मध्यप्रदेश

Jabalpur:हर माह बिजली के दाम तय करने के आदेश को चुनौती, मप्र विद्युत नियामक आयोग व राज्य शासन से जवाब-तलब – Challenging The Order To Fix The Price Of Electricity Every Month


मप्र हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर हर माह बिजली के दाम तय करने के आदेश को चुनौती दी गई है।
– फोटो : सोशल मीडिया

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मप्र हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर हर माह बिजली के दाम तय करने के आदेश को चुनौती दी गई है। चीफ जस्टिस रवि विजय मलिमथ व जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने मामले में मप्र विद्युत नियामक आयोग व राज्य शासन को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।

यह जनहित याचिकाकर्ता नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के अध्यक्ष डॉ. पीजी नाजपांडे व रजत भार्गव की ओर से दायर की गई है। इसमें कहा गया है कि प्रत्येक माह बिजली के दाम तय कर उपभोक्ताओं से वसूली संबंधी 17 मार्च, 2023 का आदेश विद्युत अधिनियम की धारा-62 : 4 के विरुद्ध है, इसलिये उक्त मनमाने आदेश को विलोपित कर दिया जाए। 

दरअसल, प्रावधान के तहत विद्युत दरों का निर्धारण वर्ष में सिर्फ एक बार किया जा सकता है, लेकिन विद्युत नियामक आयोग ने संशोधन कर ईंधन लागत के साथ ऊर्जा लागत को भी जोड़ दिया। साथ ही मासिक आधार पर फ्यूल चार्ज तय करने व वसूलने के आदेश जारी कर दिए। बावजूद इसके कि इस वर्ष विद्युत दर निर्धारण के लिए 21 दिसंबर, 2022 को जारी सार्वजनिक सूचना में महज ऊर्जा लागत के आधार पर दरें तय करने का प्रावधान है। इसी के आधार पर जनवरी, 2023 में जनसुनवाई भी आयोजित की गई। यह सब देखते हुए मासिक आधार पर बिजली के दाम तय कर वसूलने का संशोधन व तदानुसार जारी आदेश गैर कानूनी है। मामले की प्रारंभिक सुनवाई पश्चात् न्यायालय ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने पक्ष रखा।

 


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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