में आउटसोर्सेस कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला। 2 दिन पहले भी कर्मचारी हड़ताल पर बैठे थे तब मेडिकल कॉलेज के डीन ने 2 दिन के भीतर उनकी सैलरी देने का भरोसा दिया था लेकिन 2 दिन बीतने पर भी उन्हें वेतन नहीं मिला।
कंपनी ने वेतन देने की जगह कर्मचारियों को नौकरी खत्म करने संबंधी नोटिस जारी कर दिया जिससे गुस्साए कर्मचारी आज फिर से हड़ताल पर चले गए। मेडिकल कॉलेज के सुरक्षाकर्मी, हाउसकीपिंग कर्मचारी और वार्ड बॉय इकट्ठे होकर मेडिकल कॉलेज के बाहर बैठकर धरना देने लगे।
कर्मचारियों को कहना था कि बह यूडीसी कंपनी के कर्मचारी हैं। उनको पिछले 3 महीने से वेतन नहीं मिला। जिसके कारण उनके आर्थिक स्थिति खराब हो गई है, घर में खाने के लाले पड़ रहे हैं। जो लोग किराए के मकान में रह रहे हैं। उनको मकान मालिक किराए के लिए परेशान कर रहे हैं।
वेतन के लिए उन्होंने 2 दिन पहले हड़ताल की थी उस समय आश्वासन दिया था की उनको सैलरी मिल जाएगी लेकिन वेतन की जगह राजेंद्र को सस्पेंड कर दिया गया, महिला कर्मचारियों ने बताया कि 3 महीने से उन्हें वेतन नहीं मिला कंपनी तारीख पर तारीख दे रही है लेकिन सैलरी नहीं डाल रही , जिससे उनका घर चलाना मुश्किल हो रहा है।
सुरक्षा गार्ड राजेन्द्र शर्मा ने बताया कि उनको 3 महीने से सैलरी नहीं मिली है जिसके कारण उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो गई है जहां कंपनी ने उन्हें सैलरी नहीं दी। कर्मचारियों का साथ देने पर कंपनी ने उन्हें सस्पेंड कर दिया है। वहीं दूसरी कर्मचारियों ने बताया कि प्रदेश में बाकी के सभी जगह कर्मचारियों की सैलरी मिलती है लेकिन विदिशा में ही सैलरी के लिए परेशान किया जाता है।
मेडिकल कॉलेज के आउटसोर्सेस कर्मचारियों के हड़ताल की जाने की खबर कलेक्टर उमाशंकर भार्गव को लगी तो मौके पर पहुंचे और कर्मचारियों को उन्होंने जल्द वेतन मिलने का आश्वासन दिया। उन्होंने 1 दिन के भीतर 1 माह का वेतन दिलाए जाने का आश्वासन दिया शेष वेतन को जल्द दिलाने की बात कही।
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